Coronavirus का New varient EG.5.1 (एरिस) अब भारत में भी – जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

भारत में हाल ही में, Coronavirus के नए रूप EG.5.1 ओमिक्रॉन का खुलासा किया गया है। यह नया सबवेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक सबवेरिएंट है यह नया कोरोनावायरस EG.5.1 एरिस अभी तक 45 देश में पाया जा चुका है जिसमें एक भारत भी है।

हालांकि यह ब्रिटेन में तेजी से फैल रहा है एक्सपर्ट के अनुसार इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है केवल सावधानियां का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है ताकि हम अपने देश में इसे फैलने से रोक सकें।

इस लेख में, हम इस नए वायरस EG.5.1 Eris के बारे में बात करेंगे और इसके मुख्य लक्षण और बचाव के तरीके भी जानेंगे।

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भारत में Coronavirus का New varient EG.5.1 (एरिस) का पहला केस

Coronavirus new varient EG.5.1 Eris
Corona virus new varient EG.5.1 Eris

एक्सपर्ट का कहना है कि यह चिंता का कारण नहीं है लेकिन जब भारत में इसका पहला case पाया गया तो इस वेरिएंट के फैलने की चिंता होना स्वाभाविक है।

दरअसल भारत में महाराष्ट्र राज्य में इस new varient का पहला मामला देखा गया है जो पहली बार मई 2023 में ही पाया गया।

हालांकि इसके बाद भारत में अन्य कोई भी मामला इस वैरीअंट coronavirus का नहीं मिला है लेकिन इस एक मामले के मिलने से स्वास्थ्य विभागों ने नए वेरिएंट से निपटने की तैयारी शुरू कर दी हैं ताकि हमारा देश नए वेरिएंट से बचा रहे।

EG.5.1 (Eris) का खुलासा

ओमिक्रॉन के बाद, यह नया सबवेरिएंट EG.5.1 के नाम से पुकारा जा रहा है। ओमिक्रॉन XBB के इस सब-वेरिएंट को एरिस भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने इसका विश्लेषण किया है और पाया है कि इसमें कुछ विशेष परिवर्तन हुए हैं जो इसे ओमिक्रॉन से अलग करते हैं।

विशेष परिवर्तनों की चर्चा

वैज्ञानिकों ने यह देखा है कि EG.5.1 एरिस ओमिक्रॉन से गुणवत्ताओं में अलग हो सकता है। इसमें स्पाइक प्रोटीन में विशेष परिवर्तन हैं, जिनका मतलब है कि यह वायरस मानव शरीर में फैलने की क्षमता में बदलाव ला सकता है।

इसके परिणामस्वरूप, यह वायरस तेजी से फैल सकता है और संक्रमण की दर में तेजी वृद्धि हो सकती है।

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बचाव के उपाय

इस नए सबवेरिएंट के खिलाफ लड़ाई में, बचाव के उपायों का पालन करना बहुत जरूरी है। वैक्सीनेशन की गहरी आवश्यकता है और सरकारों को लोगों को जागरूक करने और वैक्सीन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कदम उठानी चाहिए। साथ ही, लोगों को हाथों की सफाई, मास्क पहनने, और सामाजिक दूरी जैसी सुरक्षा उपायों का भी पालन करना चाहिए।

लेकिन ऐसा देखा जा रहा है भारत को ज्यादा सतर्कता रखने की जरूरत है क्योंकि अब लोगों में पिछले संक्रमण या फिर वैक्सीन से मिली इम्युनीट कमजोर हो रही है।

Coronavirus new varient एरिस से बचने के लिए नीचे बताई गए कदम उठाएं:

• सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।

• अगर आपको इसके लक्षण दिखते हैं तो परिवार से अलग कमरे में रहें।

• अपने हाथों को बार-बार धोते रहें कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथों को साबुन से धोएं।

• बाहर से घर आने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं ताकि आपके हाथों पर जो भी संक्रमण हो साफ हो जाए।

• घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें।

• क्योंकि यह इम्यूनिटी कमजोर होने पर हमला करता है इसलिए अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं।

• एक्सरसाइज करें और अच्छी डाइट लेने की आदत डालें।

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कितने देशों में मिल चुका है New varient एरिस?

corona virus का यह new variant EG.5.1 जो ओमिक्रॉन का ही सबवेरिएंट बताया जा रहा है, और अभी तक 45 देशों में फैल चुका है, क्योंकि इसके मामले 45 देशों से सामने आए हैं और यह तेजी से फैल भी रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस नए coronavirus से संक्रामक दर XBB.1.16 से 45% ज्यादा है। WHO का कहना है कि एरिस का ट्रेंड बढ़ता दिख रहा है, और इसलिए इस वेरिएंट को जुलाई महीने में ही variant under monitoring की लिस्ट में जोड़ लिया गया था।

भारत में कोविड संक्रमण फैलने का कितना खतरा?

