Period problem in hindi: महिलाओं को हर महीने पीरियड प्रॉब्लम को सहना पड़ता है तो कौन सी पीरियड प्रॉब्लम है कारण क्या होते हैं? उनके समाधान क्या है? और पीरियड से जुड़े अन्य सवालों के बारे में चर्चा करेंगे।

What is Menstruation in hindi – पीरियड्स क्या होते हैं?
पीरियड्स या जिसे हिंदी में मासिक धर्म कहा जाता है लड़कियों में सामान्यता 28 दिन के अंतराल में होते हैं।
इसकी एक अवधि (Duration) जब पीरियड का पहला दिन होता है तब से लेकर अगली बार पीरियड्स के पहले दिन तक के बीच के समय में पूरी होती है। इस पूरी अवधि को मेंस्ट्रूअल साइकिल कहा जाता है।
संक्षेप में: किशोरियों के गर्भारम्भ से अनिश्चित अंडाणुओं अतिरिक्त रक्त श्लेष्मा तथा श्वेत रक्त कणिकाओं का 28 दिन के बाद स्रावित होना मासिक धर्म कहलाता है।
Signs of periods in hindi – मासिक धर्म आने के संकेत।
√ पीरियड आने से पहले शरीर में बाल आने लगते हैं।
√ Under Arms में भी (Teenage problems) बाल आने शुरू हो जाते हैं।
√ शरीर में ऐसे बदलाव महसूस होते हैं जिनसे लड़कियां कंफर्टेबल नहीं होती।
√ स्तनों का आकार भी बढ़ने लगता है।
>>Must read – wheatgrass के अद्भुत स्वास्थ्यवर्धक लाभ।
Common Period problem in hindi – महावारी संबंधी समस्याएं।
पीरियड का समय ऐसा होता है जब लड़कियों को बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं ना केवल उनमें शारीरिक बदलाव आते हैं बल्कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
इस समय लड़कियों का काम में मन नहीं लगता। वह बहुत से काम ऐसे होते हैं जो नहीं कर पाती, ऐसे में लड़कियां वजन उठाने से भी कतराती हैं क्योंकि बहुत सी लड़कियों स्वास्थ्य में अधिक वजन उठाने से issues हो जाते हैं।
हर लड़की का बॉडी स्ट्रक्चर अलग होता है और उसकी क्षमता भी अलग होती है इसीलिए यह उसके mindset पर निर्भर करता है कि उस पर मासिक धर्म का कैसा प्रभाव होगा।
सामान्यतः लड़कियों को यह पीरियड प्रॉब्लम्स (Period problem in hindi) होती हैं –
#1.तनाव (stress) – Period problem in hindi
क्योंकि लड़कियाें को पहले ही जानकारी होती है कि उन्हें किस date को पीरियड्स होते हैं तो उस तारीख से 1 दिन पहले ही उन्हें तनाव और स्ट्रेस होने लगता है।
#2. दर्द (Pain) – Period problem in hindi
इसके अलावा मासिक धर्म में होने वाले दर्द को भी सहना पड़ता है। महिलाएं पेट, कमर और पैरों में मासिक धर्म का दर्द मुख्यता महसूस करती हैं।
#3. कमजोरी (Weakness) – Period problem in hindi
लड़कियों को हमारे भारतीय समाज में कम माना जाता है और इसीलिए उनको लड़कों के मुकाबले खाने के लिए भी कम दिया जाता है।
जबकि उनके साथ हर महीने जो यह प्रक्रिया होती है उन्हें और ज्यादा खाने की जरूरत होती है पर पारंपरिक मानसिकता के कारण अधिकतर माता-पिता लड़कियों के खाने पर ध्यान नहीं देते।
जिस वजह से उन में पोषण की कमी देखी जाती है और ऐसे में लड़कियां कमजोरी का शिकार हो जाती है।
#4. थकान (Tiredness) – Period problem in hindi
पीरियड के दौरान लड़कियां बहुत थका हुआ महसूस करते हैं यह था कि उन्हें शारीरिक और मानसिक के कारण रहती है। इसलिए इस समय उनके लिए आराम करना जरूरी है।
#5. हड्डियों में दर्द (Bones or join pain) – Period problem in hindi
कमजोरी और थकान के साथ हड्डियों में दर्द रहना भी Period problem है जो कमजोरी के कारण होता है।
#6. नींद में गड़बड़ी (sleep disturbance) – Period problem in hindi
पीरियड के दौरान महिलाओं को नींद आने में भी परेशानी महसूस होती है बेचैनी और घबराहट के कारण उन्हें ठीक से नहीं आती।
#7. बालों का झड़ना (Hair loss) – Period problem in hindi
मासिक धर्म के दौरान बालों का झड़ना भी आम बात होती है क्योंकि इस टाइम शरीर में बहुत ज्यादा हार्मोन की गड़बड़ी रहती है।
जिससे बालों पर गलत प्रभाव पड़ता है। और बाल झड़ते हैं लेकिन यह समस्या पीरियड्स (Period problem in hindi) खत्म होने के साथ ठीक हो जाती है।
#8. कमर में दर्द (Back pain) – Period problem in hindi
Back pain भी इस समय एक समस्या होती है जो आमतौर पर सभी लड़कियों को होती है क्योंकि जब हार्मोन चेंज होते हैं तो सबसे ज्यादा असर रीड की हड्डी पर होता है।
जिस वजह से कमर के नीचे वाले भाग में दर्द महसूस होता है यह दर्द किसी को बहुत हल्का और किसी को बहुत तेज हो सकता है।
#9. घबराहट (Anxiety) – Period problem in hindi
