mysterious pneumonia outbreak in china in hindi (चीन में रहस्यमय न्यूमोनिया ब्रेकआउट: एक चिंताजनक स्थिति)

चीन में रहस्यमय न्यूमोनिया ब्रेकआउट की एक चिंताजनक स्थिति बनी हुई है जिसमें वहां पर तेजी से बढ़ती सांस की बीमारी की चपेट में लोग आ रहे हैं और इसमें केवल बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी आ रहे हैं और बच्चों को इस बीमारी के कारण Mysterious Pneumonia का जोखिम बढ़ता देखा जा रहा है।

mysterious pneumonia outbreak in china in hindi
mysterious pneumonia outbreak in china in hindi

Mysterious Pneumonia इसलिए क्योंकि आज तक इस तरह का निमोनिया नहीं देखा गया है कि एकदम से सांस की बीमारी फैल जाए और बच्चों को निमोनिया हो जाए, तो इसे एक रहस्य में निमोनिया माना जा रहा है जिसके बारे में अभी पता लगाना बाकी है कि क्यों हो रहा है और इतना ज्यादा क्यों फैल रहा है।

कोरोना के बाद यह पहली winter season था जब चीन में सभी को बिना प्रतिबंधों के बाहर घूमने की छूट दी गई लेकिन शुरुआत में ही लोगों में यह श्वसन संबंधी बीमारियां होने लगी। और धीरे-धीरे एक लहर की तरह लोगों में फैल गई, इसका चिंताजनक पहलू यह है कि इसका असर बच्चों पर निमोनिया के रूप में पड़ रहा है।

हर दिन चीन में लगभग 1200 मरीज इस बीमारी से ग्रसित होकर अस्पताल के emergency ward में भरती हो रहे हैं।

चीन में इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्कूल में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है और parents को विशेष कर बच्चों के लिए ज्यादा सतर्क होने की चेतावनी भी दी गई है।

चीन के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि यह बीमारी मौसम के कारण ज्यादा फैल रही है क्योंकि ठंड का मौसम हो रहा है और लोगों को सर्दी खांसी ज्यादा हो रही है जिस कारण सांस की बीमारी भी अधिक देखने को मिल रही है।

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ये नई बीमारी आखिर क्या है? (mysterious pneumonia outbreak in china in hindi)

यह एक प्रकार के बैक्टीरिया की वजह से होने वाली प्रॉब्लम है जो माइकोप्लाज्मा निमोनिया है इसे ही Mysterious Ammonia कहा जा रहा है यह बीमारी स्पेशली बच्चों को शिकार बनाती है। इसका मुख्य कारण सूखी खांसी बुखार और ज्यादा शारीरिक काम करना माना जाता है इस निमोनिया के बैक्टीरिया जल्दी फैलते हैं।

माइकोप्लाज्मा निमोनिया कॉलेज, स्कूल, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम या भीड़ वाली जगह पर खांसने या छींकने से निकलने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आने से फैलता है यह बैक्टीरिया 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्गों और जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है के फेफड़ों में प्रवेश करके निमोनिया बनाता है।

चीन में बढ़ते pneumonia के खतरे की क्या है वजह?

चीन के स्वास्थ्य अधिकारी ही नहीं बल्कि WHO के अनुसार भी यह बीमारी रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) और कोरोनावायरस के एक विशेष वायरस SARS-CoV-2 की वजह से इतना ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रही है।

क्योंकि मौसम बदल रहा है सर्दी का मौसम आ गया है तो बदलते मौसम में लोगों को सर्दी जुकाम होता रहता है ऐसे में यह बैक्टीरिया ज्यादा फैल रहा है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी झपेट में ले रहा है जिससे बच्चों को यह mysterious pneumonia हो रहा है।

चीन के स्वास्थ्य अधिकारी इस बीमारी को फैलने का कारण कोरोना के प्रतिबंध हटाने को मान रहे हैं क्योंकि इसी तरह की समस्या जब इंग्लैंड में कोरोना के प्रतिबंधों को हटाया था वहां भी देखी गई थी इसे “लॉकडाउन एग्जिट वेव” नाम दिया गया है। 

इसके लक्षण क्या होते हैं?

