How to destroy health food myths : सेहत से जुड़ी ऐसी बहुत सारी गलतफहमियां है जिनका कोई भी साइंटिफिक प्रूफ नहीं है लेकिन फिर भी लोग उन्हें सही मानते हैं।
जिस वजह से लोगों की सेहत पर असर होता है और उन्हें तरह-तरह की बीमारियों और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए जरूरी है कि हम अफवाह को जाने और खुद को जागरूक बनाएं तथा बिना किसी वैज्ञानिक तर्क के किसी भी चीज को सच मानकर बढ़ावा ना दें।
अफवाहों की वजह से लोगों की जीवनशैली में सुधार होने की बजाय लोग कंफ्यूज रहते हैं कि क्या वाकई हमे ये करना चाहिए और क्या हमे ऐसा नहीं करना चाहिए।
जब वो इसके बारे में जांच करते हैं तो उनको इसके बारे में कोई भी साइंटिफिक सबूत नहीं मिलता।
इसीलिए आज हम इस आर्टिकल में इसी मुद्दे पर बात करने वाले हैं कि वह कौन सी myths है जिन्हें अक्सर लोग सच मानते हैं।
सेहत से जुड़ी कई अफवाहें जो वैज्ञानिक रूप से तर्क हीन है।जैसे –
#1.) ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है।
वास्तविकता में सिर्फ ज्यादा खाने से वजन नही बढ़ सकता इसके लिए हमारे शरीर के सूक्ष्म जीव, मेहनत की मात्रा, हमारी रोजमर्रा की जीवन शैली, और मानसिक स्वास्थ्य आदि चीज़े भी जिम्मेदार होती हैं।
अगर आप ज्यादा खाते हैं लेकिन आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं पैदल चलते हैं और काम करते है। एक हेल्दी जीवन शैली फॉलो करते हैं तो आपका मोटापा नहीं बढ़ सकता।
#2.) व्यायाम के बाद अधिक भूख लगती है।
ऐसा माना जाता है कि एक्सरसाइज करने से व्यक्ति की अधिक कैलोरी खर्च हो जाती है जिस वजह से उसे एक्सरसाइज करने के बाद भूख ज्यादा लगती है।
जबकि अध्ययनों के अनुसार इसमें किसी भी प्रकार की कोई सच्चाई नहीं है भूख हमारी डेली लाइफ पर डिपेंड करती है जितना हम रोज खाते हैं उसी के अकॉर्डिंग हमें भूख लगती है।
#3.) अंडे गरम होते हैं।
अंडे के दो पार्ट्स होते हैं एक होता है सफेद पार्ट और एक होता है पीला पार्ट येलो वाले हिस्से में फेट और कैलेस्ट्रोल होता है जो बॉडी की ताकत बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है।
एक हेल्थी इंसान अगर रोज एक अंडे का यैलो पार्ट खाता है तो इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है और व्हाइट पार्ट आप कितने भी खा सकते हैं।
क्योंकि व्हाइट पार्ट में सिर्फ प्रोटीन होता है इसमें किसी भी तरह की एक्स्ट्रा कैलोरी नहीं होती।
इसीलिए यह सेहत को नुकसान नहीं करता। अंडे का सफेद भाग बॉडीबिल्डिंग और वेट लॉस के लिए बहुत जरूरी है।

Fact : तो क्या अंडा गर्म होता है नहीं ऐसा नहीं है अंडे में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो हमारी बॉडी को स्वस्थ रखते हैं अंडा आपको तब नुकसान दे सकता है।
जब आप दिन में 4 से 5 अंडे को उसके पीले भाग के साथ खाए। क्योंकि पीले भाग में जो नोटेशंस पाए जाते हैं वह हमें एक ही अंडे से पर्याप्त रूप में मिल जाते हैं।
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जैसा हमने ऊपर बताया है कि केवल भोजन वजन बढ़ाने या घटाने के लिए उत्तरदायी नही होता बल्कि इसके कई कारण होते है। इसलिए यह भी अमान्य है।
#4.) मोसंबी से कफ होता है।
