शिथिलीकरण के 5 फायदे जानेंगे तो रोज करेंगे इसे (सब कुछ पाने का राज़)

शिथिलीकरण एक योग अभ्यास है जिसमें व्यक्ति का शरीर एक जगह एक विशेष स्थिति में रहता है और वह अपने आप को पूरी तरह से ढीला छोड़ देता है इसमें व्यक्ति भविष्य काल और भूतकाल का ना सोचकर केवल वर्तमान काल में खुद की अनुभूति करता है अपनी सांसों पर ध्यान लगाता है खुद को बेहतर तरीके से महसूस करता है।

एक वयस्क व्यक्ति शिथिलीकरण कर रहा है
शिथिलीकरण के 5 फायदे जानेंगे तो रोज करेंगे इसे (सब कुछ पाने का राज़)

आज आप जानेंगे शिथिलीकरण क्या है? इसके क्या फायदे हैं? आपको शिथिलीकरण कैसे करना चाहिए? इसे करना क्यों जरूरी है? और ऐसे ही सभी सवालों के जवाब, (अगर आपका कोई भी हेल्थ और ब्यूटी से जुड़ा सवाल है कृपया हमें कमेंट में लिखें)

योगिक शिथिलीकरण क्या है?

योगिक शिथिलीकरण नियम अनुसार जब कोई भी इंसान शिथिलीकरण करता है तो वह विशेष कर अपनी सांसों पर ध्यान लगाता है और खुद को महसूस करता है अपने अंदर हो रही क्रियाओं पर ध्यान देता है और सिर्फ खुद में खो जाता है उसे बाहर की दुनिया से कोई भी मतलब नहीं होता।

और जब व्यक्ति इस तरह पूरे मन से यह योग करने में सक्षम हो जाता है यानी वह इस तरह से शिथिलीकरण कर लेता है कि उसकी इस प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती, उसके बाद वह दूसरे आसन जैसे प्राणधारण आसान करने के लिए योग्य माना जाता है और वह प्राण धारण आसन का लाभ उठा सकता है।

शिथिलीकरण की आवश्यकता क्यों पड़ती है?

शिथिलीकरण हर तरह की योग और एक्सरसाइज करने के बाद ही करना बताया जाता है क्योंकि यह रिलैक्स करने की स्थिति होती है यानी आप बिना चिंता, बिना किसी समस्या, बिना अपनी जिंदगी की प्रॉब्लम्स को सोचें ,आराम से खुद को पूरी तरह से प्रकृति को समर्पित कर देते हैं और यह स्थिति आपको आपकी जिंदगी की सच्चाई तक ले जाती है।

श्वसन को ही शिथिलीकरण कहा जाता है साइंस ने प्रूफ किया है कि अगर आप इस आसन को रोजाना केवल 20 मिनट करते हैं तो आप आपको 8 से 9 घंटे की नींद जितने फायदे मिल जाते हैं और इसके अलावा भी बहुत सारे लाभ यह आसन प्रदान करता है पांच महत्वपूर्ण शिथिलीकरण के लाभ बारे में बात करते हैं।

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शिथिलीकरण के 5 फायदे:

यह एक ऐसा योगासन है जो आपकी हर तरह की समस्याओं का समाधान कर सकता है न केवल शारीरिक रूप से बल्कि दिमागी रूप से भी आपको फायदे देता है तो चलिए इसके महत्वपूर्ण फायदों पर नजर डालते हैं:

1. मन को शांत करता है:

यह योगासन आपके मन को वश में करने का एक बेहतरीन तरीका है यानी यदि आप बार-बार भटक जाते हैं अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने में आपको प्रॉब्लम होती है तो यह आसान आपकी मदद कर सकता है क्योंकि यह आपके मन को आपके कंट्रोल में करने का एक बहुत अच्छा तरीका है।

और यदि हमारा मन हमारे कंट्रोल में आ जाए तो हम अपनी जिंदगी को बिना प्रॉब्लम के अपने हिसाब से डिजाइन कर सकते हैं लेकिन हमारे आसपास की लाइफस्टाइल के कारण मन भटकता रहता है लेकिन जब आप अपने मन पर काबू पा लेते हैं तो फिर आपको कोई भी नहीं भटका सकता और आप अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से ध्यान लगा पाते हैं।

लेकिन यह कोई एक मैजिक नहीं है आपको अगर इसे एक मैजिक की तरह बनाना है तो पहले प्रैक्टिस करनी पड़ेगी लगभग 2 से 3 महीने प्रेक्टिस करें। इस दौरान आपको बहुत ज्यादा प्रॉब्लम भी होगी आपको लगेगा आपसे नहीं हो पाएगा, लेकिन अगर आप बिना हारे आगे बढ़ते रहेंगे तो कुछ महीनो में आप इस प्रक्रिया को सीख जाएंगे।

