बुद्ध कहते हैं ज्यादा सोचना और चिंता करना ही हमारे दुःख की सबसे बड़ी वजह होती है।
आजकल हम लोग खुशियों का मतलब ही भूल गए हैं हम खुशियों को Past, Future में तलाशते रहते हैं जबकि वर्तमान में रहने से हम खुद को बिना किसी वजह के भी खुश रख सकते हैं।

ज्यादा सोचने की हमारी प्रवृत्ति हमें खुश रहने से रोकती है overthinking कैसे हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है आज इसी टॉपिक पर चर्चा करेंगे।
आज के समय में हम लोग छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा सोचते हैं एक छोटी सी प्रॉब्लम को बिना वजह बड़ी बना लेते हैं।
जिससे हमारी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन मिलने की बजाए हम मानसिक दबाव में आ जाते हैं और इससे अक्सर तनाव बढ़ता है।
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Overthinking (ओवरथिंकिंग) क्या है?
ओवरथिंकिंग का मतलब होता है किसी छोटी सी चीज के बारे में बहुत ज्यादा सोचना, ऐसी चीजों के बारे में चिंता करना जो हमारे नियंत्रण में नहीं है।
हालांकि किसी भी स्थिति या सिचुएशन के बारे में गहराई से सोचना मानव का स्वभाव है।
लेकिन जब किसी चीज पर लंबे समय तक चिंतन किया जाता है और उन विचारों पर खुद की थिंकिंग ही बनाते रहते हैं तो यह ओवरथिंकिंग बन जाती है।
ओवरथिंकिंग कितनी तरह की होती है – Types of overthinking
ओवरथिंकिंग मुख्य रूप से 2 तरह की होती है एक बीते कल को लेकर चिंता करना और सोचते रहना, दूसरा भविष्य के बारे में चिंता करना।
सोचने पर जब हमें किसी प्रॉब्लम का सलूशन मिल जाता है तो वह हमारी समझदारी है पर जब हम सिर्फ सोचते रहते हैं किसी नतीजे पर नहीं पहुंचते तो वह होती है ओवरथिंकिंग।
क्यों करते हैं हम overthinking.
इस दौर की भागती दौड़ती लाइफ में व्यक्ति हर हर चीज तेजी से करना चाहता है इसीलिए अधिकतर लोग सोचते रहते हैं काम नहीं करते।
बिना वजह के ऐसी बातों को महत्व देना जो शायद भविष्य में हमारी जिंदगी में कोई मायने ना रखें इन सब चीजों के बारे में सोचना ही ओवरथिंकिंग का कारण है।
क्या कुछ भी सोचने से मिल जाता है हालांकि जैसा हम सोचते हैं वैसा हमें मिल तो जाता है लेकिन कुछ भी बिना मेहनत के नहीं मिलता।
तो आपकी ओवरथिंकिंग का कारण है एक्शन ना लेना अगर आपकी जिंदगी में कोई प्रॉब्लम है। तो उसके लिए एक्शन ले समस्यां जरूर सुलझ जाएगी।
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ओवरथिंकिंग से होने वाले नुकसान – Overthinking side effects in hindi

1. अकेलापन महसूस होना।
किसी भी टॉपिक पर ज्यादा सोचने से व्यक्ति अकेला हो जाता है क्योंकि उसे लगता है और लोग उसे समझ नहीं पा रहे हैं।
2. डिप्रेशन हो सकता है।
Overthinking के कारण डिप्रेशन होना भी संभव है क्योंकि किसी भी चीज को ज्यादा सोचने से दिमाग पर दबाव पड़ता है।
और यह मानसिक दबाव धीरे-धीरे तनाव का कारण बनता है और तनाव से डिप्रेशन होने का खतरा पैदा हो जाता है।
3. समय की बर्बादी।
किसी भी चीज के बारे में ज्यादा सोचने से केवल समय की बर्बादी ही होती है क्योंकि सिर्फ सोचते रहने से समाधान नहीं मिलता।
4. काम पर बुरा असर।
Overthinking का हमारे काम पर भी गलत असर होता है क्योंकि ज्यादा सोचने वाले लोग अक्सर काम करने की बजाय उस काम से आने वाले परिणाम के बारे में ही सोचते हैं।
जिससे काम पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है और फिर परिणाम भी स्वेच्छा के अनुरूप नहीं आता।
5. गंभीर मानसिक रोग।
ज्यादा सोचने से मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि overthinking दिमाग की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर देती हैं।
6. अपनों से दूर।
अक्सर जो लोग ज्यादा सोचते हैं वह दूसरों से खुद को अलग रखना पसंद करते हैं और इसी वजह से अपनों से भी दूरी बना लेते हैं।
7. सही निर्णय करने की क्षमता कम हो जाना।
