खाली पेट रस्सी कूदने के फायदे: सजीव और स्वस्थ जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है अगर रोजाना खाली पेट रस्सी कूदने की आदत बना ली जाए तो बहुत सी बीमारियो से बचें रह सकते है।
खाली पेट रस्सी कूदना, इस योग विद्या में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, वाकई में यह एक अद्वितीय और लाभकारी अभ्यास है। इस आसन तरीके से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक तंतु में भी सुधार लाया जा सकता है। यहां हम खाली पेट रस्सी कूदने के कुछ महत्वपूर्ण फायदों पर ध्यान केंद्रित करेंगे:
1. मानसिक शांति:
अगर आप रोजाना खाली पेट रस्सी कूद देंगे तो इससे मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है दिमागी कोशिकाओं में तनाव कम होता है मानसिक तंतु कम करने में भी यह सहायक है। हर रोज केवल तो रस्सी खाली पेट कूदने से ध्यान प्राणायाम को 20 मिनट करने जितना फायदा मिलता है यानी इससे मानसिक स्थिति में बहुत हद तक सुधार देखने को मिलेगा।
2. फिजिकल फिटनेस:
रस्सी कूदने से शारीरिक स्वास्थ्य को भी बहुत लाभकारी परिणाम मिलते हैं इससे शरीर के के हिस्से कार्यात्मक रूप से लचीले हो जाते हैं और किसी भी मेहनत के काम को करने के बाद भी शरीर में दर्द महसूस नहीं होता।
इसका मतलब यह है की रस्सी कूदने से शरीर की मांसपेशियों का विकास होता है शारीरिक फिटनेस में भी सुधार आता है जिससे सहनक्षमता बढ़ती है।
3. ऊर्जा की वृद्धि:
इसका रोजाना नियमित रूप से अभ्यास करने से शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि देखी जा सकती है अगर आप खाली पेट रस्सी कूदना शुरू करते हैं तो देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपकी शारीरिक ऊर्जा बढ़ेगी आप जल्दी से किसी भी काम को करने के बाद थकावट महसूस नहीं करेंगे।
4. श्वासमान प्रणाली सकारात्मक प्रभाव:
यह विधि श्वास प्रणाली में सुधार के लिए भी बहुत प्रभावित होती है इसे अगर लगातार 15 दिन किया जाए तो स्वास्थ्य से संबंधित के तरह की समस्याओं में सुधार देखने को मिलता है और शरीर को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है जिससे फेफड़े से संबंधित बीमारियां नहीं होती।
5. ध्यान और संवेदनशीलता:
खाली पेट रस्सी कूदने से ध्यान और संवेदनशीलता का फायदा भी मिलता है यानी फोकस करने की क्षमता बढ़ती है व्यक्ति काम को ध्यान से कर पता है और विचलित नहीं होता।
केवल 7 दिन यह प्रेक्टिस करने से मानसिक स्थिति संतुलित रखने में सहायता मिलती है और किसी भी काम को करने में कंसंट्रेट करने की शक्ति भी बेहतर बनती है।
6. सीधे पथ पर चलना:
यह क्रिया आपको शारीरिक संतुलन बनाने मानसिक स्थिति को बेहतर करने के साथ पूरी जिंदगी निरोगी रहने में भी मदद करती है अगर आप इस क्रिया को लगातार हर रोज अपने दिनचर्या में शामिल करेंगे तो आपका बीमार होने की संभावना बहुत कम होगी और आप एक स्वस्थ जीवन का सुख ले पाएंगे।
7. हड्डियां मजबूत होती हैं:
यह एक ऐसी एक्सरसाइज है जिससे आपकी हड्डियों में भी मजबूती आती है जब आप रोजाना रस्सी कूदने का अभ्यास करेंगे, तो हड्डियों में लचक बढ़ेगी हड्डियों के टूटने की चांसेस कम होंगे और जोड़ों के दर्द में राहत मिलेगी।
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रस्सी कूदने के नियम:
अगर आप खाली पेट रस्सी कूदने का निश्चय कर चुके हैं तो आपको इसके नियमों के बारे में भी पता होना चाहिए, तभी आप सही से और बिना किसी यह साइड इफेक्ट के यह काम कर सकते हैं,
पहला नियम यह है की रस्सी की लंबाई लगभग आपकी हाइट से 3 फीट अधिक होने चाहिए।