2. तनाव दूर करने में बहुत प्रभावी है:

जब आप अपने अंदर खो जाते हैं अपने आप को महसूस करते हैं सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हैं अपने दिमाग से हर तरह की बाहरी समस्याओं को निकाल देते हैं या याद नहीं करते या अवॉइड करते हैं तो आपका तनाव बहुत हद तक कम हो जाता है।

और यकीन मानिए, तनाव कम करने के लिए आपको समय की जरूरत नहीं है यानी ऐसा नहीं है एक दो महीने करेंगे तब आपका तनाव कम होगा। बल्कि पहले दिन से ही आपको यह महसूस होगा कि आपका स्ट्रेस लेवल कम हो रहा है लेकिन उसके लिए आपको पूरे दिल से इस आसन पर अपना समय और मेहनत देनी पड़ेगी।

3. अनिद्रा की समस्या को सुलझा देता है:

आजकल की हमारी लाइफस्टाइल की वजह से बहुत लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है क्योंकि मोबाइल की वजह से लोग रात में जागते हैं चैटिंग वगैरा करते रहते हैं और उनको लगता है कि देर रात सो कर वह देर से उठ जाएंगे।

सबसे पहले तो आपकी यह गलती है कि आप रात को जागते हैं लगभग 11 से 12:00 तक आपको सो जाना चाहिए और सुबह 6:00 से 7:00 बजे उठ जाना चाहिए। अगर आप यह समय अपनी नींद का बनाते हैं तो आपको कभी भी अनिद्रा की समस्या नहीं होगी लेकिन अगर आप लेट सोते हैं तब नींद में गड़बड़ी होनी है।

अगर आपको किसी भी कारण अनिद्रा की समस्या है तो आप शिथिलीकरण कर सकते हैं और अपनी इस प्रॉब्लम से निजात पा सकते हैं एक दिन में नहीं, लेकिन एक महीने में आपको पूरी तरह से नींद ना आने, ज्यादा नींद आने, कम नींद आने या नींद से संबंधित किसी भी तरह की समस्या का समाधान मिल जाएगा।

4. दिल की बीमारियों के खतरे को खत्म कर देता है:

यदि आपको किसी भी तरह की दिल से संबंधित समस्या है तो आपको यह आसान जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके प्रभाव से दिल की समस्याएं ठीक हो जाती हैं और अगर आपको पहले से दिल की समस्याएं नहीं है तो भविष्य में हृदय से संबंधित किसी भी समस्या के होने की संभावना को यह योगासन पूरी तरह से खत्म करता है।

परंतु जरूरी है कि आप नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करते रहे तभी आपको इसके फायदे मिलेंगे। अगर आप इसे दो से तीन महीने करके छोड़ देंगे तो कुछ समय तक आपको इसके फायदे मिलेंगे लगभग 1 साल तक, लेकिन उसके बाद आपकी स्थिति खराब हो सकती है।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि अगर आप यह आसान एक महीने के लिए करते हैं तो आपको 3 महीने तक फायदे बने रहेंगे। मतलब 3 गुना समय तक यह फायदे देता रहता है तो यदि आप इसे अपनी जिंदगी में एक नियम बना लेते हैं तो यह आपको हमेशा बीमारियों से बचाएगा और एक सुखदायक आनंदित जिंदगी जीने में मदद करेगा।

इस योगासन के केवल पांच के फायदे नहीं है इसके अलावा भी इसके ढेरो फायदे हैं जिसे शायद गिनना भी मुश्किल है हर तरह की समस्याओं को खत्म करने आपको चैन की जिंदगी देने में यह योगासन बहुत अच्छा है।

5. दिमागी क्षमता को पहले से दोगुना अच्छा बनाता है:

हमारी दिमागी क्षमता जितनी ज्यादा होती है हम अपनी लाइफ में इतनी ज्यादा सफल हो सकते हैं लेकिन दिमागी क्षमता खुद से ही नहीं बढ़ जाएगी आपको मेहनत करनी पड़ेगी।

कोई बिजनेसमैन इसलिए पैसा कमा पाता है क्योंकि उसका दिमागी क्षमता पैसे कमाने के तरीकों को समझती है एक्टर इसलिए बेहतरीन एक्टर बनते हैं क्योंकि वह एक्टिंग के बारे में अच्छे से समझ पाते हैं इसी तरह हर प्रोफेशन हर काम में दिमागी क्षमता बेहतर होना जरूरी है तभी आप उसमें खुद को बेस्ट बना पाते हैं।

इसके लिए हर कोई अपने दिमाग को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करता है उसने भी बड़े-बड़े लोग हैं वह योगासन करते हैं तो यदि आपको भी अपने दिमाग की क्षमता को बेहतर बनाना है अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है जिंदगी में कुछ अच्छा पाना है तो पहले दिमागी क्षमता को बढ़ाया इसके लिए शिथिलीकरण योगासन आपकी मदद करेगा।

शिथिलीकरण नियमावली:

शिथिलीकरण नियमावली से यहां पर तात्पर्य है कि इसको किस नियम के अनुसार करना चाहिए तो हर किसी का नियम अलग हो सकता है हर कोई अपने नियम अलग बनाता है लेकिन पुराने समय में कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं उनके बारे में हम यहां पर बात कर लेते हैं!

