Best ayurvedic medicine for eczyma in hindi|एक्जिमा के आयुर्वेदिक उपचार।

Ayurvedic medicine for eczyma: अगर आप एक्जिमा की समस्या से ग्रस्त हैं और एक्जिमा से छुटकारा पाने की लिए बेस्ट आयुर्वेदिक मेडिसन ढूंढ रहे हैं तो आप ही सही जगह पर हैं।

ayurvedic medicine for eczyma
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इस article में बेस्ट “best ayurvedic medicine for eczyma” की पूरी जानकारी लेने के साथ एक्जिमा क्या है? एक्जिमा के कारण हैं? क्या खाना चाहिए? क्या नहीं खाना चाहिए?इससे बचाव तरीके? एक्जिमा होने पर सावधानियां?सब कुछ जानने को मिलेगा।

# एग्जिमा से संबंधित आपको इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है यह जानकारी डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार बताई जा रही है।

# डॉक्टर के बताए अनुसार दवाई का सेवन करना चाहिए। कभी भी दवाई का सेवन बिना स्वास्थ्य जांच कराए न करें। ये खतरनाक साबित हो सकता है।

# यदि आप इस आर्टिकल में किसी भी जानकारी के मुताबिक कोई ट्रीटमेंट लेते हैं तो आपको सबसे पहले यह ध्यान रखना है कि डॉक्टर से अपना चेकअप कराएं और उसके बाद ही किसी दवाई या क्रीम का उपयोग करें।

क्योंकि हर किसी की मेडिकल कंडीशन अलग होती है हो सकता है जैसे प्रभाव एक व्यक्ति को मिले हैं दूसरे को उससे अलग प्रभाव देखने को मिले,

तो पहले डॉक्टर से सलाह लें और उसके बाद ही किसी भी ट्रीटमेंट या मेडिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें।

Table of Contents

Eczyma क्या है?

एक्जिमा त्वचा से संबंधित बीमारी का नाम है अगर किसी को एक्जिमा हो जाए, तो उसे प्रभावित जगह पर बहुत तेज खुजली होना, सूखा पड़ जाना, खुजली की वजह से जख्म हो जाना जैसी तकलीफों का सामना करना पड़ता है।

प्रभावित जगह पर सूजन आ जाने को भी एक्जिमा कहा जाता है यह एक सामान्य प्रकार का त्वचा रोग है जो 10% वयस्क, 25% बच्चे तथा 15 से 20% वृद्धावस्था में लोगों को प्रभावित करता है।

इस समस्या में व्यक्ति हर पल अपनी स्किन को खुजली करता रहता है उसकी स्किन पर जख्म हो जाते है। जिसके कारण प्रभावित जगह पर जलन दर्द और तकलीफ रहती हैं।

इसके लिए राहत और सामान्य इलाज जो बहुत कारगर और महत्वपूर्ण होता है त्वचा को moisturize रखना है यदि त्वचा में नमी बनी रहती है तो एक्जिमा के बढ़ने की संभावना कम रहती है।

हालांकि ट्रीटमेंट के लिए आज के जमाने में सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक दवाइयों की मांग बढ़ रही है क्योंकि आयुर्वेदिक दवाइयां देर में काम जरूर करती है लेकिन आयुर्वेदिक उपचार एक संतुष्ट प्रभाव प्रदान करने में कारगर है।

और पढ़ें- आपको अपना ख्याल कैसे रखना चाहिए।

एक्जिमा कितने प्रकार – Types of eczyma in hindi

Eczyma 6 प्रकार की हो सकती है जो निम्नलिखित है:

1.कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis)

2. डिस्कॉयड (discoid dermatitis)

3. सेबोरहोइक डर्मेटाइटिस (Seborrheic dermatitis)

4. एटोपिक डार्माटाइटिस (Atopic dermatitis)

5. स्टैसिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis)

6. न्यूमुलर एक्जिमा (Nummular eczema)

एक्जिमा किसे हो सकता है?

यह बीमारी किसी को भी किसी भी मौसम में हो सकती है ऐसा कोई निश्चित नहीं है कि यह किसी विशेष उम्र या व्यक्ति को प्रभावित करती हैं।

एक्जिमा कैसे फैलता है?