दिल्ली के शालीमार बाग में मौजूद फोर्टिस अस्पताल की डॉ विनीता तनेजा ने कहा है कि यूके में तेजी से फैल रहा यह new coronavirus variant दुनिया भर में चिंता बढ़ा रहा है जिस तरह से यह इंग्लैंड में फैल रहा है भारत में भी प्रवेश कर सकता है।

हालांकि कोरोना संक्रमण की वैक्सीन से लोगों को इस संक्रमण के होने की संभावना कम है लेकिन Coronavirus यह एक नया वेरिएंट है तो चुनौती का कारण बन सकता है इसलिए इस पर कड़ी नजर रखना जरूरी है ताकि इसे देश में फैलने से रोका जा सके।

क्या कहना हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स का?

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में ऑपरेशन रिसर्च की प्रोफेसर क्रिस्टीना पेजेल के का कहना है कि इंग्लैंड में coronavirus का ये new varient तबाही मचा सकता है। और आने वाले महीनों में EG.5.1 एरिस के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल सकती है।

यूके में यह वेरिएंट खराब मौसम के कारण और भी ज्यादा फैल रहा है क्योंकि खराब मौसम होने के कारण लोगों की इम्युनिटी प्रभावित होती है साथ ही बुजुर्गों में यह वेरिएंट ज्यादा फैल रहा है।

हालांकि यह नया वेरिएंट लोगों में तेजी से फैल सकता है खतरनाक रूप भी ले सकता है लेकिन अभी तक दुनिया की अधिकतर देशों में इसके केस बहुत कम देखने को मिले हैं इसीलिए इस पर काबू पाया जा सकता है।

क्योंकि इंग्लैंड में इसे शुरुआती दौर में ही पहचान लिया गया है इसलिए जो भी इसकी चपेट में आ रहे हैं उनका इलाज संभव हो रहा है लोग इससे ठीक हो रहे हैं।

दुनिया के लोगों में इस वेरिएंट से बचे रहने के लिए जागरुकता फैलाने जरूरी है ताकि लोग इसके लक्षणों को पहचान कर अपना बचाव कर सकें और इलाज ले सकें।

Coronavirus new varient एरिस को पहली बार कब पहचाना गया?

UKHSA के अनुसार, विश्व स्तर की बात करें तो इसे विश्व में कोरोनावायरस के एक नए वेरिएंट के रूप में 3 जुलाई 2023 को पहचाना गया। हालांकि इंग्लैंड में यह वेरिएंट पहले से ही मौजूद था इसके केस भी देखे जा रहे थे लेकिन एक नया नाम इसे जुलाई में दिया गया।

WHO ने इस new variant पर क्या कहा?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार कि ओमिक्रॉन के सबवेरिएंट EG.5.1 वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है WHO के डायरेक्टर टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस का कहना है हालांकि लोग वैक्सीन लगवाने की वजह से इस वायरस से सुरक्षित हैं।

लेकिन इसका बिल्कुल भी ये मतलब नहीं है कि कोई भी देश लापरवाही बरते, इसलिए सभी देशों की सरकारों से गुजारिश की जाती है कि वे अभी से कोविड-19 के new varient को लेकर सतर्क रहें और coronavirus के लिए बनाए गए सिस्टम को खत्म न करें।

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New varient EG.5.1 एरिस के लक्षण:

EG.5.1 एरिस के निम्नलिखित लक्षण होते हैं जैसे –

1. सिर दर्द

2. नाक बहना

3. बंद नाक

4. छींकना

5. सूखी खांसी

6. गले में खराश होना

7. गीली खांसी

8. कर्कश आवाज

9. मांसपेशियों में दर्द

10. शरीर में दर्द

11. गंध-सुगंध और टेस्ट न आना

12. अकड़न रहना।

रिसर्च से यह भी पता चला कि इसके सामान्य लक्षण ओमीक्रॉन वायरस जैसे ही होते हैं लेकिन यह भी पाया गया है कि इस नये वैरिएंट के लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, गंध की कमी और बुखार जैसे लक्षण नहीं देखें गए।

निष्कर्ष:

इस नए रूप EG.5.1 ओमिक्रॉन के आगमन से हमें अलर्ट रहने की आवश्यकता है। वैज्ञानिकों ने इसके विशेष परिवर्तनों की चर्चा की है और यह स्पष्ट है कि हमें इसे फैलने को रोकने के लिए सक्रिय रहना होगा। वैक्सीनेशन और सुरक्षा उपायों पर ध्यान रखें और सावधानी बरतें।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

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