Doping for health in hindi

Doping for health : डोपिंग सिरप, गाढ़ा पदार्थ या मनगढ़ंत चीज है जो औषधि व दवाइयों के रूप में सेवन की जाती है विशेषकर इसका उपयोग खिलाड़ियों द्वारा किया जाता है। डोपिंग में अफीम का उपयोग किया जाता है। अफीम की गुणवत्ता चिपचिपी होती है इसीलिए इसे डोप कहा जाता है जिसके कारण डोपिंग बनता है।

डोपिंग को एक ऐसे पदार्थ के रूप में भी देखा जा सकता है जो व्यक्ति के लिए धीरे-धीरे जहर की तरह असर करता है।

Doping for health in hindi

“डोपिंग” का अर्थ है प्रतिस्पर्धी खेलों में ऐसे पदार्थों का उपयोग करना जो निषेध है। यह दवाई प्रदर्शन बढ़ाने में खिलाड़ियों को सहायता प्रदान करती है तो यह कहा जा सकता है जो दवाई एथलेटिक अपना प्रदर्शन (Doping for health in hindi) बेहतर बनाने के लिए सेवन करते हैं वह डोपिंग है

डोपिंग क्या है?

Doping for health in hindi

एथलेटिक प्रदर्शन में अवैध रूप से सुधार करने के लिए किसी पदार्थ (जैसे एनाबॉलिक स्टेरॉयड या एरिथ्रोपोइटिन) या तकनीक का उपयोग।

सरल शब्दों में समझें तो डोपिंग का अर्थ है नशा करना।

इसका सेवन विशेषकर किसी प्रदर्शनी या खेल में अपने प्रदर्शन स्तर को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है जो खिलाड़ी बड़ा इनाम और अपना नाम बड़ा बनाने की लालसा करते हैं वह इसका इस्तेमाल करते हैं।

इसके प्रयोग से स्थाई समय के लिए तो अच्छे नतीजे मिलते हैं लेकिन इसके बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव है जो आज हम जानेंगे।

क्या Doping नई तकनीक है?

सुनने में तो डोपिंग नया शब्द लगता है लेकिन इसका इतिहास उतना ही पुराना है ऐसा कहा जाता है कि यूनानी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को अच्छा बनाने के लिए इसी मादक पदार्थों का सेवन करते थे।

इस तरह के पदार्थ का उपयोग केवल खिलाड़ियों तक ही सीमित नहीं था बल्कि कई योद्धा भी अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए अफीम जैसी जड़ी बूटियों से बने पदार्थ को सेवन किया करते थे।

आज के समय में खुद को विजय बनाने और प्रसिद्धि तथा अपना नाम और धन पाने के लिए खिलाड़ी डोपिंग का सहारा लेते हैं।

कितने प्रकार की होती है डोपिंग।

डोपिंग दो तरह की होती है।

1.नशीले पदार्थों के सेवन द्वारा – इसमें प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए ऐसी चीजों का सेवन किया जाता है जो उत्तेजक हो जैसे नशीली दवाइयां जिन्हें गोलियों या कैप्सूल या फिर स्प्रे के रूप में या इंजेक्शन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

जैसे – उत्तेजक, एनाबॉलिक स्टेरॉयड, पेप्टाइड हार्मोन, बीटा -2 एगोनिस्ट, नारकोटिक्स, मूत्रवर्धक, कैनबिनोइड्स।

2. शारीरिक गतिविधियों द्वारा – इसमें ब्लड या जीन द्वारा डोपिंग दिया जाता है यह खिलाड़ियों की कोशिकाओं में संशोधन करके उनकी शक्ति को बढ़ाती है।

जैसे – रक्त डोपिंग और जीन डोपिंग शारीरिक विधि के अंतर्गत आता है।

रक्त डोपिंग : यह रक्त के द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने की प्रक्रिया है रक्त डोपिंग हिमोग्लोबिन को बढ़ाता है जिससे खिलाड़ी की मांसपेशियों को ज्यादा मात्रा में energy मिलती है यह सहन शक्ति को बढ़ाकर प्रदर्शन में सुधार लाता है खासकर लंबे समय के खेल प्रदर्शन में इसका उपयोग होता है।

जीन डोपिंग : यह कोशिकाओं, जीन और अनुवांशिक तत्वों द्वारा अभिव्यक्ति के माड्यूलेशन का गैर चिकित्सीय उपयोग है जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार करने की क्षमता होती है।