• एक्जिमा के फैलने का कोई एक विशेष कारण ज्ञात नहीं है लेकिन यह अनुवांशिकता के आधार पर व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।

यदि आपके पेरेंट्स या परिवार में किसी सदस्य को यह बीमारी है तो आपको यह बीमारी होने की संभावना रहती है।

• इसका एक मुख्य कारण बैक्टीरिया संक्रमण भी हो सकता है जो स्टेफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।

• अधिक पैराबिन और केमिकल युक्त साबुन के इस्तेमाल से भी एक्जिमा हो सकता है।

• स्वच्छता की कमी भी एक्जिमा होने कारण बन सकता है।

एक्जिमा के इलाज प्रभाव और बचाव व आयुर्वेदिक उपचार (pee safe use in hindi) के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।

एक्जिमा के लिए कौनसा सी आयुर्वेदिक दवा अच्छी है?|Ayurvedic medicine for eczyma in hindi

आयुर्वेद में जड़ी बूटियों के माध्यम से एक्जिमा का इलाज किया जाता है जिसे आप दवाई (Ayurvedic medicine for eczyma) के रूप में ले सकते हैं चाय के रूप में लें, या (ayurvedic medicine for eczyma) सप्लीमेंट या घरेलू नुस्खों के रूप में भी सेवन कर सकते हैं।

आयुर्वेद में सबसे ज्यादा कामयाब घरेलू नुस्खों को माना जाता है जो आपको बहुत प्रभावित रोग से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं Ayurvedic medicine for eczyma आपको एक्जिमा से भी स्थाई रूप से बिल्कुल निरोगी बनाने में सफल उपाय हैं।

तो चलिए हम इन तीनों तरीकों के बारे में जानते हैं।

एक्जिमा की आयुर्वेदिक दवाई/Ayurvedic medicine for eczyma.

आयुर्वेदिक दवाई आपको किसी भी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह और डॉक्टर के द्वारा अपने हेल्थ चेकअप के बाद चिकित्सक के बताए अनुसार करना चाहिए।

आयुर्वेदिक दवाई कभी भी खुद से सेवन करने से बचें क्योंकि यह दवाइयां नुकसान भी देख सकती हैं और हेल्थ को खराब कर सकती हैं इसलिए डॉक्टर जितनी मात्रा में आपको इसे खाने की सलाह दे केवल उसी मात्रा में और उतने टाइम के लिए इस्तेमाल करें।

1.आयुर्वेदिक चाय।

आयुर्वेदिक चाय हर्बल ट्रीटमेंट होता है जो अलग-अलग उद्देश्य के लिए अलग-अलग जड़ी बूटियों के माध्यम से बनाई जाती है। Ayurvedic medicine for eczyma चाय के रूप में दी जा सकती हैं या दवाई की तरह का सेवन कर सकते हैं। या इसे चाय के रूप में अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।

2. घरेलू नुस्खे।

एक्जिमा के लिए घरेलू नुस्खे बहुत कारगर साबित होते हैं यह प्रभावी लाभ पहुंचाते हैं लेकिन जरूरी है कि आप इन नुस्खों को पूरी तरह से समझ कर और लगभग 2 से 3 महीने लगातार इस्तेमाल करें।

घरेलू नुस्खों में आप को बाहर से कुछ भी लाने की जरूरत नहीं है आपके किचन में मौजूद सामग्री ही आपकी सहायता के लिए काफ़ी है।

हल्दी, नीम के पत्ते, तुलसी के पत्ते, शहद, एलोवेरा आदि चीजें घरेलू नुस्खों में अपनाई जाती हैं इनके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए आगे पढ़ते रहें।

3. दवाईया।

Ayurvedic medicine for eczyma को दवाई के रूप में भी लिया जा सकता है निर्भर करता है कि आपकी अवस्था कैसी है उसी अनुसार आयुर्वेद चिकित्सा डॉक्टर आपका उपचार करते हैं।

Ayurvedic medicine के संभावित दुष्प्रभाव।

आयुर्वेदिक इलाज के भी संभावित नुकसान देखने को मिल सकते हैं जो इस प्रकार है।

  • इसके परिणाम किस तरह के मिलेंगे इसका कोई सुरक्षात्मक प्रमाण नहीं है।
  • इसकी दवाइयों के परीक्षण के बारे में कोई जानकारी नहीं होती।
  • आयुर्वेदिक दवाइयों में विष युक्त पदार्थों को शामिल किया जाता है जो असुरक्षित साबित हो सकती हैं।
  • आयुर्वेदिक दवा पर निर्देशन नहीं होते कि उसमें कौन सी सामग्री मिलाई गई है तो उसकी किसी सामग्री से एलर्जी भी हो सकती है।
  • आयुर्वेदिक उपचार धीमें परिणाम देने वाले हैं।

Ayurvedic medicine for eczyma का सेवन करने से आपको भी उपरोक्त सभी संभावित नुकसान हो सकते हैं आयुर्वेदिक सामग्री के इस्तेमाल से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह करना आवश्यक है।

