Neuralink Chip के उपयोग, फायदे, नुकसान क्या हो सकते है?

एलोन मस्क ने बता दिया है कि Neuralink Chip को इंसान पर ट्राई किया गया है उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट किया, कहा कि यह चिप अब इंसान के लिए सफलतापूर्वक ट्राई कर ली गई है और इसके बाद बिना शंका के आगे इसके लिए काम बढ़ाया जा रहा है।

Neuralink Chip के उपयोग, फायदे, नुकसान
Neuralink Chip के उपयोग, फायदे, नुकसान

दरअसल एलोन मस्क द्वारा बनाई गई Neuralink company द्वारा 2016 में एक नए टेक्नोलॉजी उपकरण को बनाने का काम शुरू किया गया था। इस पर कई सारी चर्चाएं हुई, और तय किया गया की चिप को बनाया जाएगा, जिससे कोई इंसान अपने दिमाग से किसी मोबाइल या कंप्यूटर को ऑपरेट कर पाएगा।

यह चिप अल्ट्रा-हाई बैंडविड्थ ब्रेन-मशीन इंटरफेस पर काम करेगी कंपनी का मिशन यह है कि यह प्रोडक्ट बनाकर उन व्यक्तियों की जिंदगी में सुधार हो सकता है जो विकलांग है जो किसी वजह से अपने हाथ से कंप्यूटर मोबाइल नहीं चला पाते। वे सीधे डायरेक्टर अपने दिमाग से ही उन्हें operate कर पाएंगे, इसके अलावा भी कई तरह से इसके फायदे होंगे।

क्या है न्यूरालिंक चिप? (What is a neuralink chip)

neuralink चिप को बनाने की सोच कोई नई-नई थी वैज्ञानिकों ने बताया कि कई दशकों से वह यह उपकरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जब भी वह प्रयास करते थे असफल हो जाते थे क्योंकि उनके पास पर्याप्त सामग्री नहीं थी जो एक चुनौती बनकर सामने खड़ी थी।

इसके अलावा अमेरिका ने कई बार एलोन मस्क को यह चीज बनाने के लिए मन कर दिया आखिरकार उनके समझने के बाद और यह चीज बनाने के बाद मिलने वाले फायदे की वजह से उन्हें मंजूरी दे दी गई।

इस नैनो टेक्नोलॉजी में यह नया काम करना एलोन मस्क (टेस्ला के सीईओ) और ब्रायन जॉनसन (कर्नेल के सीईओ) जैसे वैज्ञानिक ने आखिरकार यह है सफलता प्राप्त कर ही ली है और उनका कहना है कि इंसान पर इसका ट्रायल भी कर लिया गया है जो सफल रहा।

इस चिप को बनाने के पीछे वैज्ञानिकों का उद्देश्य मानव दिमाग को सीधा कंप्यूटर से जोड़कर बिना कंप्यूटर मोबाइल को छुए उन्हें ऑपरेट करने की आजादी दी है ताकि पहले से ज्यादा तेजी से और स्पष्ट रूप से लोगों की सोच में वृद्धि हो और टेक्नोलॉजी का काम भी जल्दी हो।

जो लोग अंधे हैं या जिनको लकवा है या जिनके हाथ पैर में कोई परेशानी है उनके लिए यह एक जबरदस्त उपकरण है क्योंकि वह बिना हाथ लगाए बिना देखे इसे ऑपरेट कर सकते हैं केवल अपने दिमाग के जरिए।

हालांकि यह मानवता के लिए कितना अच्छा होगा और इस नई टेक्नोलॉजी से कौन से लाभ व दुष्प्रभाव होंगे। इसके बारे में अभी पूरे स्पष्ट सबूत नहीं है। जैसे-जैसे इस चिप को इंसानों पर ट्राई किया जाएगा फायदे कितने होंगे और नुकसान क्या हो सकते हैं यह स्पष्ट होता रहेगा। अभी हम इसके संभावित फायदे और नुकसान? के बारे में पढ़ेंगे साथ ही इसके उपयोग भी जानेंगे।

पढ़ते रहिए…

न्यूरालिंक चिप के उपयोग? (Neuralink Chip Uses In Hindi)

अगर इस चीज की उपयोग की बात करें तो यह चिप दिमाग में डाला जाएगा और दिमाग के सेल्स से कनेक्ट किया जाएगा उसके बाद इंसान बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट को छुए उसे ऑपरेट करने की क्षमता प्राप्त कर लेगा, सिर्फ अपने दिमाग से ही सारे काम कर पाएगा।

यह डिवाइस विशेष कर ऐसे सक्षम लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो किसी वजह से टेक्नोलॉजी का फायदा नहीं उठा पाए उनमें क्षमताएं तो हैं लेकिन बॉडी में परेशानी की वजह से काम नहीं कर पाते।

