Doodh Wali Chai Peene ke fayde aur nuksan | दूध वाली चाय के यह फायदे जानकर डॉक्टर भी हुएं दंग…

दूध वाली चाय: चाय एक ऐसा पेय पदार्थ है। जो पानी के बाद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है। चाय के हजारों किसे कहते हैं अलग-अलग जगह पर इसे अलग-अलग तरह से बनाया जाता है यह स्वास्थ्यवर्धक भी है और नुकसानदायक भी हो सकता है।

चाय क्या है? (Milk tea)

Doodh Wali Chai Peene ke fayde aur nuksan
Doodh Wali Chai Peene ke fayde aur nuksan

चाय एक ऐसा पेय पदार्थ है जो पूरी दुनिया में पानी के बाद सबसे ज्यादा पीना पसंद किया जाता है।

हर जगह चाय अलग अलग तरीके से बनाकर पी जाती है कहीं ग्रीन टी प्रसिद्ध है तो कहीं ब्लैक टी, हमारे भारत में सबसे ज्यादा मिल्क टी को पसंद किया जाता है यानी दूध वाली चाय भारत में सबसे ज्यादा पी जाती है।

आज हम Milk tea यानी Doodh Wali Chai Peene ke fayde aur nuksan के बारे में जानकारी लेंगे और जानेंगे और इसका इतिहास भी।

सामान्यतः 4 तरह की चाय को जाना जाता है।

1. Black tea (काली चाय)

2. Green tea (हरी चाय)

3. White tea (सफेद चाय)

4. Milk tea (दूध वाली चाय)

दूध वाली चाय बनाने का तरीका – How to make milk tea

एक पेन लें।

इसमें 2 कप दूध डालकर

दूध को उबाल दिया जाता है। और

इसमें सुखी चाय पत्ती डालकर एक-दो मिनट पकाते हैं।

इस स्तर पर चीनी डालकर उबाला जाता है।

अब इसे छलनी से छान कर सर्व करें।

यह चाय खाली दूध से भी बनाई जाती है। और पहले पानी में पत्ती पका कर फिर इसमें दूध डालकर भी बनाई जाती है। तो चलिए जानते हैं कि पानी वाली चाय कैसे बनाते हैं।

• एक पैन लेकर

• इसमें एक कप पानी डालते हैं।

• पानी में उबाल लगाकर

• इस पानी में चाय पत्ती और चीनी डाली जाती है

• फिर इसमें दूध डालकर उबाला जाता है।

• अब इसे छलनी से छान कर कप में सर्व करें।

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दिन में कितनी बार दूध वाली चाय पीनी चाहिए?

अगर आप चाय नहीं छोड़ सकते तो 1 दिन में एक या दो बार ही चाय पिये उसे ज्यादा नहीं।

वैसे तो doodh wali chai को छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह चाहे आप कितनी भी कम पी लेते हैं फिर भी स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव नहीं करती बल्कि इसके नुकसान झेलने पड़ते हैं।

लेकिन क्योंकि ज्यादातर लोग बचपन से ही चाय पीते हैं तो उन्हें चाय की आदत हो जाती है ऐसे में चाय छोड़ना उनके लिए मुश्किल होता है तो वह लोग दिन में 1 या 2 कप चाय पी सकते हैं।

चाय के प्रभाव – Doodh Wali Chai Peene ke fayde aur nuksan for health

चाय सकारात्मकनकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करती है।

doodh wali chai मानव शरीर के लिए एक जहर होता है। जहां दूध हमारे लिए एक पूरक आहार होता है। वही जब इसमें चाय पत्ती डालकर चाय बना दी जाती है तो यह नुकसानदेह बन जाती है।

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दूध वाली चाय के नुकसान – Doodh Wali Chai Peene ke side effects in Hindi