Ayurvedic medicine के संभावित लाभ।

आयुर्वेदिक इलाज बहुत प्रभावी होता है यह आपके पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में कामयाब तरीकों में से एक है।

  • आयुर्वेद के फायदों को देखकर आज आयुर्वेद पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है और इसके परिणामों को देखकर इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
  • आयुर्वेदिक में प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करके औषधि बनाई जाती है जो मन और शरीर पर सकारात्मक असर कर के विचारों को भी सकारात्मक बनाने में प्रभावी होती है।
  • Ayurvedic medicine for eczyma त्वचा से संबंधित अन्य कई तरह की बीमारियों को निष्क्रिय करने में काफी मददगार है।
  • आयुर्वेद में पहले समस्या का आकलन करते हैं उसके बाद उपचार किया जाता है।

लेकिन क्योंकि आयुर्वेद में सुरक्षा का समर्थन नहीं किया जाता यानी आयुर्वेद में सुरक्षात्मक उपाय के अनुरूप मेडिसन नहीं बनती तो जरूरी है कि आप पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही आयुर्वेदिक दवा का उपयोग करें।

और पढ़ें – बिना दवाई खाएं स्वस्थ कैसे रहे।/medicine free life

Eczyma के इलाज के लिए आयुर्वेदिक तेल। (Ayurvedic oil for eczyma in Hindi)

चूंकि एक्जिमा की बीमारी में त्वचा शुष्क रहती है ऐसे में त्वचा को नमी प्रदान करना जरूरी है ताकि प्रभावित स्थान पर गहरे ज़ख्म न हो।

ayurvedic oil for eczyma
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1)नारियल का तेल (Ayurvedic medicine for eczyma)

नारियल का तेल एक्जिमा की समस्या में आपकी स्किन को नमी प्रदान करने के लिए काफी अच्छा विकल्प है यह एक एंटीबैक्टीरियल गुण वाला तेल है जो हानिकारक संक्रमण को निष्क्रिय करने में मदद करता है।

नारियल का तेल इस्तेमाल करने का तरीका इस तरह बनाए, जहां भी आपको एक्जिमा बीमारी समस्या है वहां पर उंगलियों के माध्यम से तेल को अप्लाई करें और छोड़ दे ऐसा दिन में दो से तीन बार करें।

2) सूरजमुखी का तेल (Ayurvedic medicine for eczyma)

यह तेल नमी प्रदान करने में बहुत कारगर है त्वचा सूजन को भी कम करता है और स्किन जलन व रेडनेस को दूर करने में प्रभावी है।

सूरजमुखी तेल का इस्तेमाल यदि आप रोजाना नियमित रूप से दो बार करते हैं तो यह आपके लिए एक आदर्श तेल साबित होगा जो त्वचा को नमी देकर स्वस्थ बनाएगा।

3) विच हेज़ल (Ayurvedic medicine for eczyma)

विच हेज़ल तेल का उपयोग त्वचा पर एलर्जी से हुई सूजन को कम करने के लिए पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता है इसे रूई के माध्यम से त्वचा पर लगाते हैं अच्छे परिणाम के लिए रोज दो बार इसके उपयोग को दोहराएं।

यह तेल आयुर्वेद द्वारा तैयार फोर्मुला है इसमें त्वचा संक्रमण को निष्क्रिय करने की क्षमता है यह तेल लम्बे समय तक आपकी त्वचा को हाइड्रेट बनाने में भी मदद करता है।

4) एलोवेरा जेल से बना तेल (Ayurvedic medicine for eczyma)

एलोवेरा का तेल आप मार्केट से खरीद कर इस्तेमाल कर सकते हैं और घर पर बनाकर भी आप इस तेल को उपयोग में ला सकते हैं।

एलोवेरा जेल ठंडा होता है जो स्किन से खुजली, सूजन और जख्मों पर राहत प्रदान करने में मदद करता है यदि आपके पास एलोवेरा का बना तेल उपलब्ध नहीं है तो एलोवेरा जेल को अपनी त्वचा पर दिन में दो से तीन बार लगाएं।

एलोवेरा जेल में बहुत से एंटीबायोटिक और संक्रमण को रोकने वाले लाभकारी गुण होते हैं जो स्किन को मुलायम रखने में सहायक है और प्रोबायोटिक्स का काम करके त्वचा को रोगाणु मुक्त बनाने में मदद करते हैं।

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तनाव (stress) दूर करने के आयुर्वेदिक तरीके।

एक्जिमा के कारण तनाव होना भी आम बात होती है ऐसे में आयुर्वेद में तनाव प्रबन्धन के कई तरीके और उपचारों को लेकर ध्यान दिया गया है।