डोपिंग के दुष्प्रभाव।

शारीरिक प्रभाव : मुँहासे, गंजापन, जिगर की क्षति, लंबी हड्डियों (किशोरावस्था में) के विकास केंद्रों का समय से पहले बंद होना जिसके परिणामस्वरूप विकास अवरुद्ध हो सकता है।

Doping for health in hindi

जेंडर आधारित – पुरुषों में, स्तन ऊतक विकास सिकुड़ना, नपुंसकता, शुक्राणु उत्पादन में कमी।

जेंडर आधारित – महिलाओं में, आवाज का गहरा होना, स्तन विकास की समाप्ति, चेहरे पर बालों का विकास, बढ़े हुए भगशेफ, असामान्य मासिक धर्म चक्र।

कार्डियोवैस्कुलर : ह्रदय की कार्य क्षमता में अनियमितता, ऊंचा रक्तचाप, दिल का दौरा, बेहोशी, अचानक मौत।

हार्ट अटैक – लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में बढ़ोतरी से रक्त डोपिंग खून को गाढ़ा करने का कारण बन जाता है जिस वजह से पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए हृदय को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप रक्त डोपिंग का खतरा बढ़ जाता है और शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं। जिससे हार्ट अटैक आने के Chance रहते हैं।

सैंडविच खाने के फायदे और नुकसान।

हार्मोनल : गाइनेकोमास्टिया (बढ़े हुए स्तन), वृषण आकार में कमी, कम सेक्स ड्राइव, एक्रोमेगाली (चेहरे, हाथों और पैरों में मोटे हड्डियां), कैंसर।

पीलिया – इसके प्रयोग से पीलिया या कीसी प्रकार के कैंसर होने का खतरा रहता है।

श्वसन : नाक से खून आना, साइनसाइटिस।

केंद्रीय तंत्रिका तंत्र : नींद की कमी, चिंता, अवसाद, आक्रामक व्यवहार, आत्महत्या, सिरदर्द, लत, मनोविकृति, कंपकंपी होना, चक्कर आना, नसों में स्ट्रोक।

नोट : प्रभाव स्थायी और अलग-अलग हो सकते हैं।

इसके अलावा नैतिक दुविधा। इन प्रतिबंधित पदार्थों का उपयोग अनुचित फायदा प्राप्त करने के लिए किया जाता है जो प्रतिस्पर्धा की भावना का महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है और भावनाओं का अवमूल्यन करता है।

किन पदार्थों के उपयोग पर प्रतिबंध है?

दवाई जीवन रक्षक होने के साथ-साथ जीवन के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती हैं इनका उपयोग खिलाड़ियों द्वारा अपने खेल प्रदर्शन को बढ़ाकर अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है खेल प्रदर्शन में कई दवाइयों के उपयोग पर प्रतिबंध है जिनके के कारण भी हैं।

कुछ दबाव और प्रदर्शन बढ़ाने वाले गुणवत्ता वाली मेडिसिन को प्रतिस्पर्धा और प्रतिस्पर्धा के बाहर खिलाड़ियों को सेवन करना मना कर दिया जाता है जबकि कुछ विशेष दवाइयां होती हैं जिन्हें खिलाड़ी खेल के दौरान नहीं ले सकते।

एथलीटों को किसी कारण अगर दवा लेना महत्वपूर्ण है तो डोपिंग रोधी कार्यक्रम उन्हें कुछ छूट देता है जिसके अनुसार चिकित्सीय परीक्षकों से अनुरोध करके एक एथलीट दवा का उपयोग कर सकता है।

Doping for health in hindi

दवा का उपयोग करने के लिए एथलीट के पास TUE फॉर्म होना चाहिए जो बताता है कि एथलीट को अपनी चिकित्सा स्थिति को सुधारने के लिए दवा की जरूरत है और एथलीट अपनी health को सुधारने के लिए दवा का उपयोग करना चाहता है।

इस फॉर्म को वाडा की एक चिकित्सा समिति द्वारा चेक किया जाता है जो या तो एथलीट को दवा लेने की अनुमति देती है या फिर जांच करके अनुरोध को अस्वीकार कर सकती हैं।

कुछ पदार्थों और विधियों को वार्ड द्वारा खिलाड़ियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है जो निम्नलिखित हैं–