पीरियड के दौरान महिलाओं में घबराहट की स्थिति रहती है क्योंकि उनके शरीर में बहुत से आने वाली जैन जी होते हैं जिस वजह से वह मानसिक रूप से परेशान महसूस करती है।
#10. मनोदशा बदलाव ( Mood swings) – Period problem in hindi
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं ने बार-बार mood swing होता है कभी उनका मन अच्छा रहता है तो कभी बुरा फील करता है।
इस समय महिलाओं को अलग-अलग तरह की चीजों को खाने का मन भी करता है यानी उनका टेस्ट भी बदलता रहता है।
#11. उल्टी (Vomiting) – Period problem in hindi
पीरियड्स में कुछ लड़कियों को उल्टी की शिकायत की होती है क्योंकि इस टाइम पर उनके शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस रहता है किस वजह से उनका शरीर किसी भी चीज को except नहीं करता।
#12. चक्कर आना (dizzying) – Period problem in hindi
चक्कर आना भी पीरियड प्रॉब्लम (Period problem in hindi) है चक्कर आने का मुख्य कारण कमजोरी है।
इसके अलावा बॉडी में होने वाले बदलावों के कारण मानसिक दशा बिगड़ जाती है जिससे चक्कर महसूस होते हैं।
#13. बैचेनी (restlessnesss) – Period problem in hindi
बेचैनी रहना पीरियड में सभी महिलाओं के लिए सामान्य बात है क्योंकि उनके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन हो रहे होते हैं।
#14. मुंहासे (pimple issue) – Period problem in hindi
कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान पिंपल्स की समस्या हो जाती है पीरियड खत्म होने के बाद ठीक भी हो जाती है यह समस्या हर किसी को नहीं होती।
#15. कब्ज (Constipation) – Period problem in hindi
अधिकतर महिलाएं मासिक धर्म के दौरान कब्ज की समस्या से जूझती हैं इस दौरान कब्ज से रहने से पेट में दर्द और ऐंठन बनी रहती है।
#16. मांसपेशियों में खिंचाव (Muscles pain) – Period problem in hindi
मांसपेशियों में दर्द की एक समस्या है जो लगभग हर लड़की महसूस करती हैं किसी को यह दर्द कम होता है (iba product review) तो किसी को अधिक।
#17. असहनीय शारीरिक दर्द (so painful pain) – Period problem in hindi
कुछ लड़कियों को पेट के शुरुआती कुछ सालों में बहुत ज्यादा असहनीय शारीरिक दर्द होता है इसमें उन्हें पूरे शरीर में दर्द होता है।
इस महिलाएं एक पीड़ादायक समय से गुजरते हैं उनके पेट में पैरों में कमर में सिर में मांसपेशियों में हर जगह दर्द रहता है।
हमारे भारत में समाज में इतना तेज दर्द होने के बाद भी महिलाओं को ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता यह कहकर बात टाल दी जाती है कि यह दर्द तो प्रकृति की देन है जिसका इलाज नहीं होता।
जबकि इसका इलाज उपलब्ध है और लड़कियों को यह इलाज मिलना भी चाहिए, क्योंकि यह समस्या उनको भविष्य में बुरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं।
>>Must read – Best liver syrup के फायदे और नुकसान अवश्य जाने
Irregular Period in hindi – पीरियड्स अनियमितता
पीरियड्स अनियमितता ऐसी समस्या है (Period problem in hindi) जो लगभग सभी को हो जाती हैं पीरियड्स की अवधि में एक उम्र के बाद महावारी में अनियमितता हो सकती हैं।

मासिक धर्म का नियमित अंतराल पर ना होकर अनियमित अंतराल पर होना या असाधारण रूप से खून का बहना मासिक धर्म की अनियमितता कहलाती है।
एक सामान्य महिला के लिए मासिक धर्म का चक्र 21 दिन से 35 दिन तक हो सकता है जिसमें रक्तस्राव 2 दिन से 7 दिन तक होता रहता है।
सामान्यता अनियमितता कब होती है।
1.जब पीरियड्स होने की शुरुआत होती है यानी 12 साल से 15 साल के बीच में लड़कियों को पीरियड्स आने में अनियमितता होती रहती है।
2. जब महावारी समाप्त होने का समय होता है तब भी पीरियड्स अनियमितता होती है। यह 45 साल से 55 साल तक का काल हो सकता है।
3. डिलीवरी के बाद भी मासिक धर्म में उतार चढ़ाव होते हैं इस समय भी पीरियड्स बहुत ज्यादा समय या बहुत कम समय में आने की संभावना रहती है।
पीरियड अनियमित होने के कारण।
• हार्मोन असंतुलित होना।
• पीरियड्स के दर्द के लिए दवाइयों का सेवन।
• लगातार बीमार रहना।
• मोटापा।
• अनुवांशिक कारण।
• गलत खानपान।
मासिक धर्म अनियमितता के प्रभाव।
√ खून की कमी।
√ जल्दी थकान महसूस होना।
√ पिछड़ापन और बेचैनी रहना।
Period problem cause in hindi – पीरियड संबंधी समस्याओं के कारण:
- गलत खानपान।
- योगा ना करना।
- आरामपरस्त जिंदगी।
- ज्यादा दवाई का उपयोग।
- अनुवांशिकता।
- हार्मोन इंबैलेंस।
- कमजोरी।
- खून की कमी।
- कुपोषण।
>>Must read – Female health worker के दायित्व क्या हैं?