तनाव की स्थिति में एक्जिमा और अधिक बढ़ सकता है इसलिए तनाव प्रबन्धन आवश्यक है।

आप इन आयुर्वेदिक तरीको से तनाव पर काबू पा सकते हैं:

  • रोज कुछ समय खुली हवा में रहें।
  • मेडिटेशन करें।
  • शारीरिक व्यायाम भी तनाव कम करने में मदद करता है।
  • सगींत सुनें।
  • मालिश।
  • योग चिकित्सा का अभ्यास करें।
  • प्राणायाम करें।

Ayurved में एक्जिमा की बीमारी के लिए घरेलू उपचार।

1.हल्दी पाउडर।

हल्दी पाउडर में एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण विद्यमान है जो स्किन की सभी समस्याओं को हल करने में बहुत प्रभावी है।

हल्दी एक आयुर्वेदिक ओषधि (ayurvedic medicine for eczyma) है जो स्किन पर एलर्जी को खत्म करने में कारगर साबित होती है।

आप अपनी त्वचा को रोगाणु मुक्त और एक्जिमा से छुटकारा पाने के लिए हल्दी को दो तरह से उपयोग कर सकते हैं:

1) हल्दी का पेस्ट – हल्दी पाउडर में सरसों का तेल या नीम का तेल मिलाकर एक थिक पेस्ट बनाएं और एक्जिमा से प्रभावित जगह पर लगाएं। 15 मिनट बाद ठंडे पानी से नहा लें।

2) हल्दी का सेवन – (Ayurvedic medicine for eczyma) हल्दी पाउडर को अपने भोजन में शामिल करें इसके एंटीबायोटिक गुण शरीर को अंदर से रोगाणु मुक्त बनाने में मदद करते हैं। एक सप्ताह में एक चोथाई चाय का चम्मच हल्दी पाउडर एक गिलास दूध में मिलाकर पीने से भी त्वचा रोग दूर होते हैं।

2. शहद का उपयोग – (Ayurvedic medicine for eczyma) शहद भी एक आयुर्वेदिक ओषधि है जो स्किन को स्वस्थ रखने में सफल तरीको में से एक है। इसे भी आप हल्दी की तरह दो तरह से इस्तेमाल करें।

1) शहद का पेस्ट – (Ayurvedic medicine for eczyma) शहद में एक चुटकी हल्दी आधा चम्मच चंदन पाउडर मिलाकर प्रभावित स्थान पर लेप करें और सूखने पर ठंडे पानी से नहा लें।

2) शहद का सेवन – (Ayurvedic medicine for eczyma) रोज सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से त्वचा के रोग ठीक होने के साथ त्वचा पर निखार भी आता है इसे 15 दिन लगातार पीने से बहुत प्रभावी लाभ मिलते हैं।

3. एलोवेरा – (Ayurvedic medicine for eczyma) एलोवेरा कीटनाशक दवा और ayurvedic medicine for eczyma के रूप में काफी मददगार साबित होता है इसके इस्तेमाल से त्वचा की एलर्जी दूर होती है और एक्जिमा में एलोवेरा जेल आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।

इसे रोज दो बार त्वचा पर लगाते रहें, और इसका जूस बनाकर सेवन करें।

4. तुलसी – (Ayurvedic medicine for eczyma)तुलसी भी एक आयुर्वेदिक औषधि है इसका इस्तेमाल करके आप अपनी एक्जिमा की समस्या बहुत प्रभावी रूप से ठीक कर सकते हैं।

इसका इस्तेमाल करने के लिए तुलसी का पेस्ट तैयार करें इस पेस्ट में एक चुटकी हल्दी की और कोई आयुर्वेदिक तेल मिलाकर तैयार करें।

एक चम्मच तुलसी का बना पेस्ट पानी में डालकर सेवन करें।

5. गिलोय –(Ayurvedic medicine for eczyma) गिलोय भी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो आपको 15 दिनों में एक्जिमा की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती हैं। यह आयुर्वेद में बहुत कामयाब उपचार माना जाता है जो स्वास्थ्य से संबंधित कई समस्याओं के समाधान में सहायक है।

6. नीम – (Ayurvedic medicine for eczyma) जैसा कि हम सब जानते हैं प्राचीन समय से ही भारत में नीम का उपयोग बहुत सारी बीमारियों के इलाज खासकर त्वचा संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है।

और यह सच भी है कि त्वचा को स्वस्थ रखने में नीम एक प्रभावी औषधि है जो स्किन से किटाणुओं को हटाकर स्किन को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में मदद करती हैं।

