Pregnancy care tips in hindi : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी हेल्थ के लिए अधिक सतर्क होने की जरूरत होती है क्योंकि इस समय शिशु की सेहत मां की सेहत से जुड़ जाती है।
इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें और अपनी डाइट में स्वास्थ्य वर्धक भोजन शामिल करें।
जिससे आपको सकारात्मक और पौष्टिक पोषक तत्व प्राप्त हो क्योंकि इस समय आपके लिए हेल्दी डाइट बेहद जरूरी होती है।

कोई भी महिला जब गर्भवती होती है तो उसके साथ उसका यह सफर नई उम्मीदों से भर जाता है वही आने वाले दिनों कि कुछ चिंताएं भी सताने लगती हैं।
यह उसके लिए वह समय होता है जब उसे सबसे ज्यादा देखभाल और परहेज की आवश्यकता होती है पूरी गर्भावस्था के समय उसे बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है।
गर्भवती महिला को क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
Pregnancy care tips in hindi
#1.प्रेगनेंसी की शुरुआत में चेकअप कराती रहें।
प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर से चेकअप करवाते रहना चाहिए। ताकि आपको अपडेट मिलती रहे कि आपकी सेहत और बच्चे की सेहत को किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं है।
इससे आप यह भी जान पाती हैं कि आपको किस समय किस पोषक तत्व की अधिक जरूरत है और आपको अपनी प्रेगनेंसी में कौन-कौन सी चीजों का परहेज रखना चाहिए।
#2.पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
गर्भावस्था में औरत को केवल खुद को पोषण देने की जरूरत ही नहीं होती। बल्कि शिशु को पोषण देना भी उसका परम कर्तव्य बन जाता है।
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इसीलिए ऐसे समय पर ऐसा भोजन अपनी डाइट में शामिल करें जिसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन और फोलिक एसिड मिले।
इनमें अंकुरित अनाज, दाल, दूध से बने पदार्थ, अंडे, मछली, बादाम, केले आदि को अपनी रोज की डाइट में शामिल कर ले ताकि आपके शरीर को प्रोटीन की पूरी आपूर्ति हो सके।
#3.गर्भावस्था में खाने के समय विशेष रूप से स्वच्छता का ध्यान रखें।
प्रेगनेंसी में साफ सफाई का ध्यान विशेष रूप से रखने की जरूरत होती है ताकि आप खुद को स्वस्थ और स्वच्छ महसूस करें खासकर भोजन में स्वच्छता का खास ध्यान रखें।
#4. डॉक्टर से सलाह लें की गर्भावस्था के दौरान आपको क्या नहीं खाना है।
यह ऐसा समय होता है जब महिला को अपने खाने पीने में एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है इसीलिए उसे अपने बड़ों या डॉक्टर से सलाह लेकर ही अपना डाइट प्लान बनाना चाहिए।
क्योंकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो प्रेगनेंसी में नहीं खानी चाहिए और कुछ विशेष चीजें ऐसी होती हैं जो प्रेगनेंसी में खाना आवश्यक हो जाती हैं।
#5.घबराहट से बचें।
पहली बार प्रेग्नेंट होने वाली महिलाएं को बहुत सारी चीजों को लेकर घबराहट रहती है उसके कई कारण हो सकते हैं।
अधिकतर महिला यह सोचती है कि उसे किस तरह प्रेगनेंसी में डील करनी है। कैसे रहना है और अपना और अपने बच्चे का ख्याल कैसे रखना है।
और यही सारी चीजें उसके लिए तनाव का कारण बन जाती हैं जिस वजह से वह घबराहट में रहने लगती है जबकि प्रेगनेंसी में किसी भी तरह का तनाव और घबराहट से दूर रखना चाहिए।
#6. नशीली चीजों को खुद से दूर रखें।
यह ऐसा समय होता है जब आपको खुद को अधिक स्वस्थ रखने और बच्चे के विकास के लिए पोष्टिक पोषक तत्व लेने की आवश्यकता होती है।
ऐसे में नशीले पदार्थ बच्चे के विकास में बाधा बनते हैं इसीलिए इस समय किसी भी तरह की नशीली चीज को खुद से दूर रखें।
#7. आयरन और फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में सेवन करें।
हेल्दी प्रेगनेंसी पीरियड के लिए आयरन को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए। यह बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है जो इस समय औरतों को जरूर चाहिए।
इसलिए आपको इस समय हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, फलियां, किशमिश, अंजीर, गाजर, चुकंदर, सेब आदि चीजों का रोजाना सेवन करना चाहिए।
इसके अलावा विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन जरूर करें ऐसा करने से आपके शरीर को आयरन रोकने में मदद मिल सकती है।