तो neuralink chip के माध्यम से वह डायरेक्ट कंप्यूटर को ऑपरेट कर पाएंगे। एलोन मस्क का कहना है कि यह Device इंसान को एक नई सोच की ओर लेकर जाएगा। इससे कई सारे सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिलेंगे। लेकिन वास्तव में इसका क्या प्रभाव होगा, भविष्य में सामने सामने आ ही जाएगा।

न्यूरालिंक चिप के फायदे? (Neuralink Chip Benefits In Hindi)

न्यूरालिंक चिप के कई तरह के लाभ हो सकते हैं जिनमें से कुछ यह है:

नई जानकारी सीखने और याद रखने की क्षमता में सुधार

इस नई तकनीक से दिमाग को सीधा कंप्यूटर से कनेक्ट करना बहुत आसान हो जाएगा और इससे हमें स्मार्ट बनने में मदद मिल सकती है। हम बिना किसी डिवाइस के एक बड़ी जानकारी को हासिल कर सकते हैं और किसी दूसरे को पहुंचा सकते हैं।

साथ ही किसी नई skills को सीखना भी बहुत आसान हो जाएगा। इसका इस्तेमाल करने से ज्यादा जानकारी याद रखने में मदद मिलेगी और इंसान नई चीजों को सीखने की क्षमता को बढ़ा पाएगा।

विकलांग लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनेगा

साइंटिस्ट का कहना है कि Neuralink chip विकलांग लोगों के जीवन में सुधार के लिए एक बहुत अच्छा जरिया है यह विकलांग लोगों को फिर से अपने शरीर को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करेगा, विशेषकर जो लोग पैरालाइज्ड हैं उनके लिए यह बेहतरीन साबित होगा।

साथ ही अंधे लोगों के लिए तो यह एक ऐसा डिवाइस बनकर आया है जो उन्हें आंखें ना होते हुए भी फिर से देखने की शक्ति दे पाएगा, और जो लोग सुन नहीं पाते वह सुन पाएंगे।

मानव-एआई संचार और सहयोग में सुधार हुआ है

यह इंसान को बिना किसी चीज को छुए ही उसे ऑपरेट करने की शक्ति देगा जिस वजह से व्यक्ति किसी बाहरी उपकरण पर निर्भर न होकर मशीनों को स्वतंत्रता से केवल अपने दिमाग से चल पाएगा।

इसका मतलब है कि इंसान बिना अपनी आवाज बिना अपने हाथों का उपयोग किया ही कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग कर सकेगा। उन्हें बस अपने दिमाग में सोचने की जरूरत होगी। और जो भी सोचेंगे वह काम बहुत आसानी से हो जाएगा। हालांकि इसमें क्या ग़लतियां होगी यह अभी स्पष्ट नहीं है।

बेहतर इंटरनेट और अन्य डिवाइस कनेक्टिविटी

इस नई तकनीक का एक फायदा यह बताया जा रहा है कि इसका उपयोग इंटरनेट धीमा होने जैसी प्रॉब्लम को खत्म कर देगा। मनुष्य के दिमाग से जब कोई डिवाइस ऑपरेट होता तो इंटरनेट धीमा नहीं होगा और network में खराबी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। हालांकि यह केवल उम्मीद की जा रही है इसका परिणाम नहीं पता।

न्यूरालिंक चिप के नुकसान? (Neuralink Chip side effects In Hindi)

कोई चीज कितनी भी ज्यादा फायदेमंद हो लेकिन उसके नकारात्मक पहलू जरूरत है इसी तरह इस चिप के भी कुछ नुकसान हो सकते हैं:

बीसीआई के दीर्घकालिक प्रभावों पर बहुत कम शोध हुआ है

neuralink chip बनाने के लिए कई तरह की रिसर्च की गई है जिसमें यह देखा गया है कि इसका उपयोग करने से मानव पर कौन से दुष्प्रभाव होंगे। इसे बंदरों पर काफी समय तक TRIAL किया गया था जिसमें कई तरह के नुकसान सामने आए थे।

और फिर इन नकारात्मक प्रभावों को ठीक करने की कोशिश भी की गई थी जिसमें काफी नुकसान ठीक हो गए थे लेकिन यहां पर चिंता की बात यह है कि इसके दीर्घकालिक प्रभाव की रिसर्च नहीं की गई। यानी कुछ समय तक उपयोग से इसके क्या नुकसान होंगे, यह तो पता है लेकिन लंबे समय तक यूज़ करने से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं इसके बारे में जानकारी नहीं है।

किसी की निजता पर आक्रमण

इस चिप से इंसान की Privacy पर आघात होने की संभावना है क्योंकि जो व्यक्ति यह चिप अपने मस्तिष्क में लगाएगा तो उसकी पहुंच वाला व्यक्ति उसके विचारों को पढ़ पाएगा उसे क्या याद है उसे समझ पाएगा यानी इंसान क्या सोच रहा है यह भी पता चल जाएगा।

इसका इस्तेमाल सरकार द्वारा किसी इंसान या निजी कंपनी की जानकारी के लिए भी किया जा सकता है ऐसा करने से एक इंसान के विचार के बारे में पूरी जानकारी मिल सकती है उसके पूरे जीवन काल की स्मृति भी जानी जा सकती है।