दूध वाली चाय पीने से हमारे शरीर को कई तरह से नुकसान हो सकते हैं।

  1. doodh wali chai से ख़ून की कमी होने लगती है।

चाय पीने से iron का absorption कम होने लगता है। खासकर जब आप खाना खाने के तुरंत बाद चाय पीते हैं। तो चाय खाने से मिले पोषण को अपने अंदर मिला देती है। जिसकी वजह से आपकी बॉडी को पूरी quantity में आयरन नहीं मिल पाता।

आयुर्वेद के अनुसार चाय में पाया जाने वाला टैनिन plane based खाने से मिले पोषण को अपने साथ Bind कर लेता है।जिससे खून के सेल्स प्रॉपर नहीं बन पाते। और शरीर में खून की कमी होने लगती है।

2. Doodh Wali Chai पीने से तनाव व घबराहट महसूस होती है

चाय में बहुत ज्यादा मात्रा में कैफ़ीन पाया जाता है। चाय के एक नॉर्मल कप यानी 200 मिली लीटर चाय में लगभग 60 मिली ग्राम से 161 मिलीग्राम तक caffeine पाया जाता है।

Research अनुसार 200 मिली ग्राम caffeine एक सामान्य इंसान के तनाव को नहीं बढ़ाता लेकिन उससे अधिक मात्रा में कैफ़ीन का सेवन चिंताजनक होता है।

क्योंकि इससे मानसिक तनाव डिप्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती है।

3. doodh wali chai से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।

ब्लड प्रेशर बढ़ने से व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। व घबराहट महसूस होती है ऐसे वक्त में अगर सही समय पर Treatment न दिया जाए। तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

चाय ब्लड प्रेशर बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि चाय पीने से शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है जिसकी वजह से हृदय गति भी बढ़ जाती है।

और खून का बहाव तेज हो जाता है। इस वजह से कई बार heart attack आने की भी संभावना होती है।

4. doodh wali chai पीने से जोड़ों में सूजन आ जाती है।

चाय पीने से पेशाब में यूरिक अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है।जिससे गढ़िया रोग होने की संभावना रहती है। तथा में सूजन आ जाती है। ऐसे में शरीर में खून की कमी होना आम बात है।

5. doodh wali chai के कारण digestion process में कमी आने लगती है।

चाय पीने से आपका पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता। जिस कारण आप जो भी खाते हैं वह ठीक तरह से हजम नहीं होता जिससे पेट में जलन होने लगती है तथा गैस की शिकायत रहती है।

6. doodh wali chai पीने से कब्ज होता है।

दूध वाली चाय पीने से व्यक्ति को कब्ज की शिकायत हो जाती है क्योंकि चाय पाचन नलियों को सिकोड़ देती है।

इस वजह से खाने के nutritions तो आपको मिल ही नहीं पाते। उसके अलावा आपकी पाचन क्रिया भी धीमी हो जाती है। तथा कब्ज होने लगता है।

7. doodh wali chai से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

चाय एक ऐसा chemical होता है जिसे पीने से हड्डियां weak होने लगती हैं और कुछ ही समय में जोड़ों में दर्द घुटनों में कमजोरी व कमर और कंधों में दर्द महसूस होने लगता है।

जिसकी वजह से आप डॉक्टरों के पास इलाज कराने के लिए बहुत सारे पैसे खर्च कर देते हैं पर आप एक चाय को छोड़कर अपनी बहुत सारी समस्याओं का निदान कर सकते हैं। और अपने पैसे को भी फिजूल खर्च होने से बचा सकते हैं।

8. doodh wali chai सीने में जलन की शिकायत रहती है।

चाय में काफी मात्रा में कैफ़ीन होता है।और साइंस के अध्ययनों के अनुसार यह साबित हो चुका है कि कैफीन पेट में गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे सीने में जलन होती है यह एसिडिटी का भी एक कारण है इसीलिए चाय का सेवन कम से कम करना चाहिए़।

9. doodh wali chai का किडनी पर असर

किडनी के लिए सीमित मात्रा में चाय प्रभावी होती है। पर ज्यादा मात्रा में चाय पीने से किडनी में पथरी होने का डर रहता है।