नीम एक प्रोबायोटिक और एंटीबायोटिक से संपन्न औषधि है यह हर तरह के संक्रमण को नाकाम करने में शानदार काम करती हैं। आवश्यकता है कि आप इसका सही से और पर्याप्त समय के लिए इस्तेमाल करें।

नीम को पीसकर इसमें एक चम्मच सरसों का तेल एक चुटकी हल्दी और एक चम्मच बेसन मिलाकर एक पैक बना लें।

और उसे एक्जिमा से ग्रसित स्थान पर लेप करें सूखने पर ठंडे पानी से नहा लें इसे एक हफ्ते में दो बार जरूर करें और कम से कम 2 महीने तक करें।

नीम का जूस भी एक्जिमा को नाकाम करने में मदद करता है उसके लिए आप नीम की पत्तियों को अच्छे से धो लीजिए।

पानी डालकर इसे पीस लें फिर छानकर इसका जूस सेवन करें उसमें किसी भी प्रकार की कोई अन्य चीज ना मिलाएं।

7. बबूल – (Ayurvedic medicine for eczyma)

बबूल भी आयुर्वेद का एक पुराना तरीका है जिससे स्किन और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का इलाज किया जाता है यह एक गुणकारी पौधा होता है जो कई तरह से स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

बबूल भी नीम की तरह कड़वा होता है इसे भी पीसकर में हल्दी और तेल मिलाकर अपने एग्जिमा से प्रभावित स्थान पर लेप करें।

और सूखने पर धो लें। इसका उपयोग लगभग 1 से 2 महीना लगातार करने पर आपको बहुत अच्छे और प्रभावी फायदे मिलेंगे।

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एक्जिमा के लिए Panchakarma चिकित्सा थेरेपी।

आयुर्वेद चिकित्सा में एक्जिमा के लिए पंचकर्म चिकित्सा के साथ इलाज किया जाता है इस विधि से त्वचा संबंधित अन्य समस्याओं का भी इलाज किया जाता है।

इसमें कई तरह के इलाज और प्रक्रिया है होती हैं जिसके द्वारा एक्जिमा व त्वचा की समस्याओं को ठीक किया जाता है।

इस विधि में इस प्रकार की सलाह दी जाती है जैसे:

• आपको क्या खाना है क्या नहीं खाना ही बताया जाता है।

• तेल मालिश के द्वारा किया जाता है।

• शुद्धीकरण प्रकिया द्वारा इलाज किया जाता है।

• आपको किस तरह के वस्त्र धारण करने चाहिए यह भी समझाया जाता है।

यह पांच तरीके निम्न हैं:

1. वमन।

वमन का मतलब होता है जिसमें उल्टी कराकर मरीज के पेट से उन पदार्थों को बाहर निकाल दिया जाता है जो उसके स्वास्थ्य के लिए खराब है और उसे नुकसान कर रहे हैं। मुख्य तौर पर वसंत ऋतु में इस विधि का उपयोग किया जाता है।

एक्जिमा एक त्वचा संबंधी रोग है और इस बीमारी को ठीक करने के लिए भी इस विधि का उपयोग किया जाता है इसका उद्देश्य शरीर से उन किटाणुओं को निकालना होता है जो त्वचा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

2. विरेचन।

विरेचन में गुदामार्ग द्वारा हृदय, लंग्स,अमाश्य, के दूषित पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाता है जिससे शरीर में रक्त साफ होकर रक्त संचार भी बेहतर होता है और यह उपचार स्किन को भी साफ करके रोगाणु मुक्त बनाता है।

3. वस्ति

इस प्रक्रिया में भी गुदामार्ग व मूत्रमार्ग द्वारा शरीर से दूषित कणों को बाहर कर दिया जाता है। यह बहुत कारगर और प्रभावी तरीका होता है एक्जिमा में भी यह बहुत शानदार फायदा पहुंचाता है।

यह दो तरीके से किया जा सकता है इस विधि में शरीर से कणों को बाहर निकालने के लिए औषधि का काढ़ा बनाकर सेवन कराया जाता है और शरीर से खराब पदार्थों को नष्ट करके रक्त को साफ किया जाता है।

4. नस्य।

इस विधि में नाक मार्ग औषधि को शरीर में पहुंचाया जाता है इसीलिए इस विधि नस्य कहते हैं मुख्य रूप से यह गले की समस्याओं को सुधारने के लिए की जाती है।

एक्जिमा की समस्या समस्या के इलाज में भी यही विभिन्न तरीकों से काफी कारगर साबित होती है।

5. रक्त मोक्षण।

रक्त मोक्षण का मतलब शरीर से दूषित रक्त को बाहर निकालना और रक्त का शुद्धिकरण द्वारा साफ करना ताकि रक्त से संबंधित हर समस्या को ठीक किया जा सके।