ज्यादा सोचने से सही निर्णय ले पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि एक मुद्दे को गहराई तक सोचने के बाद जब समाधान नहीं मिलता तो निर्णय तक पहुंचना मुश्किल लगता है।
8. नींद की कमी।
ओवरथिंकिंग के कारण नींद में कमी आना भी एक दुष्प्रभाव है व्यक्ति सो नहीं पाता एक ही मुद्दे के बारे में दिमाग लगाए रखता है।
9. प्रतिरक्षा प्रणाली को गड़बड़ा सकता है।
overthinking के कारण शरीर में कोर्टिसोल पैदा होता है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम करने में सक्षम नहीं रहती।
10. समस्या सुलझाने की क्षमता में बाधा।
किसी भी समस्या को सुलझाने में ओवरथिंकिंग एक बहुत बड़ी बाधा बन जाती है क्योंकि समस्या को सुलझाने के लिए ज्यादा सोचना नहीं सही निर्णय तक पहुंचना जरूरी है।
11. कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
आपकी ज्यादा सोचने की आदत कैंसर के खतरे को बढ़ाने में भी जिम्मेदार होती है overthinking से कई तरह के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
12. दिल की हेल्थ होती है प्रभावित।
ओवरथिंकिंग की वजह से हृदय समस्याएं होने की दर बढ़ सकती है इससे हृदय कोशिकाओं में ब्लॉकेज आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
13. त्वचा पर बुरा असर डाल सकता है।
ओवरथिंकिंग स्किन पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं ज्यादा सोचने से तनाव बढ़ता है और तनाव के कारण बहुत सी स्किन प्रॉब्लम्स होती हैं जैसे पिंपल्स झाइयां झुर्रियां इत्यादि।
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ओवरथिंकिंग से कैसे बचे – How to overcome to overthinking in hindi

1.) बीती बातों को याद ना करें।
क्योंकि ओवरथिंकिंग का सबसे बड़ा कारण हमारा फास्ट होता है इसीलिए अपने past की बातों को भूलना सीखें।
2.) किसी से गलती हो गई हो तो उसे माफ कर दें।
यदि किसी ऐसे व्यक्ति से गलती हो जाती है जो हमारे बहुत करीब होता है तो भी हम बहुत ज्यादा सोचना शुरू कर देते हैं।
तो ऐसी स्थिति में ज्यादा सोचने की बजाय यह सोचना चाहिए कि गलती किसी से भी हो सकती है।
अगर गलती बड़ी है तब भी ओवरथिंकिंग इसका समाधान नहीं है दूसरों को माफ कर देना आपके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए ज्यादा बेहतर है।
3.) नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं।
ऐसे लोगों से दूर रहे जो हमेशा नेगेटिव बातें करते हैं और नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।
4.) अपनी खामियों पर ध्यान दें।
अपनी कमियों को देखिए कि आपको खुद में क्या बदलाव करना चाहिए उस पर काम करें ना कि ज्यादा सोचते रहे।
5.) खुद को अच्छे कामों में व्यस्त रखें।
खुद को ऐसे कामों में व्यस्त रखें जो आपके भविष्य को बेहतर बनाएं और आपको वर्तमान में खुशी और शांति महसूस कराए।
6.) लोग क्या कहते हैं इसके बारे में न सोचे।
अक्सर हम इस बारे में भी ज्यादा सोचते रहते हैं लोग क्या कहेंगे।
अगर हम कुछ अच्छा करने जा रहे हैं तो लोगों की फिक्र करना फिजूल है दूसरों की धारणाओं पर नहीं ऐसे चलें जैसे आपकी जिंदगी के उसूल हैं।
7.) खुद पर विश्वास रखें।
आप किसी भी बारे में सोच रहे हैं तो ज्यादा सोचने की बजाय खुद पर भरोसा रखें कि आप कर सकते हैं।
इस दुनिया में ऐसा कुछ नहीं है जो हम नहीं कर सकते तो चिंता के बजाए खुद को बेहतर बनाएं।
8.) इस दुनिया से बाहर आए जो हकीकत में है ही नहीं।
कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जो हम अपने दिमाग में ख्याल बना लेते हैं लेकिन वास्तव में वह हमारी जिंदगी में होती ही नहीं।
और ऐसी बातों के बारे में बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं सपनों के बजाय तो हकीकत में रहे।
9.) समाधान ढूंढो।
अगर आपकी जिंदगी में प्रॉब्लम है तो उसका सलूशन ढूंढें ना कि उसके बारे में ज्यादा सोच कर खुद की समस्या को बढ़ाएं।
10. आपको किसी चीज का गिल्ट है तो पहले खुद को माफ करें।
इंसान से गलती होती रहती है तो खुद को माफ करें अगर आपको किसी चीज का गिल्ट है तो अपनी गलती को सही करें और खुद को माफ करें।
