Anti itching soap in hindi | खुजली के लिए कौन सा साबुन लगाना चाहिए?

Anti skin itching soap: क्या खुजली वाली जगह पर साबुन यूज करना चाहिए या नहीं और अगर उस जगह पर साबुन को लगाया जा सकता है।

तो उसे किस प्रकार से लगाएं यह सारे सवाल हमारे मन में होते हैं। उनका जवाब हम सब जानना चाहते हैं।

A girl effected of itching problem and a soap
Itching soap in hindi

खुजली वाली जगह पर किसी भी आम साबुन का उपयोग कर लेना खुजली को और बढ़ा देता है।

इस बीमारी के लिए विशेष एंटी फंगल साबुन (itching soap) होते हैं जिनका उपयोग किया जा सकता है।

लेकिन उनका भी इस्तेमाल आपको किसी के कहने पर नहीं करना है बल्कि डॉक्टर से लिखवा कर कि आपकी स्किन पर किस प्रकार का साबुन सही होगा।

जो खुजली को बढ़ाने की बजाय कम करेगा वरना आपकी लापरवाही आपको और मुसीबत में डाल सकती है।

Table of Contents

Anti skin itching soap in hindi | खुजली के लिए कौन सा साबुन लगाना चाहिए?

स्किन पर साबुन लगाना गलत नहीं है साबुन लगाने से त्वचा साफ और रोग मुक्त बनती हैं।

लेकिन अगर त्वचा की टाइप के अनुसार साबुन प्रयोग में ना लाया जाए तो यह त्वचा की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

अलग स्किन टाइप के लिए अलग तरह का साबुन बनाया जाता है खुजली की समस्या में हमें यह खास ख्याल रखना जरूरी है कि हम अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही एंटीफंगल साबुन का उपयोग करेंगे।

अगर एंटी फंगल साबुन की जगह पर नोर्मल साबुन का यूज़ किया जाए तब भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

खुजली के लिए साबुन (itching soap)–

~ नीम साबुन (itching soap)।

~ कीटोटोस्क एंटी फंगल साबुन।

~ मार्गो साबुन (itching soap)

~ टेटमोसोल साबुन (itching soap)

ऑयली स्किन के लिए साबुन – Itching soap for oily skin in hindi

अगर आपकी स्किन ऑयली है तो आपको ऐसा itching soap यूज करना चाहिए जो आपकी त्वचा को रूखा बनाएं।

ताकि बार-बार ऑइली स्किन की वजह से आपकी बॉडी चिपचिपी ना दिखाई दें।

रूखी त्वचा के लिए साबुन – Itching soap for dry skin in hindi

जिन लोगों की स्किन रूखी होती है उन्हें mosturiser वाला साबुन इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि स्किन बार-बार रुखी ना पड़े।

ऐसा साबुन लगाएं जिसमें ग्लिसरीन एलोवेरा ऑयल आदि मिलाया गया हो। बाजार से अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही साबुन खरीदे हैं जिससे आपकी स्किन मुलायम और बीमारियों से दूर रहे।

पढ़ें – B4 नैपी रैशेज क्रीम बच्चों की स्किन टाइप के अनुसार।

नॉर्मल स्किन के लिए साबुन – Itching soap for normal skin in hind

नार्मल स्किन पर हर तरह का साबुन लगाया जा सकता है नॉर्मल स्किन पर जल्दी से कोई समस्या नहीं होती और चीजें बहुत जल्दी रिएक्ट नहीं करती।

इसीलिए ऐसी स्किन पर किसी भी तरह का साबुन लगाया जा सकता है लेकिन अगर आप ग्लिसरीन युक्त साबुन (itching soap) यूज करेंगे तो स्किन मुलायम और सुंदर बनेगी।

सेंसिटिव स्किन के लिए साबुन – Itching soap for sensitive skin in hindi

सेंसिटिव स्किन पर हर चीज बहुत जल्दी रिएक्ट कर जाती है इसीलिए इस स्किन टाइप वाले लोगों को हर चीज को इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए।

वरना त्वचा पर तरह-तरह की समस्याएं होने की संभावना रहती है। ऐसी स्किन पर एलोवेरा और नीम युक्त साबुन का इस्तेमाल काफी हद तक सही रहता है।

साबुन को खुजली वाली जगह पर इस्तेमाल करने के लिए यह सावधानियां बरतें

नहाने से पहले अपनी खुजली वाली जगह पर नीम का या सरसों का तेल खूब सारा लगाकर मालिश करें।

साबुन (itching soap) को डायरेक्ट स्किन पर न लगाएं हाथ में जाग बनाकर त्वचा पर मलें।

बहुत ज्यादा गर्म पानी दाद पर ना डालें।

साबुन को 10 सेकैंड से ज्यादा दाद वाली जगह पर लगा कर ना छोड़े।

साबुन यूज़ करने के बाद खुजली वाले स्थान को mosturize जरुर करें।

खुजली क्या है और क्यों होती है?