• दवाई जो खिलाड़ी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

• वो काम खेल भावनाओं का उल्लंघन करते हो।

• चीजे जो खेल प्रदर्शन को अनुचित रूप से बढ़ाने में मदद करते हो।

वाड़ा द्वारा प्रतिबंधित पदार्थ।

उत्तेजक (stimulants) – यह ऐसी दवाइयां होती हैं जिनके सेवन से खिलाड़ी शारीरिक व मानसिक रूप से आकर्मक महसूस करते हैं इनके सेवन से थकावट का एहसास नहीं होता। और खिलाड़ी आम तौर पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। जैसे एम्फेटाइमाइन्स, कोकीन आदि इन्हें स्प्रे पर या टीके द्वारा लिया जाता है।

नशीली दवाएं (drugs) – बहुत सारी नशीली दवाइयां होती है जैसे मोरफिन, हैरोइन, आदि जो दर्द को कम कर देती हैं और चिंता को भी कम कर देती हैं जिससे खेल प्रदर्शन में सुधार होता है।

बीटा ब्लॉकर्स (beta blockers) – बेटा ब्लॉकर्स का इस्तेमाल दिल की कोशिकाओं की दर तथा हाथों की कंपन को कम करने के लिए होता है जिस वजह से तीरंदाजी शूटिंग गोल्फ आदि जैसे खेलों में प्रतिस्पर्धा में सुधार होता है।

एल्कोहल (alcohol) – शराब के सेवन से खिलाड़ियों में आकर्मकता की भावना आती है जिस वजह से उनमें खेलो को खेलने की क्षमता बढ़ती है इसे विशेषकर तीरंदाजी और बॉक्सिंग के खेलों में सेवन किया जाता है।

डायूरेटिक्स (diuretics) – इस तरह की दवाओं को मुक्केबाजी कुश्ती आदि जैसे खेलों में शरीर से तरल पदार्थों को जल की मात्रा में कम करने के उद्देश्य से सेवन किया जाता है।

एनाबोलिक स्टीरॉइड्स (anabolic steroids) – इसका प्रयोग मुश्किल प्रशिक्षण या दोबारा शक्ति प्राप्त करने के लिए किया जाता है इसके इस्तेमाल से मांसपेशियों के आकार तथा शक्ति में बढ़ोतरी होती है जिससे खिलाड़ियों में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता बढ़ती है।

बेटा-2 एगोनिस्ट (Beta-2 agonists) – अपनी मांसपेशियों को रिलैक्स करने शारीरिक एनर्जी बूस्ट को बढ़ाने के लिए किया जाता है जिससे खिलाड़ी ऊर्जावान महसूस करते हैं।

वाडा द्वारा प्रतिबंधित विधियां

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ब्लड डोपिंग (blood doping) – लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में बढ़ावा करने के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है इसे ब्लड डोपिंग कहते हैं इस विधि में खेल से 2 सप्ताह पहले खिलाड़ी के शरीर से दो यूनिट रक्त निकालकर उसे बर्फ के रूप में जमा कर सुरक्षित रख लिया जाता हैै।

फिर प्रतियोगिता से 2 दिन पहले इसे दोबारा खिलाड़ी के शरीर में डाल दिया जाता है इससे खिलाड़ी के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है जिससे उस में ऑक्सीजन की उपलब्धि बनी रहती है और ऐसे में खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर पाता है।

जीन डोपिंग (gene doping) – खेल में अपने प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए खिलाड़ी शरीर में कोशिकाओं के संशोधन के लिए जीन डोपिंग कराते हैं इस पद्धति का इस्तेमाल शारीरिक शक्ति में बढ़त करने, मांसपेशियां या लिगामेंट्स आदि की चोट को जल्दी ठीक करने के लिए किया जाता है।

कौन निर्धारित करता है कि डोपिंग का उल्लंघन हुआ है या नहीं?