10. doodh wali chai से भूख मर जाती है।

चाय में चीनी का उपयोग अधिकतर किया जाता है।और चीनी में काफ़ी भारी मात्रा में कार्बोज पाया जाता है।

जिससे भूख में कमी होने लगती है क्योंकि चीनी खाने से हमें अच्छी मात्रा में ऊर्जा मिल जाती है।

हमें पेट भरा-भरा लगता है। इस वजह से कम खाना खाया जाता हैं। और धीरे-धीरे भूख मर जाती है।

उसके बाद आप इसका इलाज करवाने के लिए डॉक्टरों के पास जाते हैं। तरह-तरह दवाइयों का सेवन करते हैं।

11. doodh wali chai पीने से नींद में कमी आती है।

चाय ताजगी देती है जिसकी वजह से अच्छा फील होता है। और आप फ्रेश हो जाते हैं। जिसकी वजह से अधिक नींद नहीं आती।

इसीलिए जब किसी को अधिक नींद आती है‌ तो वह चाय पीता हैं और सुबह के वक्त भी भारत में चाय पीने का रिवाज इसी परंपरा के अनुसार होता है। कि सुबह को उठ कर हमें ताजगी मिले।

12. doodh wali chai से डिप्रेशन व चिड़चिड़ापन होने लगता है।

चाय पीने से भूख नहीं लगती हमारी नींद पूरी नहीं हो पाती। इस वजह से हम ताजगी महसूस नहीं करते। और हमें हमेशा आराम की जरूरत पड़ती है ऐसे में हम लोगों से दूर हो जाते हैं।

हमें किसी से बात करने का मन नहीं करता तथा नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न होने लगती हैं जिस वजह से डिप्रेशन जैसी घातक समस्या नजर आने लगती है व्यक्ति दूसरों के साथ चिड़चिड़ा व्यवहार करता है।

जो चाय हम दूध के साथ बनाते हैं उसकी ज्यादा मात्रा पीने से कैफ़ीन बॉडी में अधिक हो जाती है। जिस वजह से बेचैनी, सिर का दर्द, दिल की धड़कन में कमी होना यह सब समस्या होने लगती हैं।

चाय के एक कप में 200 कैलोरी होती है। इसका मतलब है कि दिन में चार से पांच कप चाय पीने से ही आप 1000 कैलोरी gain कर लेते हैं। कई लोग वजन कम करने के इरादे से खाना खाना छोड़ देते हैं।

और दिन में कई दफा चाय का सेवन करने लगते हैं। ताकि उन्हें कम calories मिले और उनका मोटापा कम हो लेकिन सिर्फ चाय से ही आप काफी calories कर लेते हैं जो नेगेटिव कैलोरीज होती है जिनसे आपको कोई भी फायदा नहीं मिलता।

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दूध वाली चाय के फ़ायदे – Doodh Wali Chai Peene ke benefits in hindi

अभी तक हमने दूध से बनने वाली चाय के नुकसान के बारे में पढ़ा है। और देखा जाए तो इस तरह की चाय का कोई भी फायदा नहीं होता। यह चाय हमेशा नुकसानदायक रहती है। लेकिन ग्रीन टी व ब्लैक टी के बहुत सारे फायदे मिलते हैं। यह साबित भी किया जा चुका है।

ग्रीन टी और ब्लैक टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कीमोंप्रीवेंटिव ,फ्लेवोनॉयड्स कैंसर से बचाव करने में लाभकारी होते हैं।

लो ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है और इसी कारण अंग्रेजों ने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल भी किया था।क्योंकि यूरोप में ठंड होने के कारण वहां के लोगों का ब्लड प्रेशर low रहता है।

इसीलिए उन्होंने इसका सेवन करना शुरू किया था लेकिन उन्होंने खुद तो फ़ायदे लेने के लिए इसका प्रयोग किया।