आयुर्वेद में खून की सफाई को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि हमारे शरीर में रक्त बहुत महत्वपूर्ण होता है यदि हमारा रक्त खराब या दूषित है तो शरीर बीमारियों से घिर जाएगा।

इसीलिए आयुर्वेद में बीमारियों के इलाज के लिए सबसे पहले रक्त की सफाई की जाती है रक्त की सफाई के माध्यम से त्वचा और शरीर जुड़ी समस्याओं को खत्म किया जा सकता है और त्वचा से संबंधित सभी तरह की बीमारियों से बचने में भी मदद मिलती है।

यह विधि किसे नहीं करानी चाहिए।

√ कमजोर लोगों को।

प्रेगनेंसी के दौरान।

√ मानसिक विकार से ग्रसित लोगों को।

√ दमा के रोगी।

√ एड्स से पीड़ित रोगी।

इसके अलावा यह आपके स्वास्थ्य के लिए सही होगी भी या नहीं आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करें उसके बाद ही इस विधि को कराएं।

आयुर्वेद के अनुसार Eczyma होने पर क्या करें और क्या न करें –

क्या करें –

√ अपने खाने में फल सब्जियां शामिल करें।

√ रोज व्यायाम करें।

√ सफाई विशेष स्थान रखें।

√ रोज नहाने की आदत बनाएं।

√ ठंडी तासीर वाले भोजन का सेवन करें।

क्या ना करें

√ गर्म खाद्य पदार्थों को खाने से बचें जैसे मांस अंडे और चाय।

√ खट्टी चीजें ना खाएं।

√ उड़द दाल आहार में न खाएं।

√ शुगर की मात्रा कम लें।

और पढ़ें – स्वस्थ, स्वच्छ और खुश रहने के लिए अच्छी आदतें।

क्या Dexamethasone एक्जिमा का कारगर इलाज है?

Dexamethasone medicine एक्जिमा के उपचार के लिए भी डॉक्टर suggest करते हैं यह दवाई आमतौर पर खुजली, गंभीर त्वचा एलर्जी, कैंसर, आंखों से संबंधित बीमारी या त्वचा से संबंधित विकार के लिए उपयोग की जाती है।

आज हम इस दवाई को एक्जिमा के ट्रीटमेंट (Ayurvedic medicine for eczyma) के लिए कैसे इस्तेमाल करते हैं यह दवाई कहां उपलब्ध हो सकती है।

और कितनी मात्रा में इसका सेवन करना है व कितने समय तक इसका उपयोग करना चाहिए, के बारे में कोई जानकारी लेते हैं।

Dexamethasone medicine कैसे काम करती है?

अगर आपको एक्जिमा की समस्या है और आप किसी दवाई को अपने ट्रीटमेंट के लिए सेवन करना चाहते हैं तो Dexamethasone आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।

यह दवाई खरीदने के लिए आपको पैसे भी खर्च करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार की तरफ से यह दवाई आपको फ्री में किसी भी सरकारी हॉस्पिटल से आसानी से मिल जाएगी।

कई case में यह दवाई मुझे डॉक्टर द्वारा दी गई थी जिसका सेवन रोज एक बार किया और इसके बहुत बेहतरीन रिजल्ट देखने को मिले।

यह कोई आयुर्वेदिक दवाई नहीं है लेकिन सरकार द्वारा यदि कोई दवाई दी जा रही है इसका मतलब यही है कि उसके साइड इफेक्ट बहुत कम है और यह बहुत इफेक्टिव दवाई है इसीलिए आपसे इस दवाई के बारे में जानकारी शेयर की है।

Dexamethasone के लिए विशेषज्ञ सलाह।

डॉक्टर के अनुसार बताइए खुराक का सेवन करें अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें।

जितने समय तक डॉक्टर ने आपको इसे खाने के लिए बताई है सिर्फ उतने समय के लिए इसका सेवन करें।

यदि कोई साइड इफेक्ट आप को प्रभावित करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Dexamethasone के सामान्य साइड इफेक्ट्स।

इसके सेवन से निम्नलिखित साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं।

  • मूड में बदलाव।
  • जल्दी थकान महसूस करना।
  • वजन का बढ़ना।
  • पाचन तंत्र में गड़बड़ी।

Dexamethasone के लिए सावधानियां बरतें।

• यदि आप Dexamethasone दवाई का सेवन कर रहे हैं तो शराब का सेवन करने से बचें।

• प्रेगनेंसी में इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।

• इसकी अधिक मात्रा ना करें।

• लम्बी अवधि तक इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

एक्जिमा की बेस्ट क्रीम/क्या Eczyma में क्रीम इस्तेमाल करना सही है?