Period problem solution in hindi – पीरियड समस्याओं के समाधान।
पीरियड के समय आमतौर पर लड़कियों को कुछ प्रॉब्लम (Period problem in hindi) होती है लेकिन प्रॉब्लम मुश्किल बन जाती हैं जब उनका समाधान नहीं किया जाता। इन समस्याओं का क्या समाधान हो सकता है चलिए जानते हैं।
#1.योग करें।
योग हर रोग के लिए चमत्कारी इलाज है यदि आपको पीरियड का दर्द होता है चाहे वह कम हो या ज्यादा, तो आपको योगासनों को अपने जीवन में जरूर शामिल करने चाहिए।
जो आपके शरीर को डिटॉक्स करता है कमजोरी को कम करता है दर्द होने की समस्या को दूर करता है लेकिन ध्यान रहे मासिक धर्म के दौरान कुछ विशेष योगासन ही करने चाहिए।
#2. हेल्दी डाइट लें।
मासिक धर्म के दर्द से छुटकारा पाने के लिए बहुत जरूरी है कि आपकी डाइट हेल्दी हो क्योंकि स्वास्थ्य अच्छे खान-पान के द्वारा बेहतर बनाए रखा जा सकता है।
#3. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना।
सही में पानी की कमी के कारण भी बहुत सारी समस्या होती है तो आपको अपने लिए कहीं पानी में धारण करना चाहिए कि आप किसने को कितनी मात्रा में पानी की आवश्यकता है।
हमारे शरीर में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है तो एक ही जीवन जीने के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है इसलिए रोजाना कम से कम 8 क्लास पानी जरूर पिएं।
#4. जीवनशैली में सुधार।
हमारी जीवन शैली में कुछ आदतें हम ऐसी बना लेते हैं जिससे हमारे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।
इसीलिए हमें अपनी जीवनशैली से उन आदतों को हटाना जरूरी है ताकि एक हेल्दी जीवन का मजा लें।
यह आदतें हैं आरामपरस्त जिंदगी धूम्रपान शराब का सेवन बाहर का खाना योगा और एक ना करना।
#5. मेडिटेशन।
मेडिटेशन मासिक धर्म की समस्या से छुटकारा दिलाने में बहुत प्रभावी है अगर आप रोजाना केवल 20 मिनट की मेडिटेशन करती है।
तो पीरियड समस्याएं कम हो जाएंगी और कुछ महीनों में आपकी समस्या बिल्कुल दूर हो जाएगी।
#6. स्वच्छता।
इसी बीमारी समस्या को दूर करने के लिए स्वच्छता महत्वपूर्ण है इसीलिए ध्यान रखें कि यह के दौरान और पीरियड के बाद या पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
#7. आराम करें।
आराम करने से पीरियड की समस्याओं में कमी आती है पीरियड के दौरान लड़कियों को आराम करना चाहिए भारी काम करने से बचना चाहिए।
#8. गरम पानी का सेवन।
मासिक धर्म के दौरान होने वाली पीड़ा को कम करने के लिए गर्म पानी का सेवन करें और गर्म पानी की बोतल, हॉट बेड से पेट की सिकाई करें ऐसा करने से बहुत आराम मिलता है।
इसके अलावा आप period pain relief patches का भी उपयोग कर सकती है यह मार्केट में जा ऑनलाइन शॉप पर आसानी से उपलब्ध है इनका उपयोग करने से असहनीय दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
#9. डॉक्टर से जांच कराएं।
अगर आपको असहनीय दर्द होता है तो डॉक्टर से जांच कराएं। और डॉक्टरों द्वारा बताई दवाओं का सेवन करें।
कुछ लड़कियों को असहनीय दर्द के साथ उल्टी होना, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, बालों का झड़ना बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो इन्हें नजरअंदाज ना करके डॉक्टर से इलाज कराएं।
Period medicine in Hindi – क्या पीरियड में दवाई खानी चाहिए?
पीरियड के दर्द से छुटकारा पाने का एक समाधान मेडिसिन लेना भी है तो पीरियड में दवाई लेना सही है?
देखिए पीरियड में किसी भी तरह की दवाई खुद नहीं लेनी चाहिए खासकर पीरियड टालने और जल्दी लाने की दवाई नहीं खानी चाहिए इस तरह की दवाई भविष्य में बहुत नुकसान पहुंचाती है।
लेकिन आप डॉक्टर द्वारा बताई दवाई का सेवन कर सकती हैं ताकि आपको मासिक धर्म में होने वाले दर्द से छुटकारा मिले।
आयुर्वेद में Dysmin tablet महिलाओं को दर्द में राहत के लिए बताई जाती है यदि इस दवाई का सेवन लगातार 3 महीने तक किया जाए तो मासिक धर्म के असहनीय दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
लेकिन इस दवाई सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें, क्योंकि सब की हेल्थ कंडीशन अलग होती है डॉक्टर आपको सही जानकारी दे पाएंगे कि आपके लिए दवाई सुरक्षित है या नहीं।
Culture and Truth About Periods in hindi – मासिक धर्म के बारे में संस्कृति और सच्चाई।
हमारी संस्कृति के अनुसार पीरियड्स के बारे में बहुत सारी गलत धारणाएं बताए जाती हैं जो लड़कियों को नकारात्मक वातावरण में रहने के लिए मजबूर करती है।
जैसे मासिक धर्म के समय लड़कियों को किसी भी पवित्र चीजों को नहीं छूना चाहिए या किसी पवित्र स्थान पर नहीं जाना चाहिए क्योंकि इस समय लड़कियां नापाक या अस्वच्छ होती है।
पुराने समय में महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अछूत समझा जाता था उन्हें इस दौरान किसी एक विशेष जगह पर रहना होता था ना उन्हें किसी से मिलने की इजाजत होती थी ना ही घर से बाहर जाने की।
यह धारणाएं केवल संस्कृति और परंपराओं के आधार पर बनाई जाती हैं इनमें कोई सच्चाई नहीं होती है क्योंकि पीरियड्स होना किसी भी लड़की के लिए सौभाग्य माना जाता है
क्योंकि जिस लड़की को period problem होती है उसमें बच्चा पैदा करने के लिए क्षमता भी कम होती है। पीरियड्स की वजह से ही पूरा संसार है हम हैं आप हैं।
यह दुनिया पीरियड्स की वजह से ही आगे बढ़ती है तो क्यों लड़कियों को अपवित्र कहकर उनका अपमान नहीं करना चाहिए। और न ही महिलाएं खुद को कम या अपवित्र समझें।
क्यों उन्हें किसी भी धार्मिक कार्य से दूर रखा जाता है जबकि यह तो ईश्वर की ही देन है जो केवल औरतों को दे दी गई है यह वह शक्ति है जिससे महिलाएं संसार आगे बढ़ाती हैं।
Can fasting during menstruation in hindi – मासिक धर्म के समय व्रत या रोज़ा रखा जा सकता है?
