Role of female health worker : एक फीमेल हेल्थ वर्कर का रोल स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में रोगियों की देखभाल करना और रोगी जल्दी स्वस्थ करने की जिम्मेदारी होती है महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ज्यादा बेहतर तरीके से मरीजों के दुःख को समझने में सक्षम हैं व रोगियों की समस्याओं को महसूस कर सकती हैं आवश्यकता हो तो रोगियों को स्वस्थ होने और सांत्वना देने के लिए अपनी ओर से कोशिश करती हैं।

भारत में लगभग 70% लोग विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की तलाश में रहते हैं जिसमें 99% परसेंट पुरुष है महिलाओं की परसेंटेज गांव में हेल्थ वर्कर के रूप में बहुत कम है।
जबकि मेडिकल में प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं ज्यादा अच्छे से देखभाल प्रदान कर सकती हैं और पीड़ितों की भावनाओं को पुरुषों की अपेक्षा बेहतर तरीके से समझती हैं।
लेकिन अब गांव में भी आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को स्वीकारना प्रारंभ कर दिया है इसके परिणाम स्वरूप महिला हेल्थ वर्कर को भी एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है जिससे वह अपने कौशल को पेशेवर तरीके से बिना सामाजिक दबाव के पूरी मान्यता के साथ अपना काम कर सकती हैं।
इससे महिलाओं की जिंदगी में भी बदलाव हो रहा है आज स्त्रियां हर क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाने का साहस दिखा रही है पुराने समय में महिलाओं को सिर्फ घर में सिमटाकर रखा जाता था।
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उन्हें स्वास्थ्य देखभाल में प्रशिक्षित किया है जिससे आज ग्रामीण क्षेत्रों में 75% महिलाएं हेल्थ वर्कर के रूप में कार्यरत है।
Role of female health worker – महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के कर्तव्य।
• इसके अलावा फीमेल हेल्थ वर्कर का काम रोगियों को एक आरामदायक वातावरण और सुरक्षित क्षेत्र उपलब्ध कराना भी है ताकि रोगियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
• पेशेंट को दवा प्रदान करना, उनकी बीमारियों को फैलने से रोकना, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, उनके आसपास सफाई का ध्यान रखना रोगियों को सही सुझाव देना तथा उनके स्वास्थ्य के लिए सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना एक हेल्थ वर्कर का काम होता है फिर चाहे वह हेल्थ वर्कर पुरुष हो या महिला।
• Female health worker स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ावा देने में मदद करती हैं बीमारी चोट और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमो की रोकथाम के लिए उन्हें जो शिक्षा दी जाती है वह उनका निर्वहन करती हैं।
• रोगियों की जिंदगी में सुलभ समाधान और सकारात्मक बदलाव लाना भी उनका काम होता है।
Female health worker पदों के वर्ग स्तर:
-जनरल कैटेगरी (General category)
-ओबीसी (OBC category)
-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS category)
-SC वर्ग (category)
-ST वर्ग (category)
Female health worker की आवेदन योग्यताएं –
- उम्र 18 से अधिक 40 से कम होनी चाहिए।
- बोर्ड 12 पास की डिग्री होनी चाहिए।
- ऑक्सिलियरी नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन।
स्वास्थ्य कर्मियों में कितने प्रतिशत महिलाएं हैं?
स्वास्थ्य कर्मियों में आज महिलाएं ज्यादा सक्रिय हैं 70% महिलाएं स्वास्थ्य कर्मी हैं लेकिन उनको आय कम ही दी जाती है।
Health workers (Nurses) ज्यादातर महिलाएं ही क्यों होती हैं?
नर्सिंग कार्य में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है क्योंकि महिलाएं घर में बच्चों की, परिवार की देखभाल करती है तो स्वाभाविक रूप से ऐसा माना जाता है कि वह सामाजिक रूप में भी बेहतर तरीके से कार्य कर पाएंगी जिसके लिए उन्हें ज्यादा सीखने की जरूरत नहीं होती ।
इसीलिए महिलाओं को इस कार्य में ज्यादा सीटें मिलती है क्योंकि महिलाओं में सेवाएं देना और देखभाल करने जैसी भावना पहले से ही विकसित होती हैं।
Female health worker को क्या मान्यता दी जाती है।
सरकार दावा करती है कि वह महिलाओं को हेल्थ वर्कर्स के रूप में कार्यरत करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दे रही है ऐसा करके उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी।
सिर्फ नियम कानून बनाकर या किसी सरकारी नीतियों से सामाजिक स्थिति में परिवर्तन नहीं आ जाएगा।
उसके लिए आवश्यक है कि सरकार अपने बनाए गए कानून पर कड़ी नजर से अमल कराएं। क्योंकि देश में महिलाओं की स्थिति बुरी नहीं है।
जिस वजह से उन्हें किसी भी काम में खुद को दर्शाने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
सरकार को उनकी समस्याओं को समझ कर उन्हें एक से ही और सुरक्षित स्थिति प्रदान करने की जरूरत है।
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Health workers के वेतन में अंतर क्यों?
