आजकल मेदा खाद्य पदार्थों में उपयोग होना बहुत सामान्य हो गया है क्योंकि मैदे के उपयोग से खाने की चीजों में टेस्ट बढ़ता है इसलिए इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाने लगा है।
मेदे का उपयोग समोसे, मिठाईयां जैसे बर्फी रसगुल्ले, गुलाब जामुन और आजकल जो हम चीजें खाते हैं पिज़्ज़ा बर्गर मोमोज आदि में किया जाता है।
अगर इन चीजों में Maida की जगह गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है तो लोग इन चीजों को पसंद नहीं करते उन्हें इसमें वह स्वाद नहीं आता जो मैदे से बनी चीजों में आता है।
टेस्ट के चक्कर में लोग अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं और दिन भर में बहुत सारी मैदे से बनी चीजों का सेवन करते हैं।
तो मैदा खाने से शरीर को किस हद तक नुकसान हो सकते हैं क्या Maida खाने से कोई लाभ भी होता है तथा इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या करना चाहिए इन सभी सवालों पर बात करेंगे।
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मैदा कैसे बनता है? (How Is Maida Made In Hindi)
मैदा गेहूं के आटे से ही बनता है मैदे और आटे में सिर्फ फर्क इतना होता है कि आटे में गेहूं की ऊपरी परत और अंदर की परत दोनों शामिल होते हैं जबकि मैदे में केवल बीच का स्टार्च होता है।
मैदा अर्थात वाइट फ्लोर (White flour) बनाने के लिए गेहूं की बाहरी और आंतरिक जर्म लेयर को निकालकर इसके बीच के एंडोस्पर्म को पीसकर मैदा बनाया जाता है।
क्योंकि Refined flour में गेहूं की ऊपरी और आंतरिक परत नहीं होती इसीलिए इसमें फाइबर नहीं रहता साथ ही बहुत सारे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जो आटे में मौजूद होते हैं।
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मैदा खाने के नुकसान: (Side Effects of Maida in Hindi)
क्योंकि मैदा गेहूं की ऊपरी परत को हटाकर बनाया जाता है तो यह पचने में बहुत मुश्किल होता है।
इसके सेवन से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं चलिए विस्तार से जानते हैं इसके नुकसान।
#1. पाचन शक्ति में कमजोरी।
मैदा खाने से immunity भी कमजोर होती है इम्यून सिस्टम को सही से काम करने के लिए कोशिकाओं का सही से काम करना जरूरी होता है।
क्योंकि मैदे में बहुत सारे पोषक तत्व इसके प्रोसेस के कारण कम हो जाते हैं तो ऐसे में मैदे के सेवन से भूख तो मिट जाती है।
लेकिन शरीर को न्यूट्रिशंस नहीं मिलते जिसके कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है।
#2. मेटाबॉलिक सिंड्रोम और मधुमेह।
मैदे में पोषक तत्व और फाइबर की कमी होती है रिसर्च के अनुसार रिफाइंड फ्लोर (Maida) खाने से एक 1 महीने में ही व्यक्ति मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या से ग्रसित हो सकता है।
वक्त के साथ यह समस्या बढ़ सकती हैं इसके कारण मेटाबॉलिज्म रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं इसके अलावा Maida मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
#3. कमजोर हड्डियां।
ज्यादा मैदा खाने से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं क्योंकि हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे कैलशियम, मैग्निशियम, फायबर, मिनरल्स मैदे से पूरे नहीं मिल पाते।
तो अगर रोज मैदे का सेवन किया जाए तो शरीर में न्यूट्रिशंस की कमी होने लगती है जिससे हड्डियां भी धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं।
#4. फाइबर की मात्रा में कमी।
जैसा कि हमने ऊपर आपको बताया है कि मैदा कैसे बनता है और इसमें फाइबर की कमी होती है जिससे यह स्वास्थ्य के लिए खराब प्रभाव पैदा करता है।
क्योंकि इसमें फाइबर नहीं होता तो यह पचने में मुश्किल होता है और इसके सेवन से कब्ज़ रहने की समस्या रहती है।
#5. दिमाग की समस्याओं का कारण।
एक रिसर्च के अनुसार मैदे से बना भोजन का सेवन करने से दिमागी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।
हम लोग यह तो जानते हैं कि Maida से बनी चीजें हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है लेकिन हम फिर भी Maida युक्त चीजें खाते हैं।
यह भूल जाते हैं कि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है इसके अधिक सेवन से व्यक्ति पागलपन का शिकार भी हो सकता है
#6. वजन बढ़ने की संभावना।
रिफाइंड फ्लोर खाने से मोटापा बढ़ना भी एक चुनौती है मैदे में पोषक तत्व नहीं होते को यह पचने में भी मुश्किल होता है रिसर्च के अनुसार मैदे से बने फास्ट फूड से मोटापा बढ़ता है।