जब बच्चे बीमार होते हैं बच्चों को कफ होता है तो पेरेंट्स अक्सर उन्हें मौसम्बी देना बंद कर देते हैं उन्हें लगता है कि मौसम्बी से उनका कफ बढ़ जाएगा।
जबकि ऐसा कोई भी साइंटिफिक रीजन नहीं है जो यह साबित करे कि मौसम्बी कफ बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है।
#5.) ठंडा खाने से जुकाम होता है।
अधिकतर लोग मानते हैं कि आइस क्रीम, बर्फ, केला, आदि ठंडी चीज़े खाने से सर्दी खांसी-जुकाम (ठंड) हो जाती है। इसीलिए लोग अपने बच्चों को इन चीजों को खाने से रोकते है।
पर मेडिकल साइंस का मानना है, कि ये चीज़े सर्दी खांसी का कारण बन सकती है। पर इसका मूल कारण किसी प्रकार का वायरस होता है।
6#.) मछली खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए।
यह अवधारणा आज के समय में बहुत ज्यादा प्रचलित है कि मछली खाने के तुरंत बाद दूध पीने से शरीर पर सफेद दाग पड़ सकते हैं जबकि बहुत से शोध यह दर्शाते हैं कि मछली खाने के तुरंत बाद दूध पीने से किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती।
#7.) कच्ची सब्जियां खानी चाहिए।
हमारे भारत में यह भी एक मिथ है की कच्ची सब्जियां ज्यादा इफेक्टिव होती है जबकि कच्ची सब्जियां पचने में बहुत समय लेती हैं और इनसे पाचन तंत्र पर भी जोर पड़ता है इसीलिए सब्जियों को पका कर खाना चाहिए।
कुछ विशेष सब्जियां जैसे खीरा, गाजर, पौधिना, आदि कच्चा खा लेना भी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है।
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#8.) पूरे दिन व्रत रखना गलत है।
बहुत से लोग ये मानते हैं कि पूरे दिन व्रत रखने से सेहत पर गलत असर पड़ सकता है जबकि साइंस के मुताबिक अगर इंसान 16 घंटे भूखा रहता है तो पाचन शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति की सेहत में सुधार होता है।
#9.) आलू के सेवन से मोटापा बढ़ जाता है।
बहुत लोग ऐसा भी मानते हैं कि आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होने की वजह से इसके सेवन से शारीरिक भार बढ़ता है और व्यक्ति मोटा हो सकता है।
जबकि वास्तव में आलू में उर्जा बहुत अच्छी मात्रा में पाई जाती है और इसके सीमित सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता बल्कि उबले हुए आलू खाने से इंसान खुद को फिट रख सकता है।
#10.) चाय या कॉफी से नींद भाग जाती है ।
चाय और कॉफी में कैफ़ीन नाम का केमिकल होता है जो फोकस करने वाले में मददगार हो सकता है। लेकिन इनके लगातार उपयोग से बहुत ही घातक नतीजे हो सकते है।
चाय और कॉफी पीते रहने से इनकी लत लग जाती है यह लत लगाने वाले रसायन होते है जिन्हें हमारी सामाजिक संस्कृति ने मान्यता दी हुई है जिस तरह पश्चिमी देशों में शराब को माना जाता है उसी तरह भारत में चाय कॉफी के नशे को स्वीकार्यता है।
#11.) सुबह में दांत साफ करना चाहिए।
रात भर सोने के बाद सुबह-सुबह दांत साफ करना चाहिए यह अच्छा है। पर मेडिकल साइंस के मुताबिक हमें हर 12 घंटे में एक बार दांत साफ कर लेने चाहिए। इसका मतलब यह है कि केवल सुबह में ही नहीं बल्कि रात को सोने से पहले भी ब्रश करके सोना चाहिए। और इसीलिए सुबह और रात दोनों टाइम ब्रश करने की सलाह दी जाती है।
#12.) चावल खाने से वजन बढ़ता है।