- स्वास्थ्य क्षेत्र में लैंगिक भेदभाव होता है जहां पुरुषों का वेतन ज्यादा होता है तो महिलाओं को ऐसे कार्य में लगाया जाता है जहां पर उन्हें वेतन कम मिलता है।
- औपचारिक,अनौपचारिक स्वास्थ्य सेवा दोनों क्षेत्रों में महिलाओं को निम्न दर्जा दिया जाता है चाहे फिर वह वेतन देने के लिए हो या कार्य के लिए।
- महिलाओं के द्वारा यह भेदभाव होने के बावजूद संस्थान कार्य स्थलों में महिलाओं से इसी स्थिति में कार्य करते रहने की उम्मीद की जाती है।
- बहुत आवश्यक है कि उन्हें अपने काम के लिए मजदूरी ना देकर मानदेय मिले या पूरी इज्जत के साथ जितना वेतन एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में पुरुष को मिलता है उतना ही वेतन एक स्त्री को भी मिले।
- क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा किसी भी कार्य में कम वेतन दिया जाता है जबकि वह पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा ईमानदारी और निपुणता से अपना कार्य करती है।
- महिलाओं को कोई भी क्षेत्र में काम करने के लिए बहुत सारी परेशानियों को झेलना पड़ता है।
- इन सभी की वजह से महिलाओं में आत्मसम्मान की कमी हो जाती है और वह खुद को आत्मनिर्भर बनाने में संकोच करती हैं।
- महिलाओं की इस स्थिति की वजह से देश बहुत पीछे रह गया है इसलिए आवश्यकता है कि हर काम में महिलाओं को उतनी ही इज्जत दी जाए जितना सम्मान किसी भी पुरुष को दिया जाता है। फिर वह हेल्थ वर्कर के रूप में हो या कोई अन्य सरकारी नौकरी तभी देश एक सफल राष्ट्रीय बनेगा।
- महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें किसी भी काम में अपना योगदान देने के लिए चुनौतियों का सामना तो करना ही पड़ता है साथ-साथ उन्हें पुरुषों द्वारा तरह-तरह की अश्लील बातों से भी उत्पीड़ित होती हैं।
- महिलाओं का बलात्कार के साथ छेड़छाड़ आदि जैसी प्रॉब्लम महिलाओं को कमजोर कर देती हैं।
- इन अपराधों को रोकने के लिए सरकार को एक ठोस कदम उठाने की जरूरत है कुछ कानून बना देने से महिलाएं सुरक्षित नहीं हो सकती है।
- उन्हें पारिवारिक व सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता जरूरत है एक सही निर्णय की जो केवल या तो महिला ले सकती है या फिर सरकार को उन्हें आत्म विश्वासी बनाने के लिए सही कानून बनाना और उन पर अमल करना चाहिए।
Female health workers की स्वास्थ्य समस्याएं।
महिलाओं स्वास्थ्य कर्मी का उत्पीड़न हिंसा द्वारा किए जाने की संभावनाएं रहती हैं उनके साथ मारपीट होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों में स्वास्थ्य जोखिमों की भी ज्यादा संभावनाएं होती हैं यह विशेषकर भावनात्मक रहती है क्योंकि उनको इस तरह से पीड़ित किया जाता है जिससे उनकी भावनाएं आहत होती हैं।
अपने साथ हो रहे इस तरह के व्यवहार से महिला स्वास्थ्य कर्मी मानसिक रूप से परेशान हो जाती है जिसकी वजह से वह तनाव और डिप्रेशन का शिकार भी हो जाती है।
Female health workers में मनोबल की कमी रहती है क्योंकि उन्हें बहुत कम सपोर्ट दिया जाता है।
उनकी हिम्मत कम होने की वजह से उनकी हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है रोगियों की देखभाल करने की उनकी क्षमता में कमी आ जाती है।
सही सुविधाओं की कमी की वजह से फीमेल हेल्थ वर्कर को यौन उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ता है उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। जिसकी वजह से उनके प्रोफेशनल वर्क पर प्रभाव पड़ता है।