#7. फूड एलर्जी की वजह बनता है।
Maida फूड एलर्जी के सबसे बड़ी वजह में से एक है इसमें पाया जाने वाला ग्लूटेन नामक प्रोटीन, आटे को लचीला बना देता है।
इस लचीले आटे से बनी रोटी नरम होती है इसमें काफी ज्यादा मात्रा में carbohydrate होता है जो शरीर में फूड एलर्जी का कारण बन सकता है।
#8. न्यूट्रिशंस की कमी।
जब शरीर को पूरे पोषण मिलते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियों से बचा रहता है।
लेकिन यदि ऐसा भोजन करेंगे जिसमें पोषक तत्वों की कमी हो तो शरीर बीमारियों से प्रभावित होने लगता है।
हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए विटामिन, मैग्नीशियम, फाइबर, लोह तत्व, फास्फोरस, मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
मैदे के अधिक सेवन से शरीर में इन प्रमुख पोषक तत्व की कमी हो जाती है जिससे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होने लगता है।
#9. आंतों में सूजन।
ज्यादा मात्रा में मैदा खाने से आंतों में सूजन जैसी समस्या बढ़ जाती है क्योंकि Maida flour आंतों पर चिपक जाता है जिससे यह आंतों पर सूजन का कारण बनता है।
जब ज्यादा मात्रा में रिफाइंड फ्लोर का सेवन किया जाता है तो शरीर में न्यूट्रिशंस की कमी हो जाती है और यह कारण बनता है आंतों में सूजन आने का।
#10. एसिड-एल्कलाइन असंतुलन का करण बनता है?
एक स्वस्थ शरीर का पीएच लेवल 7.4 होता है अधिक मात्रा में मैदे के सेवन से पीएच लेवल में गड़बड़ी आ जाती है जिस कारण से शरीर में एसिड एल्कलाइन असंतुलन होने लगता है
#11. दिल से जुड़े बीमारियों कारण।
दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है यदि ज्यादा मात्रा में Maida सेवन किया जाए।
एनसीबी के एक शोध से पता चलता है कि Maida में जो कार्बोहाइड्रेट होता है वह मोनोसाच्चेराइड और डिसाकाराइड शुगर से बनता है।
इस तरह का कार्बोहाइड्रेट दिल की समस्याओं का महत्वपूर्ण कारण है इसके सेवन से हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
#12. मैदा खाने की लत।
आज के समय में तो Maida एक लत की तरह बन गया है क्योंकि हर टेस्टी चीज मैदे से बनी होती है जैसे मिठाईयां और घर पर बनी मट्ठी समोसे या बर्गर आदि भी।
क्योंकि यह सारी चीजें खाने में tasty होती हैं इन्हें खाकर एक अच्छा स्वाद मिलता है साथ ही यह भूख को भी मिटा देते हैं हालांकि इनके सेवन से पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते।
चाहे घर पर हो या बाहर से लोगों को ज्यादा मात्रा में मैदे से बनी चीजों का सेवन करने का मन होता है यह है इसकी लत।
#13. हाई ब्लड प्रेशर का कारण।
एक रिसर्च में यह पाया गया है कि मैदा यानी रिफाइंड फ्लोर में जो कार्बोहाइड्रेट होता है वह शरीर में रक्तचाप की समस्या को बढ़ा देता है।
#14. ग्लूटेन प्रोटीन।
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है यह ग्लियाडिन और ग्लूटेनिन तत्व से बनता है यह प्रोटीन जौं, ओट्स, आटा, दाल में पाया जाता है।
क्योंकि Maida भी गेहूं से ही बनता है इसीलिए इसमें भी यह प्रोटीन मौजूद होता है हालांकि ग्लूटेन आवश्यक न्यूट्रीशन नहीं है।
बल्कि यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे याददाश्त में कमी, पेट में गैस बनना, पेट में दर्द, थकान, स्ट्रेस आदि।
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आटा फायदेमंद मैदा नहीं ऐसा क्यों?
आटा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है क्योंकि आटे में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए जरूरी है और इसके सेवन से शरीर को शक्ति मिलती है जिससे बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
जबकि मैदे में पोषक तत्वों की कमी हो जाती हैं जिससे स्वास्थ्य को गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है और इसी कारण से आटा लाभकारी होता है जबकि Maida स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
मैदा हानिकारक क्यों है?
Maida स्वास्थ्य के लिए हानिकारक इसलिए है क्योंकि इसमें किसी भी तरह का कोई लाभकारी पोषक तत्व नहीं होता यह केवल स्वाद के लिए ही अच्छा होता है।
यदि ज्यादा मात्रा में मैदे का सेवन कर लिया जाए तो शरीर में तरह-तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं इसका सबसे ज्यादा असर पाचन क्रिया पर पड़ता है।
क्योंकि मैदे में फाइबर की मात्रा ना के बराबर होती है तो यह पचने में मुश्किल होता है जिसके कारण पेट में दर्द, पेट में गैस जैसी समस्या बढ़ जाती है।
मैदा कम खाने की आदत कैसे बनाएं?