• सभी धर्म में लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान अशुद्ध समझा जाता है जिस वजह उन्हें इस समय रोज़ा या व्रत करना मना होता है।
• लेकिन साइंस के हिसाब से मासिक धर्म एक नेचुरल प्रक्रिया है जो महिलाओं को हर महीने आना सामान्य बात है।
• व्रत करना है या नहीं करना है यह हमें परंपराओं के हिसाब से नहीं सीखना चाहिए क्योंकि परंपराएं वक्त के साथ बदल देनी चाहिए कुछ परंपराएं ऐसी होती है जो हमें बंधन में बांध कर रखती हैं।
• बंधन किसी भी प्रकार का हो चाहे “पिंजरा” सोने का क्यों ना हो पर पिंजरा, पिंजरा ही होता है इसी तरह कोई भी बंधन जो हमें बांध के रखता है उस बंधन से बाहर आना हमारा खुद का निश्चय होना चाहिए।
• इसीलिए पीरियड्स के दौरान अगर आप रोजा या व्रत करना चाहती हैं तो वह आपकी खुद की मर्जी होनी चाहिए किसी और की मर्जी नहीं।
• क्योंकि आप खुद के लिए यह करना चाहती हैं तो इसमें आपको किसी और से सलाह लेने की जरूरत नहीं है।
• लेकिन expert कहते है इस दौरान व्रत करना इसलिए सही नहीं होता क्योंकि यह वह समय होता है जब लड़कियां बहुत ज्यादा कमजोर फील करती हैं।
• उनके शरीर से रक्त बाहर आता है जिस वजह से उन्हें कमजोरी भी आती है इसीलिए उन्हें और अधिक खाने की आवश्यकता होती है।
• ऐसे में अगर व्रत ना करें तो अच्छा है पर अगर आप व्रत करना चाहती हैं तो डॉक्टर से सलाह करें कि आप का शरीर इस कंडीशन में है कि आप fast रख सकती हैं।
• अगर आप मासिक धर्म के दौरान व्रत रखना चाहती हैं तो आपको निर्जल व्रत नहीं रखना है आप ऐसा व्रत रखें जिसमें आप खूब पानी पी सके और हेल्थी चीजें जैसे फ्रूट और सब्जियां खा पाएं।
Period Myths in hindi – मासिक धर्म की गलत अवधारणाएं।
Period के बारे में बहुत myths हैं जिनकी वजह से लड़कियां पीरियड के समय में परेशान रहती हैं।
जो हमें बचपन से सिखाई जाती हैं। फिर भी हम लड़कियां उस पर आंख बंद करके विश्वास कर लेती हैं।

तो चलिए जानते हैं कौन सी period myths है जो केवल बेकार की बातें हैं जिनको मानना बिल्कुल सही नहीं है:
(1.) महामारी के समय में लड़कियों का अचार नहीं छूना चाहिए नहीं तो अचार खराब हो जाता है। जो बिल्कुल बेकार की बात है इसमें कोई वास्तविकता (logic) नहीं है।
यह लड़कियों को इसलिए कहा जाता था क्योंकि पीरियड के समय लड़कियों को ज्यादा खट्टा नहीं खाना चाहिए।
इसी वजह से उन्हें यह कह दिया गया कि लड़कियों को इस समय अचार नहीं छूना चाहिए ताकि लड़कियां खट्टा ना खा पाएं।
(2.) लड़कियों को नहाना नहीं चाहिए जबकि scientifically ऐसा कोई proof नहीं है बल्कि यह समय ऐसा होता है।
जब लड़कियों को ज्यादा साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए और उसके लिए उनको नहाना जरूरी होता है तभी वह खुद को क्लीन रख सकती हैं।
(3.) समय अवधि लड़कियों को लगता है कि अगर पीरियड 7 दिन होते हैं तो नॉर्मल रहते हैं लेकिन अगर कम या ज्यादा होते हैं इसका मतलब पीरियड में कॉम्प्लिकेशंस है।
लेकिन यह बिल्कुल ठीक नहीं है पीरियड 2 दिन भी हो सकते हैं और 8 दिन भी हो सकते हैं इसमें कोई कॉम्प्लिकेशंस की बात नहीं है।
यह हमारी बॉडी के ऊपर डिपेंड करता है कि हमारे हारमोंस किस तरह के हैं और हमारी बॉडी कैसे काम करती हैं।
लेकिन अगर आपको 9 दिन से ज्यादा पीरियड होते हैं तो आपको प्रॉब्लम (Period problem in hindi) हो सकती है ऐसे में आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
(4.) इसी तरह लड़कियों में confusion रहता है कि पीरियड्स साईकिल हर महीने कितने दिन की होती है तो यह भी आपकी शारीरिक क्षमता पर डिपेंड करता है।
किसी के 24 दिन हो सकते हैं और किसी के 31 दिन सकते हैं लेकिन नॉर्मली 28 दिन की हर महीने की पीरियड साइकिल होती है।
(5.) माहवारी के समय लड़कियों को किचन में नहीं जाना चाहिए। क्योंकि लड़कियां अशुद्ध होती है। लेकिन जिस खून से लड़कियां एक नई जिंदगी को जन्म देती हैं।
वो खून अशुद्ध कैसे कर सकता है इसमें कोई लॉजिक नहीं है। यह एक धारणा है जो कि गलत है।
