India में औरतें इतनी मोटी क्यों हो जाती हैं?

भारतीय महिलाओं में बढ़ती ओबेसिटी की समस्या कई कारणों से जुड़ी है, जैसे कि गर्भावस्था, थायराइड रोग, और बदलती lifestyle। एक research के अनुसार, भारतीयों में abdominal obesity, कमर के आसपास फैट जमा होना, का बड़ा कारण है, जिससे महिलाओं में मेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

इंडियन महिलाएं मोटी क्यों है?

आयोडीन की कमी

एक अध्ययन ने दिखाया है कि भारत में मेडिकल समस्याएं दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा होती हैं, खासकर हाइपोथाइरॉएडिज्म की बात करें तो यह इंडिया में 11% महिलाओं में है। जबकि United Kingdom में यह सिर्फ 2% से 5% के करीब है।

इस समस्या की जड़ इंडिया में आयोडीन की कमी है, जो आयोडीन नमक के through हमें मिलता है। और हमारे लिए बहुत फायदेमंद है। गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से बच्चे के‌ विकास में कमी हो सकती है।

PCOD और PCS

Hypothyroidism महिलाओं में ज्यादा होता है और एक अजीब चमत्कार दिखाई दे सकता है, जैसे की कोई व्यक्ति इसके बाद वजन बढ़ाने लगता है और उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। PCOD, जो एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, भी महिलाओं के वजन में वृद्धि का कारण बन सकता है।

इंडिया में PCS की दर दुगनी है और इस Situation से गुजरने वाली महिलाओं को अपने जीवन में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। आप Exercise, योगा और सही diet के साथ इसको ठीक कर सकते हैं, प्रोटीन सप्लीमेंट्स भी मदद कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

भारतीय महिलाएं आजकल अपने घर और काम में बहुत बिजी हैं, जिसकी वजह से वे अपनी Health के लिए समय नहीं निकाल पा रही हैं। एक Study ने दिखाया है कि South Indian महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी में कम हैं। मोटापे की समस्या भी इस जगह पर ज्यादा है, और यह खासकर अमीर लोगों में ज्यादा पाई जा रही है।

>> Leucorrhea: औरतों की कमर कटने के कारण इलाज और रामबाण दवाई

>> वजन बढ़ाने की दवा महिलाओं के लिए (Weight Gain Medicine for Female)

Urban और Rural एरिया में हालात

गांव में स्थिति अलग है, जहां महिलाएं सुबह-शाम काम में लगी रहती हैं और अपने खुद के खाने का ध्यान रखती हैं। वे ज्यादातर घर के बाहर जाना नहीं चाहतीं, लेकिन उनकी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी उन्हें स्वस्थ रखती हैं।

ज्यादातर urban और working woman बाहर का ज्यादा खाना पसंद करती हैं और इससे उनकी डाइट में absences हो सकते हैं। इससे वजन बढ़ता है और सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

फिर भी, modern life style और सुरक्षा के चलते ज्यादातर महिलाएं फिजिकल एक्टिविटी में कमी कर रही हैं और यह उन्हें मोटापे और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

पुराने वक्त में औरतों की situation

1970 से 1980 के दौरान, भारतीय सिनेमा में Heroine की बॉडी टाइप में diversity थी, जैसा की विजयंती माला और मुमताज जैसी actresses के साथ देखा गया था। इस दौर में, बॉडी टाइप की Importance बहुत ज्यादा थी, और इसके बिना actresses को ब्यूटी की मोहताज माना जाता था। इस दौरान, श्रीदेवी ने भी अपने बॉडी टाइप को लेकर अपनी journey के बारे में बताया था।

इसी तरह की बॉडी टाइप को हमने Indian Art में भी देखा है, जैसे दीदारगंज लक्ष्मी असिएंट इंडिया की Stones Statue में। इसके साथ ही, कुछ साल पहले तक मोटापा एक सामाजिक मुद्दा भी था, जिससे लोगों को अपने वजन की परवाह थी।

मोटापे का दिमाग का असर

महिलाओं में मोटापा से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, जैसे कि periods cycles की अनियमितता और गर्भावस्था के दौरान होने वाली risk। मोटापा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को Affect करता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।

unhealthy eating disorder भी हो सकता है जिसमें कई लोग बहुत ज्यादा डाइटिंग करने लग जाते हैं। या फिर ईटिंग डिसऑर्डर जहां लोग खाता हैं और फिर उल्टी कर देते हैं।

एक 25 साल की महिला ने कहा की “मैं Guilty महसूस करती थी कॉलेज में खाने के लिए और मैं जानबूझ के अपने आप को भूखा रखती थी। इनफैक्ट रिसर्च में लिखा है की dieting की वजह से कुछ लोगों को फायदा होता है और कई लोगों को बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे वो कुछ पॉजिटिव चीज कर रहे थे उनको भी वो करना छोड़ देते हैं।

शायद इमोशन की वजह से स्ट्रेस बढ़ता है, और स्ट्रेस बढ़ाने की वजह से लोग और खाना खाने जाते हैं, जिससे मोटे हो जाते हैं। इसका मतलब है की मोटे लोग और मोटे हो जाते हैं यह date list to stress और IT डिप्रेशन फिर वो इमोशनल ईटिंग करती हैं। फिर वो स्ट्रेस डेवलप होता है तो यह साइकिल चलती रहती है।

Surgeries का चलन

लड़कियां trendy diet करना शुरू करती हैं, जो कुछ दिन तक चलती है। और कुछ दिन के बाद जो लोग ऐसी चीज नहीं सह सकते वो और extreme medical procedure कराने जाते हैं।

इससे एक 28 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर जिनका वजन 126 किलो था, उन्होंने तीन बार ivf treatment करवाई पर वो नाकाम नहीं हुई। उन्होंने डिसाइड किया की वो एक weight loss surgery करवाएंगी और उन्होंने अपना वजन 40 किलो घटा दिया।

इससे बढ़ती हुई डिमांड के कारण 2017 में पूरे देश में हर दिन 100 Bariatric Surgeries हो रही थी, और ये डिमांड सबसे ज्यादा महिलाओं में थी, जिनमें 70% हाउसवाइफ और 87% की उम्र 50 साल से कम थी।

BMI और Researches

भारत में बीएमआई और ओबेसिटी के बीच जुड़े trends की बात हो रही है। Study और Research के अनुसार, बीएमआई का उपयोग किसी की health monitoring के लिए expert द्वारा किया जाता है,

लेकिन यह thoughtfulness में कई कठिनाइयों का सामना कर रहा है। इसमें कई दिक्कतें हो सकती हैं, और विशेष रूप से महिलाओं और वयस्कों के लिए इसकी स्थिति गंभीर हो सकती है।

obesity और Health के बीच का relation बहुत गहरा है, और इसे समझने के लिए बीएमआई का measurement सिर्फ एक पहलु है। भारतीय समाज में स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि ओबेसिटी और उससे आने वाली बीमारियों को कम किया जा सके।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

Leave a Comment