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Female health workers की भागीदारी से health क्षेत्र में क्या सुधार हुए हैं।
समस्त क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी करने से स्वास्थ्य प्रणाली में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं:

• स्वास्थ्य मानकों की उन्नति हो रही है।
• हर पद पर महिलाओं की स्थिति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है जिसमें अधिकतर महिलाएं नर्स के रूप में कार्य कर रही हैं।
• स्वास्थ्य चिकित्सा में महिलाओं की भागीदारी से रोगियों की निगरानी रखने उन्हें निरंतर सही जांच और देखभाल रखने में बढ़त हुई है।
• विशेषकर प्रेगनेंसी की, डिलीवरी के दौरान महिलाओं को ज्यादा कार्य करना पड़ता है क्योंकि इस बारे में महिलाएं ज्यादा जानती और समझती हैं और वह इस जटिल कार्य में बहुत समझदारी और संयम से काम कर पाती है।
• कोरोना की दौरान सभी हेल्थ वर्कर ने अपना पूरा योगदान दिया है जिसमें महिलाएं ज्यादा सक्रिय रहे हैं।
• कोरोना के दौरान हेल्थ हीरोज में सबसे आगे महिलाओं की ही संख्या थी जिन्होंने इस संकट की घड़ी में अपनी और अपने परिवार की चिंता ना करते हुए अपने देश की सेवा करना ज्यादा महत्वपूर्ण समझा।
• महिलाओं को हर जगह निम्न स्थिति में ही रखा जाता है और इसमें महिलाएं अधिक कोरोना में प्रभावित हुई है उसका एक कारण यह है की जो सामग्री हेल्थ वर्कर को दी गई।
• वो पुरुषों के लिए डिजाइन की गई थी जिस वजह से बहुत-सी महिलाओं को वह सारी सामग्री फिट नहीं हुई और इस वजह से महिलाओं में कोरोना होने की दर ज्यादा रही।
• लंबे समय से वैश्विक स्वास्थ्य संस्थान लिंग संबंधी नीतियों में सुधार करता आ रहा है जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार हुए हैं।
• लेकिन कोविड-19 में यह साबित हो गया है कि अभी भी महिलाओं को पर्याप्त समानता नहीं मिली है।
• हालांकि कोविड-19 के समय इस लड़ाई में पुरुष और महिलाएं समान रूप से खड़े रहे। लेकिन अधिकतर जोर महिलाओं पर डाल दिया गया है जिससे समझ आता है कि आज भी समानता में कमी है।
बहुउद्देश्यीय female health workers क्या है?
आज के टाइम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता में female health workers ज्यादा काम करती हैं। जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक पहलू है क्योंकि महिलाएं अपना काम ज्यादा समझदारी और मेहनत से करती हैं।
इससे देश की स्वास्थ्य प्रणाली में अच्छे बदलाव हो रहा है जो देश की उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू में से एक है।
Female health workers देश में स्वास्थ्य कार्यों में ज्यादा काम करती है उन्हें हर तरह का काम सीखने को बढ़ावा दिया जाता है तथा female health workers अपना सभी काम पूरी इमानदारी से भी करती हैं।
Female health workers को ज्यादा काम करना पड़ता हैं?
महिलाओं को परिवार द्वारा सपोर्ट चाहिए उन्हें एक सही वातावरण चाहिए जहां पर वह वर्कर के रूप में बिना किसी डर के और बहुत ज्यादा कठिनाई के बिना अपना काम कर पाए।
इसके लिए महिलाओं को काम के लिए सही समय और दूर जाने के लिए एक सही परिवहन सहायता देनी चाहिए।
ना केवल सरकार को बल्कि समाज को भी महिलाओं को हर तरह से सपोर्ट करने में मदद करनी चाहिए।
इससे महिलाओं में पेशेवर काम करने, समाज में उनको स्वीकार करना, उनकी विश्वसनीयता बढ़ने में मदद मिलेगी। तथा महिलाएं एक हेल्थ वर्कर के रूप में खुद को हर रूप से मजबूत देखेंगी।
Thankyou for reading.