दूसरा नियम है कि आपको लगातार नहीं कूदना है एक बार में 30 सेकंड कूदना चाहिए और उसके बाद बीच में 60 सेकंड यानी 1 मिनट के लिए आराम करें, फिर 30 सेकंड कूदें।
तीसरा नियम है अगर आपने पहले कभी रस्सी कूदने का अभ्यास नहीं किया है तो शुरुआत में कम ही कूदना चाहिए। यदि आप शुरू कर रहे हैं तो एक दिन में केवल 50 रस्सी कूदें, और अगर आपकी सांस फूलने लगे तो बीच में ही रस्सी कूदना बंद कर दें।
इसका मतलब है कि आपको अपनी स्ट्रैंथ से ज्यादा कूदने की कोशिश नहीं करनी, स्पेशली शुरुआत में तो बहुत ज्यादा नहीं कूदना चाहिए।
यह तीनों नियम फॉलो करके अगर आप रस्सी कूदने का अभ्यास करेंगे तो आपको ज्यादा फायदे मिलेंगे और आपकी स्ट्रैंथ जल्दी बढ़ेगी।
सावधानियां:
रस्सी कूदने के लिए आपको एक मार्गदर्शक की जरूरत हो सकती है जिससे वह आपको सही समय और सही तरीका बता सके, ताकि आपके स्वास्थ्य स्थिति के लिए लाभकारी प्रभाव ही प्राप्त हो।
रस्सी कूदने की क्रिया हमेशा ध्यानपूर्वक और सावधानी से करनी चाहिए, ताकि आपको हड्डियों में समस्याएं ना हो। क्योंकि गलत तरीके से इसका अभ्यास करने से हड्डियों में तकलीफ बढ़ सकती है।
इस बात का भी ध्यान रखें कि एक समतल स्थान को चुनें, जहां पर आप खाली पेट बिना समस्या के रस्सी कूद सकें, ऐसी जगह पर इस योगअभ्यास को नहीं करना चाहिए जहां पर पत्थर हो और चोट लगने की संभावना रहे।
अंत में: खाली पेट रस्सी कूदना एक सार्वजनिक अभ्यास है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है। इसे नियमित रूप से करने से आप नए ऊंचाइयों को छू सकते हैं और एक स्वस्थ, सकारात्मक जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
FAQs
Q. रस्सी कूदने का सही टाइम क्या है?
रस्सी कूदने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है इसके अलावा शाम को 4:00 से 5:00 बजे के बीच भी रस्सी कूदने का अभ्यास किया जा सकता है इस समय भी अक्सर लोगों का पेट खाली रहता है।
Q. 1 दिन में कितनी बार रस्सी कूदना चाहिए?
अगर आपको अपने स्वास्थ्य में सुधार देखना है तो हर रोज दिन में एक बार 100 रस्सी कूदना चाहिए।
Q. रस्सी कूदना किसे नहीं चाहिए?
गठिया के रोगियों को रस्सी कूदने के लिए सख्त मना किया जाता है क्योंकि उनकी हड्डियों के जोड़ काफी कमजोर होते हैं और रस्सी कूदने से उन्हें समस्याएं बढ़ सकती हैं।
Q. रस्सी कूदने से शरीर में क्या होता है?
रोजाना खाली पेट रस्सी कूदने से शारीरिक गतिविधियों में सुधार आता है सहनक्षमता बढ़ती है मांसपेशियों की ताकत भी तेजी से इंप्रूव होती है।
Q. रस्सी कूदने से लंबाई बढ़ती है क्या?
हां, अगर आपकी उम्र 23 साल से कम है तो रस्सी कूदने से लंबाई बढ़ने की संभावना काफी रहती है और इसके साथ सही डाइट लेने से लंबाई बढ़ सकती है।
Q. क्या स्किपिंग के साइड इफेक्ट होते हैं?
रस्सी कूदने या स्किपिंग करने के कई तरह के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं इसीलिए इसे करने के लिए सावधानियां का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है, अगर आप बहुत तेज और बहुत ज्यादा रस्सी को देंगे तो इससे शरीर पर नकारात्मक असर पढ़ सकते हैं पेट दर्द और जोड़ों में दर्द थकान रहने की समस्या हो सकती है।
Q. रस्सी कूदने के कितनी देर बाद पानी पीना चाहिए?
रस्सी कूदने के 10 15 मिनट बाद आप पानी पी सकते हैं।
Q. रस्सी कूदने के बाद मेरे पेट में दर्द क्यों होता है?
कुछ लोगों को रस्सी कूदने की वजह से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है ऐसा तब होता है अगर आप बहुत देर तक रस्सी को देंगे और ऐसा करने से मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है जिससे पेट में दर्द होने लगता है।