लेकिन हमें दूध में मिलाकर पीने की आदत डलवाई ताकि हमें लत हो जाए। और उनकी कमाई हो। इससे उनकी health भी अच्छी होती थी और wealth भी।

यहां रोचक बात यह है कि दूध वाली चाय भी हमारे लो ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में कारगर होती है।

डायबिटीज़ से छुटकारा बिना चीनी के ग्रीन टी व ब्लैक टी का सेवन करने से शुगर नियंत्रित होती है क्योंकि यह इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाती है। जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है।

• सिर दर्द में फायदा पहुंचता है सिर दर्द में चाय पीने से अच्छा महसूस होता है। वह इसलिए क्योंकि चाय में कैफ़ीन होता है जो दिमाग की नसों को शांत कर देता है।और सिर के दर्द के असर को कम करता है।

लेकिन ध्यान रखें कि permanent दर्द का इलाज नहीं है क्योंकि इसके लगातार सेवन से इसका इसकी आदत बन जाती है।

और फिर अगर रोजाना उसी टाइम पर चाय न मिले तो automatically सिर दर्द होने लगता है इसीलिए कम मात्रा में ही चाय का उपयोग करना अच्छा होता है।

कुछ लोग चाय न पीकर सिर दर्द की मेडिसिन लेते हैं तो यह भी समझ ले कि उसमें भी कैफ़ीन ही होता है। जो चाय के जितना ही नुकसानदायक होता है इसीलिए दवाइयों का इस्तेमाल भी कम से कम करें।

झुर्रियों से बचाव वाइट टी, ग्रीन टी व ब्लैक टी में बहुत से anti-aging गुण पाए जाते हैं। जैसे polyphenol antioxidant जो शरीर की कोशिकाओं को damage होने से बचाते हैं।

इन तीनों चाय को पीने के साथ-साथ स्किन पर भी लगाया जाता है और बहुत सारे ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इनका प्रयोग होता है।

एनर्जी महसूस होती है चाय में ऐसा chemical होता है। जो शरीर को चुस्ती फुर्ती व ऊर्जा महसूस कराने में मदद करता है।

स्वस्थ रहने की अच्छी आदतें।

भारत में चाय का इतिहास – Indian tea history

• चाय भारतीय लोगों की जिंदगी का एक अहम अंग है। यहां के 90% लोग बिना skip किए रोजाना चाय पीते हैं। इनफेक्ट सुबह की शुरुआत ही चाय के साथ करते हैं।

• ज्यादातर लोग दूध वाली चाय का सेवन करते हैं भारत में लगभग 28 परसेंट लोग दिन में 3 से 5 टाइम चाय पीते हैं।

• कुछ लोग तो हमारे देश में चाय लवर हैं। जो हर सिचुएशन में चाय पीते हैं वह भी दिन में कई-कई बार इस बात की चिंता किए बिना कि इससे उनकी हेल्थ खराब हो रही है।

• हमारे देश में सबसे ज्यादा ब्लैक टी प्रयोग होती है। जिसमें अधिकतर लोग दूध मिलाकर पीना पसंद करते हैं।

Doodh Wali Chai Peena कैसे छोड़े?

• चाय को छोड़ना मुश्किल काम नहीं है यह सिर्फ हमारा Mindset होता है। अगर आप सोचेंगे, मैं नहीं छोड़ सकता।

• तो आप कभी नहीं छोड़ पाएंगे। पर अगर चाय छोड़ने की ठान लोगे तो आप छोड़ सकते हो यह इतना मुश्किल नहीं है।

• जब आप इसके नुकसान पर ध्यान रखकर इसे छोड़ने के बारे में सोचोगे तो आप इसे आसानी से छोड़ सकते हैं। और इसकी जगह green tea इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं।

• ग्रीन टी पीने से चाय की तलब भी पूरी हो जाती है। और नुकसान की जगह फायदे होते हैं।

• जो लोग चाय नहीं छोड़ सकतें जिन्हें लगता है। वह ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि उन्हें चाय की आदत पड़ चुकी है। तो वह लोग कुछ बातों का ध्यान रखकर चाय के नुकसान को कम कर सकते हैं।