खुजली फफूंदी होने वाली त्वचा की बीमारी है। यह संक्रमित बीमारी है यह संक्रमण खुजली करने से पूरे शरीर में फैल जाता है।

जिससे पपड़ी सी बन जाती है। लाल लाल रंग के धब्बे होने लगते हैं तथा त्वचा में और तेजी से खुजली होने लगती है।

खुजली पूरी दुनिया में लाखों लोगों को होने वाली एक समस्या है। यह आज के समय में सबसे ज्यादा होने वाली समस्या है।

जो लोग इस समस्या से ग्रसित हो जाते हैं इलाज करते रहते हैं और कई बार ठीक भी हो जाते हैं लेकिन दोबारा से यह इन्फेक्शन उनके शरीर पर उभर कर आ जाता है।

खुजली हमारे देश में पहले ज्यादा नहीं देखी जाती थी लेकिन आज के समय में यह बहुत ज्यादा बढ़ रही है।

पहले परिवार में एक बंदे को खुजली की समस्या देखी जाती थी लेकिन अब पूरे पूरे परिवार को खुजली फैल रही है।

पुराने समय में एक या 2 हफ्ते के अंदर इसे ठीक कर लिया जाता था लेकिन आज के समय में इसे ठीक करने के लिए 2 महीने 3 महीने का कोर्स करना पड़ता है उसके बाद भी यह इंफेक्शन पूरी तरह से ठीक होने में समय लेता है।

खुजली कहां-कहां हो सकती है?

यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है पर अधिकतर यह इंफेक्शन उसी जगह पर होता है जहां पसीना अधिक आता है।

जैसे बगल हाथ पैर कोहनी गर्दन चेहरा या नाखूनों पर, यह बॉडी पर कहीं पर भी हो जाता है।

खुजली से किस प्रकार के दाद होते हैं?

खुजली से हुए दाद लाल रंग के गोल निशान होते हैं यह गोल निशान बीच में से स्किन कलर के ही होते हैं।

पर चारों तरफ से गहरे लाल रंग के होते हैं उनके ऊपर सफेद सफेद खुश्की भी जम जाती है।

इस जगह पर खुजलाने से छोटे लाल लाल दाने भी हो जाते हैं।

जिस जगह पर दाद होते हैं वहां पर त्वचा खुश्क रहती है उस पर बार-बार moisturiser लगाने की जरूरत पड़ती है।

इस बीमारी में मरीज को बहुत ज्यादा खुजली होती है यह एक फैलने वाली बीमारी है जो एक इंसान से दूसरे इंसान को फैलती है।

खुजली कैसे फैल सकती है?

>> एक दूसरे के कपड़े पहनने से दाद हो सकता है।

>> एक टावल इस्तेमाल करने से ही दाद फैलता है।

>> एक साथ रहने से एक दूसरे को टच करने से दाद हो जाता है।

>> दूसरों की चीजों को इस्तेमाल करने से भी दर्द हो जाता है।

>> किसी प्रकार की एलर्जी हो जाने से भी दाद फैलता है।

फंगल इंफेक्शन (fungel infection) बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं?

Fungal infection on hand
Itching soap in hindi

1.शुगर/डाइबिटीज।

शुगर पेशेंट को यह इन्फेक्शन होने की संभावना ज्यादा होती है और जिस को डायबिटीज हो अगर उन्हें खुजली की बीमारी हो जाए तो बहुत तेजी से फैलती है।

इसीलिए शुगर लेवल कंट्रोल में रखें और खुजली के समय अधिक मीठा खाने के बचें।

2. एलर्जी।

अगर आपकी स्किन पर किसी प्रकार की एलर्जी हो जाती है तब भी खुजली होने और फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

3. एंटी इन्फेक्शन क्रीम।

जो लोग बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल से क्रीम खरीद कर लगाते हैं।

उन्हें भी इंफेक्शन फैलने का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अधिकतर क्रीम खुजली को खत्म करने की वजह बढ़ा देती हैं।

4. लो इम्यूनिटी।

अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तब खुजली फैलने और अधिक होने की संभावना बढ़ जाती है।

खुजली (skin itching) कौन-कौन सी बातें ध्यान रखें चाहिए?

  • ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें।
  • सिल्की और टाइट कपड़े ना पहने।
  • शरीर में पसीना ना आने दें।
  • बार-बार ना खुजलाएं।
  • बिना डॉक्टर के दवाई का सेवन ना करें।
  • दाद वाली जगह पर बार-बार हाथ ना लगाएं।

खुजली का इलाज (medical treatment) कैसे किया जाता है?