बीसीआई के मस्तिष्क के लिए नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं जैसे लत, चिंता या अवसाद

इस नई तकनीक से यह भी संभावना जताई जा रही है कि यह इंसान के लिए लत की तरह साबित होगा। यानी जो इंसान इस यूज़ करेगा, वह बार-बार इसका उपयोग करना चाहेगा, तो यह एक बुरी लत बन सकती है।

इसके अलावा इंसान की वास्तविक जीवन से रुचि भी कम होने की संभावना जताई जा रही है जिस व्यक्ति अपने जीवन के अनुभवों पर काम ना करके जीवन के अनुभवों पर विश्वास न करके केवल टेक्नोलॉजी के माध्यम से जीवन को देखेगा।

यह ऐसी लत बनकर सामने आएगी जिस व्यक्ति खुद के एहसास को समझने में मुश्किल महसूस कर सकता है वह अपने बारे में जानकारी तो ले पाएगा लेकिन खुद को फील करना अपने इमोशन को एक इंसान की तरह समझना इन सभी एहसासों में कमी आएगी।

इसके अलावा अगर दोबारा उन्हें यह Technology ना मिलें, तो इंसान आत्माहत्या भी कर सकता है क्योंकि यह एक ड्रग की लत की तरह हो सकता है।

बीसीआई तकनीक महंगी है

इसका एक नकारात्मक पहलू यह भी होगा कि यही काफी महंगी होगी इसे खरीदने के लिए लोगों के पास काफी सारी संपत्ति की जरूरत होगी यानी अमीर लोग ही इसका फायदा उठा पाएंगे।

इसके महंगे होने के पीछे का कारण यह होगा कि यह एकदम नई तकनीक है जिसे ज्यादा से ज्यादा लोग इस्तेमाल करना चाहेंगे और इसलिए इसकी कीमत महंगी होगी ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए जा सके। इसके अलावा इसमें उपयोग की गई सामग्री भी महंगी है इस लिहाज से भी यह महंगी मिलेगी।

बीसीआई के विफल होने पर उन्हें हटाने या मरम्मत करने में कठिनाई होती है

इस Neuralink chip को माइंड में डालने के बाद दिमाग में घाव हो सकता है जिसको ठीक करना मुश्किल है साथ ही दिमागी ऊतको पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है यानी इसका इस्तेमाल इंसान को कई तरह की दिमागी और शारीरिक समस्याएं दे सकता है जैसे लकवा, दौरे पड़ने और कभी ना छूटने वाली लत।

मस्तिष्क की चोट या संक्रमण का उच्च जोखिम

इस तकनीक का इस्तेमाल करने से एक चिंता यह भी है कि इसकी वजह से दिमाग में ऊतकों को नुकसान होगा और यह तो हमें पता है कि दिमाग के बारे में अभी तक कोई भी सटीक खोज नहीं की गई। यदि दिमाग में किसी तरह की चोट या क्षति हो जाती है तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता।

अगर ऐसे में इस चिप के कारण दिमाग में किसी वजह से चोट लग गई तो इंसान की मौत हो सकती है, दिमाग में संक्रमण हो सकता है, सूजन हो सकती है इसके अलावा भी कई तरह के रोग बढ़ने की संभावना बताई जा रही है।

बहुत से दुरुपयोग संभव हैं

इसके कई तरह के दुरुपयोग भी हो सकते हैं बड़ी-बड़ी संस्थाएं इसका बहुत ज्यादा दुरूपयोग करेंगे जैसे सरकार बड़ी एजेंसियां वह लोगों के दिमाग की जानकारी इसका प्रयोग करके काफी आसानी से प्राप्त कर लेंगे।

इसके अलावा बड़े-बड़े लोग हेर फेर करने के लिए भी इसको उपयोग कर सकेंगे, और दूसरे की personal information को प्राप्त कर लेंगे, यह जान पाएंगे कि सामने वाला इंसान क्या सोचता है। उसकी क्या पसंद है वह क्या नापसंद करता है उसके जीवन में क्या बीत चुका है जो बहुत ज्यादा गंभीर समस्या खड़ी करेगा।

निष्कर्ष:

दोस्तों कोई भी नहीं तकनीक आएगी तो उसके कुछ सकारात्मक पहलू होंगे तो कुछ नकारात्मक प्रभाव भी जरूर सामने आएंगे। इसी तरह Neuralink Chip के भी फायदे बताए जा रहे हैं और बहुत सारे संभावित नुकसान भी।

लेकिन इसके नुकसान से कैसे निपटा जाएगा, इसके फायदे किस तरह से इंसान के लिए अच्छे साबित होंगे, इसके लिए अभी कोई भी डेटा उपलब्ध नहीं है। हालांकि भविष्य में इन सभी पहलुओं पर भी काम किया जा सकता है क्योंकि इंसान के लिए टेक्नोलॉजी खतरा बनकर न रह जाए, इस बारे में सोचना बहुत जरूरी है।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

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