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जी हां आप एक्जिमा में क्रीम उपयोग कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कोई भी केमिकल युक्त क्रीम online जानकारी के आधार पर न खरीदें यह क्रीम समस्या सुलझाने के बजाय बढ़ा देती हैं।

अपने डॉक्टर या आयुर्वेद में भी बहुत कारगर क्रीम बनाई जाती है तो आयुर्वेद चिकित्सा डॉक्टर से सलाह लेकर आयुर्वेदिक क्रीम को प्रयोग करें।

Clotrimazole Cream त्वचा रोग दूर करने वाली एक प्रभावी क्रीम है जो स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाती और एक्जिमा की समस्या को ठीक करने में मदद करती है। यह क्रीम आपको सरकारी अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी।

एक्जिमा में आहार परिवर्तन।

एक्जिमा के इलाज में आहार परिवर्तन एक जरूरी उपाय है जो एग्जिमा को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

आमतौर पर एक्जिमा से ग्रसित लोगों को संसाधित खाद्य पदार्थ जो पौधें आधारित आहार होते हैं उन्हें खाने की सलाह दी जाती हैं एक्जिमा से पीड़ित लोगों के लिए मुख्य रूप से आदर्श आहार इस प्रकार का होना चाहिए।

  • ऐसी चीज खाएं जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो।
  • फल और सब्जियों को अपने खाने में ज्यादा खाएं।
  • एलोवेरा को भी डाइट करो शामिल करें।
  • कड़वी चीजों का सेवन अधिक करें।

क्या चीज नहीं खानी चाहिए–

  • एक्जिमा से पीड़ित लोगों को इन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • बहुत तेज मिर्च मसालेदार भोजन से।
  • मांस मछली न खाएं।
  • अंडे खाने से बचें।
  • खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • फास्टफूड।
  • सोडा।
  • गर्म तासीर वाले भोजन।
  • लाल मिर्च का सेवन।
  • अत्यधिक शक्कर।

त्वचा से संबंधित किसी भी प्रकार के समस्या में आपको यह ध्यान रखना है कि आपको किस तरह का भोजन करना है।

क्योंकि भोजन उपचार में बहुत अहम भूमिका निभाता है तो ध्यान रखें त्वचा के रोग में ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करें गर्म चीजों के सेवन से बचें।

किन लोगों को दूसरों की तुलना में एक्जिमा होने का खतरा ज्यादा होता है।

• ठंडे वातावरण में रहने वाले लोग।

• एलर्जी से ग्रसित लोग।

• शुष्क स्थान पर होने वाले लोग।

• सफाई का ध्यान ना रखना।

• दूसरों की चीज उपयोग करने वाले।

• भीड़ वाले वातावरण में।

Eczyma होने के क्या कारण।

1.अस्वच्छता।

2. ज्यादा मात्रा में भारी भोजन करना।

3. मौसम में बदलाव।

4. खट्टी चीजों का सेवन।

5. खाने के तुरंत बाद व्यायाम या शारीरिक काम करना।

6. उल्टी रोकना।

7. मछली खाना।

8. पाचन तंत्र में गड़बड़ी।

9. जरूरत होने पर पंचकर्म चिकित्सा न लेना।

10. ठंडा वातावरण।

11. अनुचित भोजन।

12. हार्मोन बदलाव।

13. एलर्जिक रिएक्शन।

14. साबुन का उपयोग।

15. धुम्रपान करना।

Eczyma होने के लक्षण।

  • त्वचा पर खुजली होना।
  • प्रभावित जगह पर जलन होती है।
  • तनाव होना।
  • खुजली की वजह से जख्म होने लगते हैं।
  • त्वचा में खुजली के कारण खून भी निकलता है।
  • स्किन पर पपड़ी जम जाती है।
  • स्किन पर चकत्ते पड़ना।
  • दाने उभरने लगते हैं।

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क्या है एक्जिमा से बचने के उपाय :

1.ऐसे व्यक्ति जो एग्जिम से प्रभावित है उनके वस्त्र साझा ना करें

2. ढीले कपड़े पहने। टाइट कपड़े स्किन समस्याएं फैला सकते हैं।

3. सूती कपड़े पहने क्योंकि सूती कपड़ों में पसीना सोखने की क्षमता होती है जो आपकी त्वचा को सुखी बनाए रखने में मदद करते हैं जिससे स्किन पर कीटाणु नहीं पनपते।

4. स्किन पर कोई भी केमिकल युक्त चीज का उपयोग ना करें क्योंकि केमिकल्स त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