शरीर में आवश्यक ऊर्जा की आपूर्ति के लिए कार्बोहाइड्रेट की भी आवश्यकता पड़ती है इसके लिए साबुत अनाज सब्जियां फल दालें चावल अपनी डाइट में ले।
#8. प्रेगनेंसी में कौन सी दवा नहीं खानी चाहिए।
प्रेग्नेंसी के समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी तरह की दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खानी हैं। क्योंकि आप जो भी खाते हैं उसका असर आपके बच्चे पर भी पड़ता है।
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अपना ख्याल रखना क्यों जरूरी है।
दवाइयां सेहत पर नकारात्मक असर भी डालती हैं इसलिए इससे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसीलिए किसी भी तरह की दवाई का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अगर आपके पास विकल्प हो तो दवाई खाने की बजाय घरेलू खानपान या हेल्थी चीजें खाकर खुद को स्वस्थ रखें।
#9. गर्भावस्था के दौरान कैसे पानी से नहाना चाहिए।
प्रेगनेंसी में ज्यादा गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। गर्भावस्था में महिलाओं को अधिक गर्म पानी से नहाने के लिए नहीं बताया जाता है।
क्योंकि इससे उनके शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सर्दियों में जब आप गर्म पानी का उपयोग नहाने के लिए करें तो पहले पुष्टि कर लें। कि ज्यादा गरम पानी ना हो हल्के गुनगुने पानी से ही नहाएं। ताकि आपके शरीर का तापमान सामान्य बना रहे हैं।
#10. कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन बहुत कम कर दे।
गर्भावस्था के समय चाय कॉफी का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। दिन भर में ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 कप कॉफी या चाय के ले सकते हैं इसे ज्यादा कैफ़ीन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
#11.भारी सामान उठाने से बचें।
गर्भावस्था के दौरान भारी सामान उठाने से बचना चाहिए क्योंकि यह समय ऐसा होता है जब आपके गर्भाशय में एक छोटी सी जान का विकास हो रहा है।
उसकी रक्षा की जिम्मेदारी आपकी होती है अगर आप इस समय पर अधिक वजन उठाएगी तो इससे बच्चे के साथ आपकी हेल्थ को भी भारी नुकसान हो पहुंचेगा।
#12. ढ़ीले व सूती कपड़े पहने।
क्योंकि प्रेगनेंसी में बहुत सारे शारीरिक और हार्मोनल चेंजिज होते हैं जिससे आपको घबराहट पसीना आना आदि समस्याएं होती रहती हैं।
ऐसे में आपको सूती वस्त्र और ढीले वस्त्र पहनने चाहिए जिससे आप खुद को कंफर्टेबल महसूस करें।
#13. पानी पर्याप्त मात्रा में पीती रहें।
प्रेग्नेंसी के समय पानी भरपूर मात्रा में पिएं लेकिन एक साथ ज्यादा पानी पीने से बचें। दिन भर में दो से 3 लीटर पानी अवश्य पीएं। इससे शरीर में आवश्यक नमी बनी रहती है और शरीर का तापमान कंट्रोल में रहता है।
#14. बाहर का फास्ट फूड ना खाएं।
बहुत ज्यादा तली भुनी व मसालेदार भोजन का उपयोग कम ही करना बेहतर होता है इनकी अधिकता से और शुगर वाली चीजों से बच्चे और आपको नुकसान पहुंच सकता हैं।
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यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक साबित होते हैं बल्कि आपको गर्भावस्था के समय इन चीजों को खाने पर ज्यादा से ज्यादा कंट्रोल रखना चाहिए। क्योंकि इन से बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं।
#15. चिकनाई की आवश्यक मात्रा जरूर लें।
प्रेग्नेंसी के समय चिकनाहट भी आपकी डाइट का एक अहम हिस्सा होना चाहिए। कुछ फैटी एसिड भ्रूण के मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं इसलिए इनका उपयोग खाने में जरूर करें।
#16. क्या गर्भावस्था में यात्रा करनी चाहिए।
गर्भधारण के शुरुआती दिन में महिलाओं को सफर करने से मना किया जाता है क्योंकि इस समय गर्भपात होने की संभावना ज्यादा होती है ऐसे में उन्हें भीड़भाड़ से बचने के लिए सलाह दी जाती है।
अगर आपको किसी वजह से यात्रा करनी पड़े तो इस बात का ध्यान रखें।कि अगर आपके पास प्राइवेट वाहन हो तो उसका प्रयोग करें।
अगर आप को सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करना पड़े तो दो पहिया और तीन पहिया के बजाय चार पहिया वाले वाहनों का प्रयोग करें।
#17. अपने खाने में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा लें।
शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण होता है इसीलिए इस समय कैल्शियम की मात्रा ज्यादा लें। यह आपको कमर दर्द से निजात दिलाता है और ब्रेस्ट फीडिंग के लिए आपको तैयार करता है।
इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा दूध से बनी चीजें और दूध का सेवन करना चाहिए और हरी सब्जियों मीठे फल मूंगफली बादाम काजू अपने भोजन में शामिल करें।
#18.व्यायाम और योगा करें।
गर्भावस्था के स्वस्थ रहने के लिए योगा और एक्सरसाइज आवश्यक होती है लेकिन गर्भावस्था के लिए विशेष योगासन और एक्सरसाइज होती है आपको उन्हीं विशेष व्यायाम को करना चाहिए।
#19. ज्यादा नमक खाने से बचें।
इस समय आपको नमक की ज्यादा मात्रा लेने से बचना चाहिए क्योंकि अधिक नमक से प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशंस होने के चांसेस होते हैं।
#20. मेडिटेशन करने की आदत बनाएं।
अपने मन को शांत और तनाव मुक्त रखने के लिए आपको रोजाना कुछ समय meditation जरूर करना चाहिए।
meditation से आप खुद को अनावश्यक चिंता और नेगेटिव प्रभावों से सुरक्षित रखने में मदद ले पाती हैं।
गर्भधारण के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं। – Pregnancy symptoms in hindi
गर्भधारण के शुरुआती लक्षण 6 दिन से लेकर 14 दिन के अंदर दिख जाते हैं। ऐसे में आपको ज्यादा आराम करने की जरूरत पड़ती है।

- जी मिचलाना।
- थकान महसूस होना
- बार बार उल्टी आना।
- पैरों में सूजन आ जाना।
- सिर दर्द की शिकायत रहना।
- चक्कर आना।
- कमर में दर्द होना।
- शारीरिक बदलाव आते हैं।
- दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
- शरीर में प्रोजेस्ट्रोन का उत्पादन बढ़ता है।
- वजन बढ़ने लगता है।
- कब्ज की शिकायत होती है।
- शरीर में सूजन आना।
- गले में खराश।
गर्भपात के कितने दिन बाद गर्भ धारण करना चाहिए।
डॉक्टरों का मानना है कि जिस महिला का गर्भपात हो गया हो वह महिला अगर 6 महीने के अंदर गर्भ धारण करती है तो उसके लिए स्वास्वास्थ्यवर्धक रहता है।
शोध के अनुसार गर्भपात के 6 महीने के अंदर गर्भ धारण करना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है।
गर्भधारण के बाद पीरियड होते हैं?
गर्भधारण के बाद किसी भी प्रकार की बिल्डिंग या पीरियड्स नहीं होते। अगर आपको पीरियड्स होते हैं इसका मतलब यह है कि आपका गर्भवती नहीं है।
लेकिन गर्भधारण के शुरुआती समय में कुछ ब्लीडिंग महसूस होती है जो बहुत कम होती है (mango in period) और केवल कुछ समय के लिए ही रहती हैं।
नॉर्मल डिलीवरी हो उसके लिए क्या करना चाहिए।
अगर आप चाहते हैं कि आप की डिलीवरी नॉर्मल हो तो उसके लिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत होगी जैसे-
√ अपने खाने में हेल्दी चीजें खाएं ज्यादा से ज्यादा काम करो जब आप घर का काम करेंगी। तो आपकी शरीर में फुर्ती बनेगी और गर्मी रहेगी।
इससे शरीर में किसी भी प्रकार का फैट जमा नहीं होगा जिससे नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है।

√ प्रेगनेंसी के 6 महीने के बाद आपको देसी घी अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके खाने से नॉर्मल डिलीवरी होने के चांसेस ज्यादा बढ़ जाते हैं।
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√ नॉर्मल डिलीवरी हो इसके लिए आप घर में पोछा लगाइए अगर आप घर का काम नहीं करती तो व्यायाम और योगासन करें। इससे भी आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।
प्रेगनेंसी में ध्यान रखे जाने वाली बातें। Pregnancy care tips in hindi.
√ ज्यादा समय तक रसोई में काम करने से बचें।
√ अधिक थकान वाले काम न करें।
√ बाथरूम में खड़े रहने की अपेक्षा बैठ कर नहाएं।
√ भारी वजन उठाने से बचें।
√ कच्चा दूध न पिएं।
√ गर्म और मसालेदार चीजों से परहेज रखें।
√ हर 2 घंटे के अंतराल में कुछ खाती रहें। ज्यादा समय भूखी न रहें।
√ pregnancy में उपवास नहीं करना चाहिए।
√ बाहर का भोजन खाने के बजाय घर में बनाकर खाएं।
√ खाने में आयरन का स्तर ऊंचा रखें।
√ नशे की लत से बचें।
√ धूम्रपान बिल्कुल ना करें।
√ ड्रग्स न लें।
√ पूरी नींद लें।
√ योगा करें।
√ दवाई का प्रयोग डॉक्टर के अनुसार करें।
√ आराम करें।
√ स्ट्रेस और तनाव के वातावरण से दूर रहे।
√ सकारात्मक चीजों पर फोकस करें।
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