सबसे बड़ा डोपिंग विरोधी संगठन वाडा है इसके अलावा भी इसके छोटे-छोटे संगठन है जो अलग-अलग तरह से डोपिंग के उल्लंघन की निगरानी करते हैं।

वाडा उन सभी खेलो और कार्यक्रम पर लागू होता है जिन्होंने वाड़ा कर्ट को बनाए रखने की प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर किए हैं वादा कोड उन खेल आयोजनों के साथ मिलकर डोपिंग रोधी नीतियां और नियम तथा विभिन्न नियमों की रूपरेखा तैयार करता है।

Doping for health in hindi

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक, पैरा ओलंपिक समितियां, ओलंपिक खेल, अंतरराष्ट्रीय खेल और राष्ट्रीय ओलंपिक खेल सहित 660 से अधिक खेल संगठनों ने वाडा पर हस्ताक्षर किए हैं।

वाडा इन सभी के लिए नियम तथा व्यवहार निश्चित करता है तथा डोपिंग रोधी एजेंसी द्वारा इनका टेस्ट करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि कोई डोपिंग के नियमों का उल्लंघन ना करें।

जो खिलाड़ी खेल में भाग लेते हैं और जिन्होंने वाड़ा पर हस्ताक्षर किए हैं वह प्रतियोगिता के अंदर और बाहर परीक्षण के अधीन होते हैं अगर इन पर शक हो तो उन का टेस्ट मूत्र या रक्त के सैंपल द्वारा किया जा सकता है।

खेल में डोपिंग के नमूनों की जांच करना और खिलाड़ियों को डोपिंग टेस्ट में सही या गलत बताना सब अलग-अलग तरह से किया जाता है यह सारी प्रक्रिया भिन्न-भिन्न प्रकार और आधारों पर पूरी की जाती है।

डोपिंग इतनी बड़ी बात क्यों है?

Doping for health in hindi

डोपिंग को बहुत बड़ी बात इसलिए माना जाता है क्योंकि डोपिंग एक ऐसा महत्वपूर्ण पदार्थ है जो व्यक्ति के प्रदर्शन को बेहतर कर सकता है लेकिन सिर्फ कुछ समय के लिए पर इसके साइड इफेक्ट बहुत हानिकारक होते हैं इसके दुष्प्रभाव लंबे समय तक रहते हैं।

खेलों में डोपिंग की अनुमति क्यों नहीं है?

डोपिंग लेने से खिलाड़ियों को प्रदर्शन बढ़ाने में तो मदद मिलती है खिलाड़ियों को अच्छा करने का अवसर भी मिलता है लेकिन इसका उनके स्वास्थ्य पर गहराई से बुरा असर होता है इसके अलावा जनता के लिए भी खेल उनकी भावनाओं से जुड़ा होता है तो उनके साथ भी यह न्यायिक नहीं है।

डोपिंग विरोधी अधिकारियों का भी कहना है कि प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाइयों का उपयोग किसी भी खेल में करना खेल की भावनाओं के खिलाफ है।

डोपिंग परीक्षण कैसे होता है (Doping Test)

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किसी भी खिलाड़ी के लिए डोपिंग का टेस्ट कराना अनिवार्य होता है यह टेस्ट नाडा या फिर वाडा दोनों ही के द्वारा किया जा सकता है इसके लिए पहले एक नमूना लिया जाता है जिसको एक चरण में टेस्ट किया जाता है उसके बाद अगर यह टेस्ट सही ना लगे तो बी चरण का टेस्ट भी किया जाता है।

अगर A चरण में खिलाड़ी पॉजिटिव पाया जाता है तो खिलाड़ी को खेलने से प्रतिबंध कर दिया जाता है लेकिन अगर खिलाड़ी चाहे तो अपनी सफाई पेश करने के लिए B चरण का बेस्ट सैंपल कराने के लिए अपील कर सकता है।

लेकिन अगर बी चरण के टेस्ट में भी खिलाड़ी पॉजिटिव पाया जाता है तो खिलाड़ी को खेल से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।

इस जांच के लिए लंबे समय से स्थापित तकनीक मास स्पेक्ट्रोमेट्री का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें खिलाड़ियों के यूरीन सैंपल को लिया जाता है और फिर उसकी जांच की जाती है जिससे यह पता लगाया जाता है कि खिलाड़ी डोपिंग का इस्तेमाल कर रहा है या नहीं।

विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वादा) ने कहा है कि खेलों में डोपिंग का निषेध करने का उद्देश्य एथलीटों की सुरक्षा करना है क्योंकि डोपिंग के सेवन से एथलीट की हेल्थ पर बुरा असर होता है।

खेल में भाग लेना हर खिलाड़ी का मौलिक अधिकार है और डोपिंग से वह खिलाड़ी खेल के मैदान तक नहीं पहुंच पाते। जो वाकई खेलना डिजर्व करते हैं इसीलिए निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देने के लिए डोपिंग निषेध कार्यक्रम चलाना जरूरी है।

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