हमारी सोसाइटी में कुछ लोग यह भी मानते हैं कि चावल खाने से मोटापा बढ़ता है जबकि ऐसा कोई भी प्रूफ नहीं है।
जो यह साबित कर सके कि सीमित मात्रा में चावल का सेवन करने से मोटापा बढ़ सकता है चावल में उतने ही न्यूट्रिशंस पाए जाते हैं जितने आटे में होते हैं।
यानी अगर आप गेहूं के आटे की रोटी खाते हैं तो आपको उनसे उतना ही कार्बोहाइड्रेट मिलेगा जितना चावल से मिलता है।
अगर आप रोटी अधिक खाएंगे तब भी आपका मोटापा बढ़ेगा और चावल अधिक खाएंगे तब भी आपका मोटापा बढ़ सकता है।
तो यही बात समझने वाली है कि कोई भी चीज आपको मोटा तब तक नहीं कर सकती।
जब तक आप उसका सीमित मात्रा में सेवन करेंगे अधिक मात्रा में कोई भी चीज खाने से नुकसान ही होता है।
#13.) लाल फलों को खाने से खून बढ़ता है।

खून अनार, पपीता, सेब,पुरम, आदि खाने से बढ़ता है अक्सर यह सलाह दी जाती है। जबकि इनके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं है।
लोग यह मानते हैं कि ये लाल होते हैं, और हमारा खून भी लाल होता है इसीलिए इन चीजों से खून बढ़ाया जा सकता है।
पर असल में खून पानी और बहुत सी कोशिकाओं से मिलकर बनता है। जिसमें लाल रक्त कणिकाएं और श्वेत रक्त कणिकाएं होती हैं। जिन्हें बनने के लिए अलग-अलग तरह के कई तत्वों की जरूरत पड़ती है।
जो तत्व हर प्रकार के खाने से शरीर को मिल जाते हैं। न कि केवल लाल रंग के फलों से बल्कि किसी भी तरह के फल खून को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
#14.) कॉफी स्वास्थ्य के लिए कैसे बेहतर होती है।
हमारे देश में बहुत लोग यह मानते हैं कि कॉफी चाय से कम नुकसान करती है और यह चाय से बेहतर होती है कॉफी हो या चाय दोनों में कैफ़ीन नामक केमिकल पाया जाता है।
जो दिमागी नसों को शांत करता है और मूड को फ्रेश बनाता है अगर बिना दूध की कॉफी पी जाए और ज्यादा ना पकाया जाए तो दोनों ही हेल्थ के लिए अच्छी होती है अगर इसी तरह चाय पत्ती के साथ किया जाए तब भी ऐसा ही होगा।
इसका मतलब ये है कि चाय और कॉफी एक समान होते हैं अब इनसे सेहत पर कैसा असर होता है वह इनके इस्तेमाल पर निर्भर करता है।
#15.) अंडे दिल को नुकसान पहुंचाते हैं।
नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए रोजाना एक अंडा हृदय की बीमारियों के खतरों को नहीं बढ़ाता है।
जैसे दिल का दौरा पड़ जाना, हृदय की नसों में ब्लॉकेज होना। इसका कारण है कि अंडों में दिल की बीमारियों से रक्षा करने वाले महत्वपूर्ण गुण पाए जाते हैं।
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#16.) अंग्रेजी दवाइयां केमिकल्स से बनती हैं, और आयुर्वेदिक दवाइयां प्राकृतिक रूप से।
अधिकतर लोगों की यह अवधारणा रहती है, की इंग्लिश मेडिसन केमकल से बनती हैं। अच्छी व घरेलू चीजों में नहीं। पर वास्तविकता में केमिकल तो केमिकल है।
अंग्रेजी दवाइयों में प्रयोग होने वाला केमिकल भी प्राकृतिक रूप से पेड़ पौधे या जानवरों से ही लिया जाता है। पर इनमें थोड़ा अन्तर जरूर होता है वो यह कि अंग्रेजी दवाइयों केमिकल्स की मात्रा अधिक होती है।
इनमें सिर्फ वही केमिकल्स होतें हैं जो बीमारी को ठीक कर सकें, इसके अलावा अन्य कोई पोषक तत्व नहीं मिलते। और इनमें केमिकल की अधिक मात्रा में होने के कारण इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