5. अगर आपको एक्जिमा है तो प्रभावित स्थान को सूखा रखें गीलेपन से यह रोग और फैलता है।।

6. एक्जिमा किसी भी जगह हो सकता है इसका मुख्य कारण केमिकल होता है अगर आप अपने बालों में किसी प्रकार की डाई लगा रहे हैं जो केमिकल युक्त है तो एक्जिमा हो जाता है इसीलिए बालों में केमिकल युक्त पदार्थों का उपयोग करने से बचें।

7. चेहरे पर भी किसी भी प्रकार का ऐसा प्रोडक्ट उपयोग ना करें जिसमें केमिकल हो क्योंकि यह भी एक्जिमा का कारण बन सकता है।

8. धूल मिट्टी के कणों के कारण भी यह रोग हो सकता है तो ऐसे वातावरण से दूर रहे हैं जहां ज्यादा धूल मिट्टी हो

9. आजकल टैटू बनवाना भी बहुत ट्रेंड में है लेकिन यह भी त्वचा विकार का कारण बन सकता है। इसलिए केमिकल युक्त टैटू बनवाना नहीं चाहिए।

10. अनुवांशिकता इस रोग का मुख्य कारण है तो यदि आपके माता पिता को यह रोग हुआ है तो आपको भी यह रोग होने की संभावना है। लेकिन स्वच्छता का पालन करें तो आपको एक्जिमा नहीं होगा।

क्या एक्जिमा छूने से फैलता है?

एक्जिमा छूने से नहीं फैलता लेकिन यह संक्रमण स्वच्छता की कमी से जरूर फैल सकता है तो अगर आपको यह डर है कि यह छूने से फैलता है तो आप इस डर को अपने मन से निकाल दें क्योंकि एक्जिमा होने का मुख्य कारण जेनेटिक होता है यह एक दूसरे को छूने से नहीं फैलता।

Eczyma के दौरान जीवनशैली कैसी होनी चाहिए।

यदि आपको eczyma की समस्या है तो आपको अपनी जीवनशैली में कुछ विशेष बदलाव करने की आवश्यकता होगी क्योंकि अगर आप यह बदलाव नहीं करेंगे तो आप एक्जिमा से निजात पाने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सकते।

जीवन शैली में यह बदलाव एक्जिमा में जरूरी है:

  • तनाव से बचें और तनाव बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहें।
  • गर्म पानी नहाने के लिए उपयोग ना करें एक्जिमा की समस्या में आपको ठंडे पानी से नहाना चाहिए।
  • प्रभावित त्वचा को हाइड्रेट करके रखें।
  • टाइट और ऊनी कपड़ों को पहनने से परहेज़ करें।
  • बार-बार खुजली ना करें।
  • प्रभावित जगह को सुखी रखें।
  • रोज नहाने की आदत बनाएं।
  • मांस मछली और गर्म चीजों का सेवन करने से बचें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

एक्जिमा में डॉक्टर से कब सम्पर्क करें?

इस बीमारी में घरेलू इलाज अधिक किए जाते हैं लेकिन मेरे अनुसार यदि जानकारी न हो तो घर पर इलाज नहीं करना चाहिए क्योंकि अज्ञानता समस्याओं को सुलझाने के बजाय बढ़ा सकती है।

तो इसीलिए अगर आप इंग्लिश दवाईयां नहीं खाना चाहते तो भी किसी आयुर्वेद चिकित्सा डॉक्टर से सलाह लेकर घरेलू इलाज करें।

यदि घरेलु इलाज से भी स्थिति बेहतर न हो तो त्वचा डॉक्टर से उपचार कराएं।

Eczyma के लिए सुरक्षा और सावधानियां।

~ भोजन में पूरक आहार शामिल करें।

~ अधिक मात्रा में औषधि का प्रयोग न करें।

~ समय पर डॉक्टर से संपर्क करें खुद इलाज करके समस्या न बढ़ाएं।

~ तली हुआ खाद्य पदार्थ न लें।

~ बाहर का भोजन करने से बचें।

~ शरीर को हाइड्रेट रखें।

~ रोज नहाएं।

अंतिम शब्द।

एक्जिमा की समस्या में आयुर्वेदिक दवाइयां बहुत प्रभावी परिणाम देने वाली होती हैं। लेकिन इस article में Ayurvedic medicine for eczyma in hindi के बारे में जो जानकारी दी गई है उसे चिकित्सक की निगरानी में ही फोलो करें।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

4 thoughts on “Best ayurvedic medicine for eczyma in hindi|एक्जिमा के आयुर्वेदिक उपचार।”

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