इस समय महिलाओं को पूजा नहीं करनी चाहिए बिल्कुल गलत है क्योंकि ईश्वर की आराधना मन से की जाती है तन से नहीं और मन हर किसी का हमेशा अच्छा होता है।
क्या इसमें कोई सच्चाई लगती है क्योंकि ईश्वर के सामने हम अशुद्ध कभी नहीं हो सकते यह भी सिर्फ एक ऐसी मिथ है जो औरतों को कमजोर फील करवाने के लिए उन्हें कहीं जाती थी।
आज भी बहुत जगह पर इसे फॉलो किया जाता है लेकिन इसे फॉलो करने के लिए ऐसी कोई वजह नहीं है जो साबित करती हैं कि लड़कियों को पूजा पाठ से दूर रहना चाहिए।
(7.) एक बात यह है जो शहरों में नहीं होती लेकिन गांव में और कस्बों में इसको फोलों किया जाता है और वह है लड़कियों को पीरियड के समय घर से बाहर रखना।
लड़कियों को एक menstrual Hut बना कर दी जाती है जहां उन्हें रहना होता है। यह वे फैक्ट है जो बिल्कुल सच है।
जिसे मानना मुश्किल सा लगता है लेकिन यह भी होता है हमारे भारत के बहुत सारे गांव में ऐसा आज भी होता है।
इसमें लड़कियों को घर के बाहर एक छोटा सा घर बना कर देते हैं जहां पर कोई भी फैसिलिटी नहीं होती और लड़कियों को periods (Period problem in hindi) दौरान वही पर रहना पड़ता है।
कई बार बहुत ज्यादा सर्दी या गर्मी की वजह से लड़कियों की वहां पर मौत भी हो जाती है क्योंकि वहां पर उन्हें कुछ भी फैसिलिटी नहीं दी जाती।
(8.) मासिक धर्म का खून गन्दा होता है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है जो खून आपके किसी दूसरे शरीर के हिस्से से चोट लगने पर निकलता है और जो खून पीरियड्स में आता है दोनों same है।
लेकिन पीरियड्स में जो खून आता है उसके साथ और भी चीजें होती है वह भी खून के साथ बाहर आती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भी गंदे होते हैं ऐसा कुछ नहीं होता है।
हां उसमें से स्मेल आती है वह तब आती है जब पैड में खून चार-पांच घंटे तक लगा रहता है और यह स्मेल नॉर्मल खून से भी आती है।
अगर आपको कोई चोट लग जाती और आप उस खून को किसी कपड़े पोंछते है।
तब अगर आप उस कपड़े को रख दो फिर चार-पांच घंटे बाद उसमें से भी स्मेल आने लगती है।
(9.) पीरियड्स के समय में प्रेग्नेंट नहीं हो सकती। यह बहुत हद तक सही भी है इन फैक्ट 98% तक ऐसा होता है।
लेकिन 2 परसेंट महिलाएं प्रेग्नेंट होने के चांसेस होते हैं क्योंकि शुक्राणु गर्भाशय में 5 दिन तक जिंदा रहते हैैं जिससे महिलाएं गर्भधारण कर सकती है।
Starting menstruation in hindi – मासिक धर्म की शुरुआत।
आमतौर पर 11 साल से 15 साल के बीच में लड़कियों को पीरियड होने की शुरुआत हो जाती है यह हर 28 दिन में होते रहते हैं शुरुआत में मासिक धर्म 7 दिन तक होते हैं और 16 साल की उम्र तक आते-आते टाइम 5 दिन तक हो जाता हैं।
मासिक धर्म बंद होने का टाइम 48 से 55 साल के बीच में होता है यह वह समय होता है जब सामान्यता महिलाओं में मासिक धर्म होना बंद हो जाते हैं।
ऐसे में उन्हें बहुत सारे बदलाव भी देखने को मिलते हैं जैसे चिड़चिड़ापन रहना हाथों पैरों में दर्द होना।
Why do period happen – क्यों होते हैं पीरियड्स?
पीरियड एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो गर्भाशय को भविष्य में होने वाले बच्चे के लिए तैयारी करती है इसके लिए गर्भाशय की अंदरूनी सतह पर खून और नर्म ऊतकों की एक परत बनती है।
यह परत बच्चे के पोषण करने के लिए जरूरी होती है लेकिन जब तक महिलाएं गर्भवती नहीं होती तब तक गर्भाशय को इस नरम ऊतक और खून की परत की जरूरत नहीं होती।
इसलिए हर महीने यह परत खून के रूप में योनि से बाहर निकलते है जिसे हम पीरियड (periods) कहते हैं।
Period pain in hindi – पीरियड में दर्द क्यों होता है?
महामारी के दौरान दर्द होना (Period problem in hindi) सामान्य है जो आमतौर पर किशोरियों और कम उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है।
लेकिन बहुत सी महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिनको पीरियड्स में असहनीय दर्द होता है तो इसकी वजह क्या है? इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?