इसके लक्षणों की बात करें तो इसके मुख्य लक्षण खांसी, बुखार फेफड़ों में सूजन, फेफड़ों में गांठ पड़ना को माना गया है। क्योंकि यह एक रहस्य में बीमारी है तो अभी इसके सटीक लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है ऐसा कहा जा रहा है कि यह चीन की राजधानी बीजिंग, उत्तरपूर्वी लियाओनिंग प्रांत में ज्यादा तेजी से फैल रहा है।

बीजिंग में बच्चों को माइकोप्लाज्मा निमोनिया ज्यादा देखा जा रहा है जिसे doctors के द्वारा सामान्य निमोनिया ही कहा गया है इसका इलाज बहुत आसानी से एंटीबायोटिक दवाई से किया जा रहा है लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे चीन से आने वाला एक नया वायरस या नया कोविड करार दिया है।

भारत ने भी शुरू कर दी है बचने की तैयारी:

भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि हमें भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है सांस संबंधी बीमारियों के खिलाफ कुछ कदम उठाने चाहिए उसके लिए की तरह के फैसले भी लिए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने चीन से इस समस्या के संबंध की पूरी जानकारी मांगी है यह लोगों को कैसे हो रहा है इसके क्या लक्षण है और इसके विश्व स्तर पर फैलने के कितने चांसेस हैं।

चीन के विशेषज्ञ ने कहा है कि यह फिलहाल थोड़ा चिंताजनक है और यह कहना भी मुश्किल है कि यह किसी नए वायरस से हुआ है बल्कि इसे कोविड फैलाने वाले वायरस का ही प्रकोप कहा गया है।

Mysterious pneumonia ब्रेकआउट की शुरुआत कहां से हुई:

यह बीमारी शुरुआत में चीन के एक हिस्से में फैली थी जोकि चीन की राजधानी के आसपास ही के क्षेत्र में ज्यादा पाई गई इन जगहों पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत देखी गई है और यह बीमारी एक से दूसरे में फैलने लगी।

शुरू में तो ऐसे केवल सामान्य सांस की बीमारी ही माना गया। लेकिन जब यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलने लगी तब इसे एक चिंताजनक समस्या कहां गया। और इसके कारण बच्चों को निमोनिया तेजी से होने लगा जिसे Mysterious pneumonia माना गया।

सरकारी कदम क्या लिए गए:

चीन में सरकार ने इस बीमारी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं एक तरफ तो अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए व्यवस्था की गई, दूसरी तरफ लोगों को इस बीमारी से बचे रहने के Instruction बताए गए।

और सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा है जिससे लोगों का इलाज पूरी तरह से बिल्कुल सही तरह से हो ताकि यह एक ही बार में पूरी तरह से खत्म हो जाए और इसे फैलने से रोका जा सके

वैश्विक चुनौती बन सकती है?

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगर इस समस्या को चीन में काबू नहीं किया गया तो भविष्य में यह विश्वास स्तर पर एक चुनौती बन सकती है क्योंकि यह कोविड का ही एक नया रूप हो सकता है।

तो न केवल चीन में बल्कि विश्व स्तर पर लोगों को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए खुद को सर्दी, खांसी, ज़ुकाम, बुखार आदि से बचा कर रखना चाहिए और अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए हेल्दी रहने पर जोर देना चाहिए।

FAQs:

Q. निमोनिया होने पर शरीर में क्या होता है?

निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है इसमें संक्रमण फेफड़ों में फैल जाता है और सांस लेने में तकलीफ होती है ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा कम हो जाता है।

Q. निमोनिया से ठीक होने में कितना समय लगता है?

सामान्य तौर पर निमोनिया घरेलू उपचारों से दो हफ्ते में ठीक हो जाता है और एंटीबायोटिक दवा लेने से एक से दो हफ्ते में।

Q. निमोनिया रोग किसकी कमी से होता है?

निमोनिया होने का सबसे बड़ा कारण शारीरिक कमजोरी है जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें निमोनिया हो जाता है इसके लिए कई तरह के संक्रमण जिम्मेदार होते हैं।

Q. निमोनिया में कौन सी दवा दी जाती है?

निमोनिया को ठीक करने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक में फैबिविरापिर, आइवरमेक्टिन, टोसीलिज़ुमैब, स्टेरॉयड, मोंटेलुकास्ट और लेवोसेटिरिज़िन शामिल हैं लेकिन इनका इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के सुरक्षित नहीं होता इसलिए डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इन्हें लेना चाहिए।

Saniya Qureshi is a Health and Beauty writer, senior consultant and health educator with over 5 years of experience.

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