• सिर्फ एक या दो कप चाय पीएं। इससे ज्यादा चाय न पिएं।

• चाय पत्ती को पानी में न उबालकर पानी को अलग उबाल लें उसमें चाय पत्ती डालकर ढककर गैस बंद करके रख दे।

• फिर दूध को अलग गर्म करके कप में चाय का पानी निकालें उसमें गर्म दूध मिलाकर और चीनी चम्मच की मदद से मिलाकर प्रयोग करें।

• ज्यादा गर्म चाय पीने से बचें इससे मुंह व गले का कैंसर हो सकता है।

• कड़क चाय न पिएं पतली चाय लें।

• चाय पीने से पानी की कमी हो जाती है। इसलिए चाय पीने से पहले एक गिलास नॉर्मल पानी पी लेना चाहिए।

• खाना खाने के बाद या खाना खाने के साथ चाय बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए।

• बाहर की चाय पीने को avoid करें। क्योंकि उस चाय में एक ही बर्तन व चाय पत्ती बार-बार उपयोग की जाती है।

• चीनी का उपयोग सीमित मात्रा में करें।

खाली पेट दूध वाली चाय पीने से क्या होता है?

खाली पेट पी जाने वाली चाय सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इसी आदत के कारण आज ज्यादातर लोग किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं।

क्या रोज दूध वाली चाय पीना बुरा है?

हां, रोजाना Milk tea या दूध से बनी चाय पीना बुरा है क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक होती है यानी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है।

भले ही शराब पीने से स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, फिर भी यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपको कितनी बार और कितनी बार इसका सेवन करना चाहिए। एक मेडिकल अध्ययन के अनुसार, अक्सर दूध वाली चाय पीने से मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं ।

चाय कब नहीं पीनी चाहिए?

दिन की शुरुआत में और सोने से पहले चाय नहीं पीनी चाहिए। क्योंकि इस समय ज्यादातर पेट खाली होता है ऐसे में चाय पीने से गैस एसिडिटी तथा कब्ज़ आदि की समस्या होती है।

चाय कब पीनी चाहिए?

चाय खाली पेट कभी नहीं पीनी चाहिए। जब आप breakfast कर ले उसके 1 घंटे बाद चाय का इस्तेमाल करना चाहिए।

ऐसा करने से उसके नुकसान अधिक नहीं होते और इसका सीधा डाइजेशन सिस्टम पर असर नहीं पड़ता।

दिन में कितनी चाय पीनी चाहिए?

चाय को आदत न बनाएं दिन में 1 या 2 कप चाय ही लेनी चाहिए कभी-कभी बिना चाय पीए भी पूरे दिन रहने की आदत बनानी चाहिए।

निष्कर्ष

कुछ लोग Bed tea के नाम पर चाय की फरमाइश करते हैं। उसकी वजह होती है विदेशों में खाली पेट Bed tea लेना पर क्या आपको पता है कि जो चाय विदेशों में पी जाती है वह चाय यह नहीं होती जो हमारे घरों में पी जाती है।

वहां लोग ग्रीन टी व ब्लैक टी को पीना पसंद करते हैं वो भी बिना शुगर के जो हेल्थ के लिए बहुत लाभकारी होती है।

पर जो चाय हम दूध के साथ बनाते हैं। उसको ज्यादा मात्रा में पीने से कैफ़ीन हमारे शरीर में अधिक हो जाती है।

जिस वजह से बेचैनी, सिर दर्द, घबराहट, दिल की धड़कन में कमी होना यह सब समस्या होने लगती हैं। यह ज्यादा तब होती है जब हम एक दिन में कई बार चाय पीते हैं।

आशा करते हैं आपको इस पोस्ट doodh wali chai ke fayde aur nuksan से चाय के बारे में जो जानकारी मिली है। वह आपके लिए लाभकारी रही है।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

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