महावारी के समय महिलाओं को दो तरह का दर्द होता है पहले को प्राइमरी डिसमेनोरिया कहते हैं दूसरे को सेकेंडरी डिसमेनोरिया कहते हैं।
प्राइमरी डिसमेनोरिया दर्द पेट के निचले भाग में होता है जो पीरियड शुरू होने के समय होता है और 24 से 48 घंटे तक ठीक हो जाता है।
जब पेट के निचले भाग में दर्द होता है और जांघों में वह दर्द महसूस हो। दर्द इतना हो कि सहन ना किया जा सके तो इसकी वजह होती है।
गर्भाश्य में फाइब्रॉयड्स, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज या एंडोमेट्रिओसिस जैसी कोई बीमारी हो तो भी पेट में तेज दर्द होता है। जिसे सेकेंडरी डिसमेनोरिया का दर्द कहते हैं।
Period symptoms in hindi – मासिक धर्म के लक्षण।
- थकान महसूस होना – इस समय हार्मोन बनने की प्रक्रिया में कमी आ जाती है जिस वजह से महिलाएं थकान महसूस करती हैं।
- ऐसे में सोने में भी परेशानी होती है नींद पूरी न होने की वजह से शरीर और अधिक थकावट feel करता है।
- हल्का दर्द होना – पीरियड्स आने के 1 दिन या कुछ घंटों पहले पेट में हल्का हल्का दर्द होने लगता है। कई बार यह दर्द पैरों में भी महसूस होता है। किसी किसी को बहुत अधिक दर्द होता है जो असहनीय होता है।
- चिड़चिड़ापन – जब महिलाओं का मासिक धर्म आने का समय होता है तो उस वक्त उन में अधिक चिड़चिड़ापन देखा जाता है क्योंकि उनके शरीर में बहुत ज्यादा हार्मोन changes होते रहते हैं।
- सिर दर्द – पीरियड्स होने से कुछ समय पहले ही सिर में हल्का दर्द महसूस होने लगता है यह दर्द पीरियड आने के तनाव का सूचक हो सकता है।
- मूड में बदलाव – पीरियड शुरू होने से पहले के समय में महिलाओं का mood बार-बार बदलता है कभी बहुत ज्यादा खुश रहने लगती हैं तो कभी बहुत नर्वस हो जाती हैं।
- किसी खास चीज को खाने का मन करता है – मासिक धर्म आने के समय लड़कियों को अलग-अलग तरह की चीजों को खाने का मन होता है।
- जैसे किसी को खट्टा खाने का मन करता है तो किसी को चॉकलेट खाने की ख्वाहिश होती है क्योंकि उस वक्त में शरीर में बहुत ज्यादा बदलाव होते हैं जिस कारण बार-बार मन बदलता है।
पिंपल होना – कई लड़कियों में periods होने के समय त्वचा पर पिंपल्स की समस्या भी हो जाती है पीरियड खत्म होने के बाद फिर पिंपल्स भी खुद ठीक हो जाते हैं।
Use cloth during periods – पीरियड्स में कपड़ा यूज़ करना कैसा है।

पीरियड के दौरान आज के समय में महिलाएं सेनेटरी पैड यूज करती हैं मेंस्ट्रूअल कप हमारे भारत में अभी इतना प्रचलित नहीं है विदेशी महिलाएं मेंस्ट्रूअल कप अधिक यूज करती हैं।
लेकिन भारत में पहले से ही महिलाएं माहवारी के समय कपड़े को तह (fold) करके उसे यूज करती आ रही है हालांकि अभी बहुत सारी महिलाएं paid use करने लगी है।
लेकिन बहुत जगह अभी भी ऐसी है जहां पर आज भी महिलाएं कपड़े का ही उपयोग करना पसंद करती हैं।
क्या सही है कपड़ा इस्तेमाल करना?
अगर देखा जाए तो कपड़ा बहुत आसानी से मिलने वाला साधन है सस्ता भी पड़ता है। लेकिन कपड़े को यूज करने से इंफेक्शन होने के चांसेस रहते हैं जिससे बहुत सारी बीमारियां महिलाओं को हो जाती हैं।
जागरूकता की कमी की वजह से महिलाओं में बीमारी की वजह कपड़े के इस्तेमाल को नहीं समझा जाता।
जबकि यह बात समझ लेना जरूरी है कि कपड़ा यूज करने से गीलापन लम्बे समय तक बना रहता है।
जिससे इंफेक्शन होता है और इस इंफेक्शन से कैंसर तक की बीमारी होने का डर रहता है।
Simple ways to get rid of period pain – पीरियड के दर्द से छुटकारा पाने के सरल उपाय
गुनगुने पानी का सेवन करें इससे पीरियड के दर्द में बहुत आराम होता है पीरियड के दौरान होट बैग से पेट की सिकाई करने से भी आराम मिलता है।
अगर पीरियड के दौरान दर्द होने पर घबराहट महसूस हो तो पीरियड होने से पहले ही ढीले ढाले कपड़े पहनने लेने चाहिए।
गुनगुने तेल से पेट और पीठ की मालिश करने से भी दर्द में काफी फायदा मिलता है।
गर्म पानी से स्नान करने पर भी इस दर्द में कमी महसूस होती है।योगासन रोज करने से पीरियड्स के दर्द में कमी आ जाती है।
इसीलिए अगर आपको पेट में दर्द होता है तो आपको रोजाना योगासन करने शुरू कर देने चाहिए इसके लिए कुछ विशेष आसन होते हैं।
√ पद्मासन।
√ मयूरासन।
√ शवासन।
√ सुखासन।
योगा करने से शरीर में ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है जिससे खून साफ होता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है।
अगर लगातार योगासन किया जाए तो कुछ ही दिनों में दर्द को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।
अगर आपको पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द महसूस होता है तो डॉक्टर से चेकअप कराएं और इसका जो भी इलाज मुमकिन हो करा लेना चाहिए।