जबकि आयुर्वेदिक, यूनानी,होम्योपैथिक औषधियों को प्राकृतिक रूप से सेवन करने की सलाह दी जाती है, और इनसे बीमारियों को ठीक करने में थोड़ा समय लगता है। पर इन दवाओं के साइड इफेक्ट बहुत ही कम होते हैं।
#17.) जो लोग मीठा नहीं खाते उन्हें डायबिटीज नहीं होता।
चीनी या मीठे के अलावा और भी बहुत सारी चीजें होती है जो डायबिटीज का कारण बनती है।
जैसे फैट, स्टार्च, प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट यह सब चीजें इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाते हैं जिस वजह से डायबिटीज होने का खतरा रहता है।
तो ऐसा बिल्कुल नहीं है कि जो लोग चीनी नहीं खाते उनको डायबिटीज नहीं होता डायबिटीज और भी कई तरह के भोजन लेने से हो सकता है जैसे फल या जूस इत्यादि।
पर हर किसी को डायबिटीज नहीं होता केवल उन लोगों को होता है जो अपने खाने में एहतियात नहीं बरतते और ज्यादा तला भुना और बहुत अधिक मात्रा में मीठा खाना पसंद करते हैं।
क्योंकि इन सभी चीजों से पाचन तंत्र में गड़बड़ी हो जाती है और पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता।
जिस वजह से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है और एक समय पर यह डायबिटीज का कारण बन जाती हैं।
#18.) नींबू पानी से वजन घटता है।
बहुत सी मोटी महिलाएं सुबह सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर सेवन करती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसे पीने से वह अपनी चर्बी घटा सकती हैं और खुद को पतला कर सकते हैं।
पर इसका भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इसमें फैक्ट यह है की नींबू में विटामिन सी होता है और जब इसे गर्म पानी के साथ सेवन किया जाता है यह तो पाचन तंत्र मजबूत बनता है और खून पतला होता है इसीलिए चर्बी जम नहीं पाती।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो चर्बी पहले से आपके शरीर में है नींबू पानी पीने से वह चर्बी घट सकती है उसके लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है।
पैदल चलने की जरूरत है एक्सरसाइज और योगा करें तथा अपने खाने में सिर्फ हेल्दी चीजों का सेवन करें तभी आप अपना वजन घटा सकते हैं।
#19.) नींद 7 से 9 घंटे की होनी चाहिए
निकोला टेस्ला, चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक सम्राट, स्वामी विवेकानंद, जैसे महान व्यक्ति 24 घंटे में सिर्फ 2 से 5 घंटे ही सोते थे। और अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे महान साइंटिस्ट रोज 11 घंटे तक सोते थे।
तो यह कहना सही नहीं है, कि हर स्वस्थ इंसान को 7 से से 8 घंटे की नींद लेनी जरुरी है।
सोने का समय हर व्यक्ति का अलग-अलग हो सकता है। कोई ज्यादा सोता है तो किसी को कम नींद से ही पर्याप्त ऊर्जा मिल जाती है।
#20.) सोडा सेहत के लिए अच्छा होता है।
ऐसा कहा जाता है कि सोडा सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है सोडा खाने से गैस की प्रॉब्लम नहीं रहती यह बहुत हद तक सही भी है लेकिन सोडा बहुत कम मात्रा में सेहत के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन इसकी थोड़ी सी भी ज्यादा मात्रा होने से शरीर में बहुत सारे नुकसान हो जाते हैं इसीलिए सोडे को बहुत ऐतिहात के साथ स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