प्राचीन समय से ही शिथिलीकरण आसान एक महत्वपूर्ण आसान माना जाता है और हमारे योग गुरु के अनुसार शिथिलीकरण को करने का समय किसी भी एक्सरसाइज व्यायाम या योगासन करने के आखिर में होता है।

क्योंकि यह एक आराम देने वाला योगासन है यानी आप दुनियादारी से, खुद की थकावट से, अपने विचारों से, हर किसी चीज से आराम चाहते हैं। आप किसी चीज को अपने पास नहीं आने देते सिर्फ खुद को ही महसूस करते हैं इसलिए इस योगासन को एक्सरसाइज या सभी तरह की योगासन करने के आखिर में करना चाहिए।

आप शिथिलीकरण दिन में रात में सुबह में और शाम में किसी भी टाइम कर सकते हैं, जरूरी है कि आपका वातावरण शांत हो आपको कोई भी परेशानी ना हो कोई भारी आवाज ना आए आपको कोई डिस्टर्ब ना करें तभी आप इसे बिना प्रॉब्लम के कर पाएं।

शरीर का शिथिलीकरण कैसे करते है?

वैसे तो हर किसी आसन हर किसी प्रक्रिया को करने के बहुत सारे तरीके होते हैं हर कोई अपने हिसाब से अपने नियमों के अनुसार इसे करता है लेकिन मैं एक महत्वपूर्ण और जाना माना तरीका जो मैं खुद प्रैक्टिस करता हूं आपके साथ शेयर कर रहा हूं आप इस तरह से शिथिलीकरण करके फायदे प्राप्त कर सकते हैं।

जैसा कि हमने ऊपर भी बताया है की शिथिलीकरण को श्वासन भी कहा जाता है तो इसे करने के लिए आपको जमीन पर एक चटाई बिछानी है उस पर पीठ के बल लेट जाइए आपको बिल्कुल भी हिलना ढूंढना नहीं है पूरी सजगता के साथ यह सोचते हुए की आपको केवल अपने अंदर झांकना है अपनी सांसों पर ध्यान देना है आरामदायक स्थिति में लेट जाएं।

अब आपको एक गहरी सांस लेनी है और छोड़ देनी है ऐसा तीन बार करें और महसूस करें कि आपके शरीर के सभी अंग शांत हो रहे हैं फिर अपने पैर के अंगूठे से इस आसन को करना शुरू करें।

बेसिकली आपको करना यह है कि अपने पैर के अंगूठे को देखें (आंखें बंद रखते हुए) अपने पैर की अंगूठे को महसूस करना है और उसे शांत होते हुए महसूस करें रिलैक्स करें उसके बाद आगे बढ़े अपने पैर के ऊपरी भाग को शांत होते देखें और ऐसे ही ऊपर आते जाएं सभी अंगों को शांत होते हुए महसूस करते जाएं।

लगभग एक जगह पर आपको 1 मिनट तक रुकना है जब आप ऐसे ही करते हुए अपने माथे तक आ जाते हैं उसके बाद आपको अपने सिर तक जाना है और फिर गर्दन पर और फिर पीछे कमर पर फिर पीछे के पैरों पर और इसी तरह आपको वापस अपने तलवो तक जाकर अंगूठे पर आ जाना है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अपना पूरा ध्यान अपनी सांसों पर लगाना है सांसों को महसूस करना है खुद की सांस को अंदर जाते हुए और बाहर आते हुए देखें जब आपकी यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो अपना पूरा ध्यान अपनी दोनों आंखों के बीच लगाएं।

और अब आपको अपनी आंखों के बीच अपने ध्यान को रोके रखना है (जितनी देर तक आप रोक सकते हैं) अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो आपको खुद के साथ जबरदस्ती नहीं करनी है बस कोशिश करनी है कुछ समय तक धीरे-धीरे प्रेक्टिस करने के साथ आप कर पाएंगे।

आसान करने के बाद आप देखेंगे कि आपको पहले से ज्यादा अच्छा महसूस होगा, आपके शरीर में थकावट नहीं रहेगी, मन शांत हो जाएगा, स्ट्रेस दूर हो जाएगा और इसके अलावा भी आप बहुत सारे फायदे महसूस कर पाएंगे।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

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