व्हाइट फ्लोर या मैदा कम खाने के लिए जरूरी टिप्स पढ़ें –
अगर होशियारी से Maida सेवन कम मात्रा में किया जाए तो कई तरह की बीमारियों से बचाव किया जा सकता है तो चलिए जानते हैं मैदे का कम सेवन कैसे करें।
• बाहर का खाना बहुत कम खाएं केवल मजबूरी में ही बाहर के fast-food का चुनाव करें।
• अगर आपको fast food या junk food पसंद है तो रोज ना खाएं हफ्ते में एक बार ही खाएं।
• अगर आप घर से बाहर हैं और आपको भूख लगी है तो फास्ट फूड, तली हुई चीजों से बचें फलों, सब्जियों का जूस या फ्रूट खाएं।
• घर पर अगर आप मैदे से बनने वाली चीजों को बना रहे हैं तो उसमें गेहूं के आटे का उपयोग करें।
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मैदा पचाने के लिए क्या करना चाहिए?
यदि आपने Maida खाया है और आपको इसे सरलता से बचाना है तो निम्न बातों का ध्यान रखें।
>> ज्यादा पानी पिएं।
>> 100 ग्राम दही का सेवन करें।
>> पानी में नींबू और शहद डालकर सेवन करें।
>> बैठे नहीं।
>> आधे से एक घंटा बाहर खुली हवा में पैदल चलें।
मैदे की बजाय क्या खाया जा सकता है?
मैदे की जगह गेहूं के आटे का उपयोग करें क्योंकि गेहूं के आटे में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जिससे इसके सेवन से शरीर को नुकसान नहीं होता और लाभकारी तत्व प्राप्त होते हैं।
कुछ चीजें जो मैदे से बनी हुई ही स्वादिष्ट लगती है ऐसी चीजों को बनाने के लिए सूजी या चावल के आटे का उपयोग कर सकते हैं इनके उपयोग से स्वाद में ज्यादा बदलाव महसूस नहीं होता।
लोगों द्वारा पूछे जाने वाले अन्य सवाल।
Q1. मैदा को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
इंग्लिश में मैदे को कई नाम से जाना जाता है जैसे वाइट फ्लोर, रिफाइन फ्लोर, ऑल पर्पस फ्लोर, रिफाइंड वाइट फ्लोर।
Q2. मैदा सेहत के लिए अच्छा क्यों नहीं है?
Maida सेहत के लिए इसलिए अच्छा नहीं है क्योंकि इसमें जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है Maida खाने स्वादिष्ट होता है लेकिन स्वास्थ्यवर्धक नहीं।
Q3. क्या मैदा त्वचा के लिए फायदेमंद है?
नहीं, मैदा स्किन के लिए लाभकारी चीज नहीं है यह skin पर उपयोग करने से त्वचा से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं।
Q4. क्या होगा अगर मैदा का सेवन रोजाना किया जाए?
अगर रोजाना मैदे का सेवन किया जाए तो शरीर और मस्तिष्क को बहुत सारे नुकसान का सामना करना पड़ सकता है स्वास्थ्य कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है।
Q5. क्या सूजी और मैदा एक हैं?
नहीं, Maida और सूजी में काफी फर्क होता है यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं सूजी मोटी होती है और मैदा बिल्कुल बारीक होता है।
Q6. क्या मैदा में स्टार्च होता है?
बिल्कुल मैदे में स्टार्च होता है यह रिफायडनिंग प्रोसेस से बनाया जाता है जिसमें गेहूं के ऊपरी परत को उतार दिया जाता है और बीच का जो भाग बचता है इसमें स्टार्ट काफी मात्रा में होता है।
Q7. आटे की तुलना में मैदा ज्यादा सस्ता क्यों होता है?
मैदा और आटे की कीमत में ज्यादा फर्क नहीं होता हालांकि घरेलू उपयोग के लिए मैदे की बजाय आटे का ज्यादा उपयोग किया जाता है।
Q8. मैदा खाने से क्या लाभ होता है?
मैदा खाने का लाभ वजन बढ़ाने के लिए होता है जिन लोगों को अपना वजन जल्दी बढ़ाना है वो मैदे का सेवन कर सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा में।
Q9. मैदा स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है?
मैदा या रिफाइंड व्हाइट फ्लोर अधिक मात्रा में खाने से स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचता है।
Q10. क्या चावल मैदा से बेहतर है?
हां चावल मैदे से अच्छे और स्वास्थ्य वर्धक होते हैं लेकिन ब्राउन राइस ज्यादा लाभदायक होते हैं।
Q11. मैदा सेहत के लिए अच्छा है या बुरा?
यदि आप इसे सीमित मात्रा में खाते हैं तो यह सही है लेकिन रोज ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से बुरे परिणाम झेलने पड़ते हैं।
Q12. मैदा खाने से मोटे होते हैं क्या?
हां, मैदे में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होता है तो इसे खाने से मोटापा बढ़ता है।