#21.) रात को 7:00 बजे के बाद खाने खाना से इंसान हेल्थी नहीं रह सकता।
कई जगह पर यह भी एक मिथ है कि रात को 7:00 बजे से पहले खाना खा लेना आप को हेल्दी रखता है और 7:00 बजे के बाद खाना खाने से मोटापा बढ़ता है तथा व्यक्ति एक हेल्थी जीवनशैली नहीं जीत सकता।
जबकि जरूरी यह है कि आप खाना खाने के बाद सीधा सोने ना जाए कुछ देर के लिए बाहर वॉक पर जाएं और पैदल चलें। जिससे जो भी आपने खाया हो आसानी से पच जाए।
इसीलिए कहा जाता है कि रात को खाना जल्दी खा लेना चाहिए जिससे वह आसानी से पच सके।
क्योंकि अधिकतर लोग खाना खाने के बाद बैठे रहते हैं और बिना किसी शारीरिक काम किए ही सो जाते हैं ऐसे में उनका पाचन तंत्र सही प्रकार से काम नहीं कर पाता।
यहां पर समझने वाली बात यह है कि आपको खाना खाने के बाद खुद को इतना टाइम देना है। कि आपके शरीर को खाना पचाने में ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े।
उसके लिए खाना खाने के बाद कुछ शारीरिक कार्य कर लेने चाहिए जैसे घर का काम, पार्क में कुछ देर के लिए टहलना इत्यादि।
सेहत और जीवन से जुड़ा सबसे बड़ा सच
लोग हर उस चीज का विश्वास कर लेते हैं, जो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। किसी भी प्रकार की जानकारी, कोई भी दवा, मनमाना आचरण, मिथक, और पता नहीं क्या-क्या और इसी के चलते समाज में स्वास्थ्य से जुड़ी कई भ्रम फैले हुए हैं।
उन्हीं में से एक है, कि कोरोनावायरस की वैक्सीन से वैक्सीन के बारे में है कि इससे हड्डियों की कार्य क्षमता क्षमता में कमी आती है और बच्चे पैदा नहीं करने में प्रॉब्लम होगी।
ऐसे बहुत सारे भ्रम है जो इंटरनेट पर आपको मिल जाएंगे इसमें अलग-अलग तरह के भ्रम है जिन पर लोग पढ़कर या देखकर बहुत आसानी से भरोसा कर लेते हैं।
जो सामाजिक रूप से लोगों के लिए खतरनाक बन जाते हैं इसीलिए किसी भी चीज के बारे में जब तक यकीन ना करें जब तक आपको उसका कोई सटीक प्रूफ ना मिले।
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दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में सेहत को लेकर अलग-अलग भ्रम से फैलाए गए हैं तथा फैलाए जा रहे हैं जिन्हें केवल शिक्षा और जानकारी के माध्यम से ही मिटाया जा सकता है।
उनमें कई ऐसे भ्रम है जिनकी वजह से इंसानियत पर भी इल्जाम आता है।
जैसे मासिक धर्म में लड़कियों को सबसे अलग रहना चाहिए रसोई में नहीं जाना चाहिए, धार्मिक चीजों को नहीं छूना चाहिए और विशेष प्रकार की चीजें नहीं खानी चाहिए।
इसके अलावा सूर्य ग्रहण के वक्त खाना नहीं खाना चाहिए आदि यह लोगों की जिंदगी को बहुत हद तक प्रभावित कर रहे हैं।
ऐसी बहुत सी अफवाह हैं जिन्हें लोग सच मानते हैं लेकिन उनमें कोई भी सच्चाई नहीं है तो अब जरूरत है कि हम अपने ज्ञान का इस्तेमाल करें और किसी भी प्रकार की जानकारी ऐसे ही न माने।
आशा करते हैं कि आप को इस आर्टिकल How to destroy health food myths in hindi से बहुत कुछ ऐसा जाने को मिला होगा। जिससे आपकी जिंदगी में कुछ उलझनें सुलझाने में मदद मिलेगी।
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