• खुजली का इलाज खुद करने के बजाए डॉक्टर के पास जाकर अपनी बीमारी की जांच कराएं और डॉक्टर के बताए अनुसार ही इलाज करें।

• कुछ लोग घर पर ही अपना इलाज करना शुरू कर देते हैं तरह-तरह की क्रीम का इस्तेमाल करते हैं और अलग-अलग तरह की दवाइयां खाते हैं।

• लेकिन जब उनको कोई फायदा नहीं होता फिर डॉक्टर के पास जाते हैं ऐसे में डॉक्टर को उनकी खुजली की बीमारी को ठीक करने में काफी समय लग जाता है।

• क्योंकी तब तक उनकी बीमारी बहुत ज्यादा फैल चुकी होती है डॉक्टर आपको खुजली के लिए क्रीम या दवाई दे सकते हैं या दोनों का कॉन्बिनेशन बता सकते हैं।

• आपकी बीमारी कितनी देर में ठीक होगी यह आपके इलाज पर निर्भर करता है अगर आप शुरू में ही डॉक्टर के पास आ गए हैं तो आप की खुजली की बीमारी 3 से 4 हफ्ते में ठीक हो जाएगी।

• लेकिन अगर आप देर करके दी डॉक्टर के पास जाएंगे तो इसे ठीक करने में 3 महीने से अधिक का समय लग जाएगा।

खुजली से अस्थायी राहत के लिए, इन उपायों का प्रयोग करें:

• उन वस्तुओं या स्थितियों से बचें जो आपको खुजली का कारण बनती हैं।

• दैनिक मॉइस्चराइज करें।

• घरेलू इलाज करें।

• तनाव या चिंता कम करें।

• न खुजलाने का अत्यधिक प्रयास करें।

• खुद को हाइड्रेट रखें।

• ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।

• सफाई का ख्याल रखें।

खुजली से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय।

1) नारियल का तेल।

शरीर में खुजली होने पर कौन सा तेल लगाना चाहिए? नारियल का तेल त्वचा की सूजन अन्य लक्षणों के साथ-साथ खुजली के चकत्ते, लालिमा या खुजली को कम करता है।

“यह त्वचा की पावर को मजबूत करने में मदद करता है, जो स्किन से जलन को कम करता है।

2) सरसों का तेल।

सरसों का तेल लगा कर भी आप कुछ समय के लिए खुजली से राहत पा सकते हैं और अगर इसे बार-बार लगाते रहे तो आप खुद को बहुत हद तक खुजलाने से रोक सकते हैं।

3) सोडा।

घरेलू इलाज में खुजली को ठीक करने का सबसे सटीक इलाज सोडा होता है आप रोजाना एक चुटकी सोडा पानी में मिलाकर लेते हैं।

तो 3 महीने की समय अवधि में आप की खुजली जड़ से खत्म हो जाएगी।

4) लहसुन।

लहसुन खुजली को ठीक करने के लिए कारगर माना जाता है लेकिन इस्तेमाल करने के लिए आपको सावधानी रखनी है।

डायरेक्ट लहसुन को स्किन पर ना लगाएं पहले इसका रस निकालने और रुई के माध्यम से इसको अपनी त्वचा पर लगाएं।

अगर आपको गुप्तांगों पर लहसुन का इस्तेमाल करना है तो उसके लिए जितना लहसुन का रस आप लेंगे उतना ही पानी उसमें मिलाकर इस्तेमाल करें।

5) नीम का पेस्ट।

नीम का पेस्ट लगाकर एंटी फंगल होने की वजह से यह पेस्ट खुजली में राहत दिलाता है लेकिन खुजली को बिल्कुल खत्म करने के लिए इसे लगातार दो से 3 महीने लगाते रहना होता है।

6) बर्फ।

खुजली वाली जगह पर बर्फ के टुकड़े से मसाज करने पर भी इंफेक्शन फैलने को रोका जा सकता है।

अंतिम शब्द।

किसी भी घरेलू उपचार का असर केवल तभी हो सकता है जब आप उसे लगातार कम से कम 2 से 3 महीने इस्तेमाल करें।

जो अधिकतर लोग नहीं कर पाते और इसीलिए कहा जाता है कि घरेलू चीज से खुजली को ठीक करना मुश्किल है।

लेकिन अगर आप लगातार तीन महीने किसी घरेलू इलाज को खुजली के लिए करते हैं तो आपको बिल्कुल ठीक हो सकते हैं।

पर कुछ ही महीने का सब्र रखना बहुत मुश्किल होता है इसलिए डॉक्टर से इलाज करवा लेना ज्यादा बेहतर है।

उम्मीद है कि इस आर्टिकल में आपको खुजली से संबंधित जो जानकारी दी गई है आपके लिए लाभकारी रही है।

इस विषय से संबंधित आपका कोई और सवाल है तो कमेंट में हम से कमेंट में शेयर करें।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

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