Period diet chart in hindi – पीरियड्स में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
महिलाओं के हार्मोन चेंज का उनके खान-पान से सीधा संबंध होता है। अक्सर महिलाएं पीरियड्स में अपनी डाइट को नजरअंदाज करती हैं वह कुछ भी खा लेती हैं उनकी यह आदत उनके लिए बहुत सारी समस्याओं का कारण बन जाती है।

>>>क्या खाएं।
हरी सब्जियों से हमारा स्वास्थ्य भी सुधरता है इसलिए इस समय हरी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि हरी सब्जियों से खून भी बनता है और पेट में भारीपन भी नहीं होता।
सब्जियां खाना इतना अच्छा नहीं लगता इसलिए आप इसे सलाद के रूप में या सूप के रूप में ले सकती हैं लेकिन सब्जियां जरूर खाएं।
क्योंकि इनमें आयरन होता है जो आपके himoglobin को बढ़ाता है और खून की मात्रा को नियंत्रित रखता है।
ताजे फल खाएं महावारी के दौरान फल खाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं जो महावारी के टाइम होने वाली समस्याओं से प्रोटेक्ट करने में मदद करते हैं।
>>Must read – Mango during period in hindi
मछली महावारी के समय खा लेनी चाहिए क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
जो शरीर की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। अगर आप शाकाहारी हैं तो अलसी से ओमेगा 3 को प्राप्त कर सकते हैं।
डार्क चॉकलेट भी आपके पीरियड्स के टाइम में आपके लिए बहुत फ़ायदा पहुंचाता है उसके लिए आपको डार्क चॉकलेट का सेवन करना है जो आपकी हृदय की धड़कन को सामान्य रखती है।
डार्क चॉकलेट में शक्कर की मात्रा कम होती है और मैग्नीशियम की मात्रा काफी होती है जो आपके सेरोटोनिन को नियमित रखने में सहायक होती है।
जिससे आपके मूड स्विंग्स नियंत्रित रहते हैं और आप सकारात्मक महसूस कर पाते हैं इसलिए आप बिना किसी डर के डार्क चॉकलेट खा सकते हैं।
होल ग्रेन पीरियड के समय खाना बहुत अच्छा होता है इसके सेवन से आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है और इससे मिलने वाले पोषक तत्व भी स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं।
जिसमें विटामिन बी और ई की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा होल ग्रेन पीरियड्स के समय होने वाली घबराहट और बेचैनी से भी निजात दिलाने में मदद करता है।
>>>क्या न खाएं।
मासिक धर्म के समय औरतों को ऐसे खाने का परहेज करना चाहिए जिसमें अधिक मात्रा में वसा हो।
पीरियड के समय में दूध से बने पदार्थों से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि दूध बहुत भारी खाद्य पदार्थ होता है जिस वजह से हमारे पाचन तंत्र को ज्यादा काम करना पड़ता है और ऐसे में दर्द महसूस होता है।
इस दौरान मीट का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है जिसके अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में सूजन आ जाती है।
इस समय महिलाओं को प्रोसेस फूड यानी डिब्बे बंद खाना भी नहीं खाना चाहिए। जैसे chips , biscuit, अक्सर इस तरह के खाने से पेट में गैस बन जाती है जिससे दर्द हो सकता है।
पेस्ट्रीज, केक आदि का भी इस टाइम पर सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इन में ट्रांसफैट अधिक होता है।
जो महिलाओं के एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ा देते हैं जिससे पेट में दर्द होने लगता है।
ज्यादा मीठा भी इस दौरान ना खाएं खासकर सफेद चीनी के सेवन से बचें। क्योंकि सफेद चीनी का उपयोग करने से दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप मीठा खाने की शौकीन है। तो आप मीठे फल, गुड, ब्राउन शुगर को इस्तेमाल कर सकते हैं।
धूम्रपान ना करें , एल्कोहल युक्त पदार्थ या शराब का सेवन बिल्कुल ना करें।
कैफ़ीन युक्त पदार्थ का भी परहेज करें क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा देती है जिससे तनाव और एंग्जाइटी होती है। इसकी बजाय गाजर टमाटर चुकंदर का जूस लें।
Right time to conceive after period in hindi – पीरियड्स के बाद गर्भधारण का सही समय।
पीरियड्स के दौरान गर्भधारण हो सकता है लेकिन यह इतना प्रभावी नहीं होता इसलिए पीरियड्स बंद होने के 1 दिन बाद गर्भधारण सही तरह से होता है।
पीरियड्स शुरू होने के बाद 1 या 2 दिन गर्भधारण करने की संभावना बहुत कम होती है। मासिक धर्म के बाद गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।
अगर आप परिवार बढ़ाना चाहती हैं तो उसके लिए आपको पीरियड्स के बाद फिजिकल रिलेशन बनाना चाहिए।
इस समय गर्भधारण होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन इस दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।
What is Menstrual Cup – मेंस्ट्रूअल कप क्या होता है?