11. सोचने की बजाय काम को कर डालें।
किसी भी काम के बारे में सोचने से वह काम पूरा नहीं हो जाता ना ही बदल जाता और आसान भी नहीं होता तो इससे अच्छा है कि हम अपना समय बचाएं काम कर लें।
12.) कृतज्ञ रहो ।
खुद को कृतज्ञ रखें हमेशा थैंकफूल रहे यह आदत भी ओवरथिंकिंग से बचाने में मदद करती है।
13.) कुछ ऐसा करें जिससे आपको खुशी मिले।
Overthinking सोचने की बजाय ऐसी चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित करें जिससे आपको खुशी मिले अपने शौक पूरे करें।
14.) दिमाग को शांत रखने के लिए मेडिटेशन करें।
मेडिटेशन करने से भी दिमाग शांत होता है और व्यक्ति ओवरथिंकिंग से बाहर आता है इसीलिए रोजाना कुछ समय मेडिटेशन के लिए निकालें।
15.) एक प्रशिक्षित चिकित्सक (मनोचिकित्सक) से बात करें।
अगर आपको लगता है कि आप बहुत ज्यादा सोचते हैं और आपका खुद पर नियंत्रण नहीं है तो किसी अच्छे मनोचिकित्सक से सलाह ले।
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ओवरथिंकिंग के कारण – Causes of overthinking in hindi
अधिक सोचने के सामान्य कारण यह हैं –
बीती बातें – हमारा बीता हुआ समय बहुत ज्यादा सोचते रहने का सबसे बड़ा कारण है।
व्यक्ति पिछली घटनाओं के बारे में सोचता रहता है कि उसने जो किया था ऐसा नहीं करना चाहिए था या स्थिति ऐसी हो सकती थी यदि ऐसा किया जाता।
जबकि यह सबको पता है कि जो भी चुका है वह वापस नहीं आ सकता इसलिए past के बारे में ना सोचें खुद को अपराध बोध से बाहर निकालें।
भविष्य – भविष्य के बारे में धारणाएं बनाना अपनी योजनाएं तय करना सही है लेकिन फिजूल में बहुत ज्यादा चिंता करते रहना ओवरथिंकिंग का रूप ले लेता हैं।
नौकरी छूटना – नौकरी छूटना या कारोबार में नुकसान भी ज्यादा सोचने का कारण होता है।
अपने ऊपर अविश्वास- जब कोई ऐसी परिस्थिति हमारे सामने आती है जो हमारे बस में नहीं होती तो अक्सर हम खुद पर विश्वास खोने लगते हैं ऐसे में भी व्यक्ति overthinking करता है।
कोई दुर्घटना – कोई ऐसी दुर्घटना हो जाना जो दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती है भी overthinking का कारण बनती है।
खुद को साबित कर पाने में बाधा – जब हम किसी भी सिचुएशन में खुद को साबित करने में असफल हो जाते हैं तब भी ओवरथिंकिंग करने लगते हैं।
ओवरथिंकिंग के लक्षण – Overthinking symptoms in hindi
ओवरथिंकिंग के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
• नींद में गड़बड़ी हो जाना, व्यक्ति ठीक से सो नहीं पाता।
• निराशाजनक स्थिति में रहना।
• खुद को दूसरों से कम समझना।
• बीती बातों के बारे में सोचते रहना।
• दूसरों में कमियां ढूंढना।
• ऐसी बातों को सोचना जो हमारे नियंत्रण में ना हो।
• काम पर ध्यान देने की बजाय परिणाम की चिंता करना।
• शर्मिंदगी के पलों को बार-बार याद करना।
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ओवरथिंकिंग के बारे में लोगों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।
Q. ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
ज्यादा सोचने वाले लोग खुद को इस समस्या से बचाने के लिए यह कुछ तरीके अपना सकते हैं।
• प्राणायाम करने की आदत बनाएं।
• रोज 20 मिनट की मेडिटेशन करें।
• कुछ समय अपने दोस्तों के साथ बिताएं।
• खुली हवा में कुछ समय रहें।
Q. ज्यादा सोचने से कौन सी बीमारी बनती है?
ज्यादा सोचने से डिप्रेशन होना, तनाव में रहना, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना आदि समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा पाचन क्षमता में गड़बड़ी, त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती है।
Q. एक ही बात बार बार सोचने से क्या होता है?
किसी एक ही चीज के बारे में ज्यादा सोचने से समाधान के बजाय समस्याएं बढ़ जाती हैं तनाव तो बढ़ता ही है साथ ही मानसिक और शारीरिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।