मेंस्ट्रूअल कप पीरियड्स में यूज करने के लिए बनाया गई एक ऐसी चीज है जो सिलिकॉन की रबड़ से बना होता है। जो लड़कियों को बहुत ज्यादा कंफर्टेबल और क्लीन फील कराता है।
महिलाओं को लगभग 45 साल तक महावारी होती है। और अगर आप ऐसे में पीरियड पैड यूज करते हैं (Period problem in hindi) तो इसमें आपके एक से दो लाख खर्च हो जाएंगे।
पर इसकी जगह पर अगर मेंस्ट्रूअल कप आप इस्तेमाल करें तो आपका पूरी पीरियड जर्नी में केवल 2 से 3 हजार का खर्चा होगा।
क्योंकि एक मेंस्ट्रूअल कप को 10 साल तक आराम से यूज किया जा सकता है।
मेंस्ट्रूअल कप को यूज करने से आपको बार-बार कपड़ा या पैड चेंज करने की जरूरत नहीं होती। और ना ही ब्लड आपकी स्किन पर लगता है जैसा कि जब पैड यूज़ करते हैं तब आसपास में ब्लड फैल जाता है।
यह आपके vagina यानी प्राइवेट पार्ट के अंदर चला जाएगा जो आपको बाहर नहीं दिखता इससे जर्म्स फैलने का डर नहीं रहता।
जब आप बाहर जाते हैं तो आपको पैड या कपड़े को चेंज करने की दिक्कत रहती है उसे कैरी करना और उसको फिर बार-बार इस्तेमाल करना।
पर मेंस्ट्रूअल कप को आप आराम से कैरी कर सकते हैं और यूज कर सकते हैं इसमें आपको बार-बार चेंज करने की दिक्कत नहीं होती 12 घंटे तक आप इसे एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
How to use menstrual cup in hindi – मेंस्ट्रूअल कप कैसे यूज करते हैं?
मेंस्ट्रूअल कप खरीदा तो बहुत आसानी से जाता है पर इसे इस्तेमाल करना बहुत डिफिकल्ट लगता है।
इनफेक्ट पहली बार जब लड़की इसे यूज करती है तो उसे बहुत अटपटा और बहुत ज्यादा डर लगता है।

लेकिन यह सिर्फ पहली बार होता है जब आप इसे यूज करना शुरू कर देंगी। तो यह बाद में आपको कंफर्टेबल महसूस होने लगता है।
इसे यूज करना बहुत आसान है आपको अपना मेंस्ट्रूअल कप लेना है फिर उससे मोड़ना है यानी उसका आगे का साइड छोटा करना है।
और फिर कप अपनी योनी में डालना है और छोड़ देना है उसमें से एक हल्की सी आवाज आती है यानी वह खुल जाता है।
आपको चेक करना है कि वह खुल गया है या नहीं इसके लिए आप अपनी उंगली से चेक कर सकती हैं।
अनमैरिड लड़कियों को ये यूज़ करना बहुत डराता है (Period problem in hindi) लेकिन उनके लिए भी यह बिल्कुल ठीक है ऐसा कुछ नहीं है कि इससे उनको कोई नुकसान होने वाला है।
लेकिन हां क्योंकि उनको अभी अपने बारे में शायद इतनी नॉलेज नहीं होती जितनी शादीशुदा औरतों को होती है तो उनको थोड़ा डर लगता है पर इसे अनमैरिड और मैरिड दोनों यूज कर सकती हैं।
इस कप के इस्तेमाल से आप आराम से नहा सकते हैं जो कि जब आप पैड यूज़ करते हैं। तो कुछ लड़कियां नहाने से हिचकीचा जाती हैं क्योंकि बहुत ज्यादा तामझाम करना पड़ता है।
लेकिन मेंस्ट्रूअल कप लगाकर आप आराम से नहा सकते हैं, योगा कर सकते हैं, एक्सरसाइज कर सकती है जो भी आप करती हैं।
कहां से खरीदें।
आप इसे आसानी से ऑफलाइन और ऑनलाइन खरीद सकते हैं लेकिन भारत में इसे बहुत ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता है इसीलिए यह आपको ऑनलाइन Meesho, Amazon, Flipkart पर आसानी से उपलब्ध होते हैं।
Period precautions and safety in hindi – पीरियड के दौरान ध्यान रखें ये बातें..
- पीरियड के समय कपड़े का उपयोग ना करके पैड का इस्तेमाल करें और अगर आप मेंस्ट्रूअल कप का उपयोग कर रही हैं तो आपको बेस्ट ब्रांड कप का उपयोग करना चाहिए।
- क्योंकि इस कप से आप कंफर्टेबल भी रहती हैं और आपको बार-बार पैड्स चेंज करने की दिक्कत नहीं होगी।
- खुशबू वाले पैड्स इस्तेमाल ना करें जहां तक हो सके कॉटन वाले पैड ही यूज में लाएं।
- ज्यादा रक्त स्राव होने पर लंबे पेड़ का उपयोग करें या मेंस्ट्रूअल कप को बार-बार धोकर उपयोग करें।
- अगर आप पैड इस्तेमाल करती है तो आपको हर 4 घंटे में बदल देना चाहिए उसके अलावा मेंस्ट्रूअल कप को आप 12 घंटे तक रख सकते हैं लेकिन अगर अधिक ब्लीडिंग हो तो आप इसे जल्दी जल्दी बदले।
- रात को सोते समय नए पैड का उपयोग करें।पीरियड्स के समय अंतराल में गुनगुना पानी पीने की आदत बनाएं।
- जब भी आप पैड बदले तो पहले वैजाइना को अच्छे से धो लें और टिशू पेपर से सुखाकर तब पैड यूज करें।
- रोज नहाएं सफाई का ध्यान रखें।
- पीरियड के दौरान आपको ज्यादा समय तक भूखा नहीं रहना चाहिए समय समय पर खाना खाती है और हेल्दी डाइट चार्ट फोलो करें।